15 December, 2025
“भाषा मैटर्स: मदर टंग एंड मल्टीलिंग्वल एजुकेशन”
Mon 22 Dec, 2025
संदर्भ :
- यूनेस्को ने नई दिल्ली में अपनी वार्षिक फ्लैगशिप रिपोर्ट का सातवां संस्करण जारी किया, जिसका शीर्षक है “भाषा मैटर्स: मदर टंग एंड मल्टीलिंग्वल एजुकेशन” (Bhasha Matters: Mother Tongue and Multilingual Education)।
मुख्य बिन्दु :
- यह रिपोर्ट भारत में शिक्षा के क्षेत्र में भाषा की भूमिका पर केंद्रित है और मदर टंग बेस्ड मल्टीलिंग्वल एजुकेशन (MTB-MLE) को बढ़ावा देने पर जोर देती है।
- रिपोर्ट ब्रिटिश काउंसिल इंडिया और यूनिसेफ इंडिया के सहयोग से तैयार की गई है।
- यह भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की भावना से पूरी तरह मेल खाती है, जो कम से कम ग्रेड 5 तक (और अधिमानतः ग्रेड 8 तक) मातृभाषा या घरेलू भाषा में शिक्षा की सिफारिश करती है।
रिपोर्ट का मुख्य फोकस और महत्व :
- भारत विश्व की सबसे भाषाई विविधता वाली देशों में से एक है, जहां 1,369 भाषाएं बोली जाती हैं।
- हालांकि, लाखों बच्चे स्कूल में अपनी मातृभाषा से अलग भाषा में शिक्षा शुरू करते हैं, जिससे सीखने में बाधा आती है। रिपोर्ट का मुख्य तर्क है:
- बच्चे सबसे अच्छा तब सीखते हैं जब शिक्षा उनकी समझी जाने वाली भाषा में शुरू हो।
- मातृभाषा आधारित शिक्षा से पढ़ाई समझ, कक्षा भागीदारी, अवधारणा समझ और आजीवन सीखने की मजबूत नींव बनती है।
- यह समावेशी शिक्षा, भाषाई विविधता संरक्षण और बेहतर लर्निंग आउटकम्स की आधार है।
- रिपोर्ट में ट्राइबल और ग्रामीण क्षेत्रों के केस स्टडीज शामिल हैं (जैसे संताली, गोंडी, साओरा, कुई, भिली, खासी और मिजो भाषाओं में सामग्री विकास), जो दिखाते हैं कि घरेलू भाषा के उपयोग से ड्रॉपआउट कम होता है, लड़कियों और विकलांग बच्चों की भागीदारी बढ़ती है।
मुख्य निष्कर्ष (Key Findings) :
- भाषाई बाधा का प्रभाव: घरेलू भाषा से अलग माध्यम से शिक्षा शुरू होने से फाउंडेशनल लर्निंग कमजोर होती है, ड्रॉपआउट बढ़ता है, विशेषकर दूरदराज की लड़कियों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों में।
- सकारात्मक प्रमाण: मातृभाषा में शिक्षा से रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, क्लासरूम पार्टिसिपेशन और कॉन्सेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग में मापने योग्य सुधार।
- नीति और वास्तविकता का अंतर: NEP 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (2022-2023) में मल्टीलिंग्वलिज्म को मान्यता है, लेकिन जमीन पर क्रियान्वयन में कमी – शिक्षक प्रशिक्षण, सामग्री और फंडिंग की कमी।
- तकनीक की भूमिका: डिजिटल टूल्स (ट्रांसलेशन, स्पीच टेक्नोलॉजी, AI) मल्टीलिंग्वल शिक्षा को सपोर्ट कर सकते हैं, लेकिन डिजिटल डिवाइड को ध्यान में रखना जरूरी।
- सांस्कृतिक संरक्षण: स्थानीय ज्ञान और मौखिक परंपराओं को शिक्षा में शामिल करने से सांस्कृतिक विरासत बचेगी
मुख्य सिफारिशें (Recommendations) :
- राष्ट्रीय मिशन ऑन MTB-MLE: केंद्र-राज्य समन्वय से मजबूत फ्रेमवर्क।
- राज्य स्तर पर भाषा नीतियां: स्थानीय भाषाई वास्तविकताओं के अनुरूप MTB-MLE नीतियां।
- शिक्षक क्षमता निर्माण: मल्टीलिंग्वल शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण; प्री-सर्विस और इन-सर्विस ट्रेनिंग में सुधार।
- मल्टीलिंग्वल सामग्री विकास: सभी ग्रेड्स के लिए क्वालिटी टेक्स्टबुक्स, असेसमेंट और संसाधन।
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: मल्टीलिंग्वल टीचिंग और मेंटरिंग के लिए प्लेटफॉर्म्स।
- समुदाय भागीदारी: स्थानीय समुदायों को सामग्री निर्माण में शामिल करना।
- फंडिंग और मॉनिटरिंग: सतत फंडिंग और प्रभावी मॉनिटरिंग।
सकारात्मक प्रभाव और संदर्भ :
- NEP 2020 से जुड़ाव: रिपोर्ट NEP की थ्री-लैंग्वेज फॉर्मूला और मातृभाषा फोकस को मजबूत करती है।
- वैश्विक संदर्भ: यूनेस्को की ग्लोबल गाइडेंस ऑन मल्टीलिंग्वल एजुकेशन (2025) से प्रेरित, जो कहती है कि विश्व की 40% आबादी अपनी भाषा में शिक्षा नहीं पाती।
- भारत के लिए अवसर: MTB-MLE से समानता, ड्रॉपआउट कम और सांस्कृतिक संरक्षण।
यूनेस्को
- पूरा नाम: संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन
- अंग्रेज़ी नाम: United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization (UNESCO)
- स्थापना: 1945
- मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
- प्रमुख उद्देश्य: शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से शांति और सतत विकास को बढ़ावा देना
- विश्व धरोहर सम्मेलन 1972 में यूनेस्को द्वारा बनाया गया एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है
- नवीनतम जोड़ असम का मोइदम (अहोम राजवंश की टीला-दफन प्रणाली) है, जिसे जुलाई 2024 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
- प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है(इस वर्ष (2025) का विषय : "आपदाओं और संघर्षों से खतरे में विरासत: ICOMOS की 60 वर्षों की कार्रवाइयों से तैयारी और सीख")
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020)
परिचय :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित की गई थी।
- यह नीति 1986 में जारी हुई पिछली शिक्षा नीति के बाद पहली बार व्यापक बदलाव लेकर आई है।
- नीति का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना और शिक्षा को समावेशी, समग्र, लचीला तथा 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।
मुख्य उद्देश्य :
- 2030 तक 100% सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio) प्राप्त करना।
- शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6% तक सार्वजनिक व्यय सुनिश्चित करना।
- गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और समान शिक्षा सबके लिए उपलब्ध कराना।
- छात्रों के सर्वांगीण विकास (शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक) पर बल देना।
- तकनीकी, व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना।
प्रमुख विशेषताएँ :
| क्षेत्र | विशेषताएँ |
| स्कूली शिक्षा
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| उच्च शिक्षा
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| भाषा नीति
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| शिक्षक प्रशिक्षण
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| अन्य पहलें
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संरचना (5+3+3+4) :
- 5 वर्ष: फाउंडेशनल स्टेज (3 साल प्री-प्राइमरी + कक्षा 1-2)
- 3 वर्ष: प्रिपरेटरी स्टेज (कक्षा 3-5)
- 3 वर्ष: मिडिल स्टेज (कक्षा 6-8)
- 4 वर्ष: सेकेंडरी स्टेज (कक्षा 9-12)









