28 April, 2025
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
Wed 20 Sep, 2023
सन्दर्भ -
- हाल ही में प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली कार्यवाही में, महिला आरक्षण बिल (नारीशक्ति वंदन अधिनियम) प्रस्तुत किया ।
- इस अधिनियम को 128वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत पेश किया गया है।
पृष्ठभूमि:
- वर्ष 1996 में एच डी देवेगौड़ा की सरकार पहली बार ये विधेयक संसद में लेकर आई थी।
- इस विधेयक को 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी पेश किया गया था।
- 2008 में भी ऐसे प्रयास किए गए थे ।
- 2010 में राज्यसभा में यह बिल भारी बहुमत से पारित हुआ था।
- महिलाओं के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना में वर्ष 1988 में सिफारिश की गई थी कि महिलाओं को पंचायत स्तर से लेकर संसद के स्तर तक आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिये।
- संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के तहत एक-तिहाई सीटें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिये आरक्षित हैं।
विधेयक के बारे में:
- इस विधेयक के अंतर्गत लोक सभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है।
- इस विधेयक में प्रस्तावित किया गया है कि आरक्षण 15 वर्ष की अवधि तक जारी रहेगा और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों के अंर्तगत एससी/एसटी के लिए कोटा होगा।
- ध्यान देने योग्य तथ्य है कि ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान नहीं किया गया है ।
विधेयक के पास होने के बाद आने वाले परिवर्तन :
- मौजूदा समय में लोकसभा में कुल सदस्य संख्या 543 है।
- इस वक्त महिला सांसदों की संख्या 82 है।
- विधेयक पास होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी।
- इस विधेयक में संविधान के अनुच्छेद- 239AA के तहत राजधानी दिल्ली की विधानसभा में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाएगा।
- यानी, दिल्ली विधानसभा में भी 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।
महत्व:
- महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता।
- महिलाओं को उनकी क्षमता के पूर्ण विकास का अधिकार।
- महिलाओं के आत्म प्रतिनिधित्व और आत्मनिर्णय का अधिकार।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य -
- नवीन संसद भवनप्रधानमंत्री द्वारा आधारशिला:10 दिसंबर, 2020
- निर्माण प्रारम्भ: 15 जनवरी, 2021
- निर्माण अवधि - 2.5 वर्ष
- उद्घाटन -28 मई2023
- तीन राष्ट्रीय प्रतीकों को प्रमुखता:
- राष्ट्रीय पुष्प कमल,
- राष्ट्रीय पक्षी मोर,
- राष्ट्रीय वृक्ष बरगद
- शीर्ष पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ के चार सिंह स्थापित।