भारत और मॉरीशस के मध्य डीटीएए में संसोधन
 
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भारत और मॉरीशस के मध्य डीटीएए में संसोधन

Sun 14 Apr, 2024

सन्दर्भ

  • हाल ही में भारत और मॉरीशस ने दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन के लिए नियमों और दिशानिर्देश से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें यह तय करने के लिए एक व्यवस्था की गयी है कि कोई विदेशी निवेशक संधि लाभों का दावा करने के लिए पात्र है या नहीं।

प्रमुख बिन्दु

  • गौरतलब है कि नियमों में एक नया अनुच्छेद ‘27बी लाभ का अधिकार’ जोड़ा गया है।
  • इसमें ‘प्रिंसिपल पर्पज टेस्ट’ (पीपीटी) की व्यवस्था की गयी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संधि का लाभ केवल वास्तविक उद्देश्य वाले लेन-देन को मिले और कराधान बचाव को कम किया जा सके।
  • इस समझौते के लागू होने के बाद अगर कोई निवेश बेचा जाता है, तो उससे होने वाला कैपिटल गेंस टैक्स ही प्रभावित होगा। 
  • विदित हो कि भारत और मॉरीशस ने 1982 में डबल टैक्सेशन अवॉयडेन्स अग्रीमेंट (DTAA) किया ताकि नॉन-रेजिडेंट इन्वेस्टर्स दोहरे टैक्सेज का भुगतान करने से बच सकें।
  • संशोधित संधि का उद्देश्य कर चोरी और कर चोरी पर अंकुश लगाना है।
  • भारत-मॉरीशस संधि में संशोधन पर 7 मार्च को पोर्ट लुइस में हस्ताक्षर किए गए थे।

दोहरे कराधान के बारे में 

  • दोहरा कराधान एक कर सिद्धांत है, जो उन उदाहरणों को संदर्भित करता है जहाँ आय के एक ही स्रोत पर दो बार कर लगाया जाता है।
  • यह तब हो सकता है जब आय पर कॉरपोरेट और व्यक्तिगत स्तर दोनों पर कर लगाया जाता है।
  • दोहरा कराधान अंतरराष्ट्रीय व्यापार या निवेश के संदर्भ में भी हो सकता है जब एक ही आय पर दो अलग-अलग देशों में कर लगाया जाता है।

परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य

मॉरीशस

  • राजधानी: पोर्ट लुइस
  • मुद्रा: मॉरीशस रुपया
  • आधिकारिक भाषा: अंग्रेजी
  • प्रधान मंत्री: प्रविंद जुगनौथ

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