कर्नाटक घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2025
 
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कर्नाटक घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2025

Sat 20 Dec, 2025

संदर्भ :

  • कर्नाटक विधानसभा ने घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2025 को पारित किया, जो भारत का पहला ऐसा समर्पित कानून है।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • विधेयक नफरत फैलाने वाले भाषणों, किताबों या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियंत्रित करने का लक्ष्य रखता है
  • विधेयक का प्राथमिक उद्देश्य : किसी व्यक्ति या समूह के खिलाफ उनके धर्म, जाति, लिंग, यौन अभिविन्यास, जन्म स्थान, भाषा या विकलांगता के आधार पर नफरत फैलाने वाली अभिव्यक्ति को रोकना
  • कर्नाटक सरकार का तर्क : 'हेट स्पीच' अक्सर हिंसा और सार्वजनिक अव्यवस्था का कारण बनती है, जिसे रोकने के लिए कड़े प्रावधान आवश्यक हैं

प्रमुख विशेषताएं :

  • घृणास्पद भाषण की परिभाषा: कोई भी अभिव्यक्ति (बोलकर, लिखकर, संकेतों से, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से) जो किसी व्यक्ति, समूह या संगठन के खिलाफ असामंजस्य, शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने के इरादे से हो
  • आधार: धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, लैंगिक अभिविन्यास, जन्म स्थान, भाषा, विकलांगता आदि।

सजा के प्रावधान :

  • प्रथम अपराध: 1 से 7 साल तक की जेल और ₹50,000 का जुर्माना
  • दोहराव (Repeat Offence): 2 से 10 साल तक की जेल और ₹1,00,000 का जुर्माना
  • ये अपराध संज्ञेय (Cognisable) और गैर-जमानती (Non-bailable) होंगे

संगठनों की जिम्मेदारी:

  • अगर कोई संगठन या संस्था (रजिस्टर्ड या अनरजिस्टर्ड) घृणा अपराध करता है, तो उसके जिम्मेदार व्यक्ति दोषी माने जाएंगे
  • बचाव: साबित करना होगा कि अपराध उनकी जानकारी के बिना हुआ या उन्होंने रोकने की पूरी कोशिश की

ऑनलाइन कंटेंट:

  • राज्य सरकार का नामित अधिकारी सोशल मीडिया, इंटरमीडियरी या प्लेटफॉर्म को आदेश दे सकता है कि घृणास्पद सामग्री हटाई जाए या ब्लॉक की जाए
  • पीड़ितों के लिए: अदालत पीड़ित को नुकसान के अनुसार मुआवजा दे सकती है।

छूट (एक्सेम्प्शन):

  • वैज्ञानिक, साहित्यिक, कलात्मक कार्य
  • धार्मिक या सांस्कृतिक उद्देश्य से bona fide (सच्ची नीयत वाले) अभिव्यक्ति
  • सार्वजनिक हित में रिपोर्टिंग या प्रकाशन

घृणास्पद भाषण (Hate Speech)

  • भारत में 'घृणास्पद भाषण' को किसी एक कानून के तहत स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन विभिन्न कानूनों और संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से इसे विनियमित किया जाता है।

संवैधानिक आधार :

  • अनुच्छेद 19(1)(a) : यह प्रत्येक नागरिक को 'भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का मौलिक अधिकार प्रदान करता है। इसमें बोलना, लिखना, छापना या किसी भी अन्य माध्यम से विचार प्रकट करना शामिल है

. अनुच्छेद 19(2) - उचित प्रतिबंध :

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता निरपेक्ष (Absolute) नहीं है। राज्य निम्नलिखित आधारों पर इस पर 'उचित प्रतिबंध' लगा सकता है, जो 'हेट स्पीच' को रोकने का मुख्य संवैधानिक आधार है:

  • भारत की संप्रभुता और अखंडता (Sovereignty and Integrity of India)
  • राज्य की सुरक्षा (Security of the State)
  • विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध
  • सार्वजनिक व्यवस्था (Public Order)
  • शालीनता या नैतिकता (Decency or Morality)
  • मानहानि (Defamation)
  • न्यायालय की अवमानना
  • अपराध के लिए उकसाना (Incitement to an offence)

भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कानूनी प्रावधान :

  • धारा 196 (पुरानी IPC 153A): धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना।
  • धारा 197 (पुरानी IPC 153B): राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप या दावे करना।
  • धारा 299 (पुरानी IPC 295A): किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से ठेस पहुँचाना।
  • धारा 353 (पुरानी IPC 505): सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान (जैसे अफवाह फैलाना जिससे विद्रोह या दंगा हो सके)

अन्य महत्वपूर्ण कानून :

  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951: चुनाव के दौरान धर्म या जाति के आधार पर नफरत फैलाना 'भ्रष्ट आचरण' (Corrupt Practice) माना जाता है और उम्मीदवार को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act): सोशल मीडिया और इंटरनेट पर प्रसारित होने वाली हेट स्पीच को नियंत्रित करने के लिए (विशेषकर धारा 69A के तहत सामग्री हटाने की शक्ति)।
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989: SC/ST समुदाय के सदस्यों के विरुद्ध अपमानजनक शब्दों या नफरत भरे भाषणों को प्रतिबंधित करता है

न्यायपालिका का दृष्टिकोण :

  • प्रवासी भलाई संगठन बनाम भारत संघ (2014): कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच 'समान गरिमा' के अधिकार का उल्लंघन करती है और यह केवल शब्दों का मामला नहीं बल्कि हाशिए पर पड़े समूहों को बाहर करने की कोशिश है।
  • श्रेया सिंघल बनाम भारत संघ (2015): कोर्ट ने 'वकालत' (Advocacy) और 'उकसावे' (Incitement) के बीच अंतर स्पष्ट किया। केवल चर्चा या वकालत हेट स्पीच नहीं है जब तक कि वह हिंसा के लिए न उकसाए।
  • अमीश देवगन बनाम भारत संघ (2020): कोर्ट ने 'हेट स्पीच' और 'फ्री स्पीच' के बीच संतुलन की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी है।
  • 2023-24 के निर्देश: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि हेट स्पीच के मामलों में बिना किसी शिकायत के भी 'स्वतः संज्ञान' (Suo Motu) लेकर FIR दर्ज की जाए।

कर्नाटक राज्य

 

  • कर्नाटक दक्षिण-पश्चिमी भारत का एक राज्य है, जिसे पहले 'मैसूर राज्य' के नाम से जाना जाता था।
  • 1 नवंबर 1973 को इसका नाम बदलकर कर्नाटक कर दिया गया।
  • स्थापना दिवस: 1 नवंबर 1956 (मैसूर राज्य के रूप में), 1 नवंबर को 'कर्नाटक राज्योत्सव' मनाया जाता है
  • राजधानी: बेंगलुरु (भारत की सिलिकॉन वैली)
  • राजभाषा: कन्नड़
  • क्षेत्रफल: 1,91,791 वर्ग किमी (भारत के कुल क्षेत्र का 5.83%)
  • जनसंख्या: लगभग 6.11 करोड़ (2011 की जनगणना के अनुसार)
  • सीमाएँ: पश्चिम में अरब सागर, उत्तर-पश्चिम में गोवा, उत्तर में महाराष्ट्र, उत्तर-पूर्व में तेलंगाना, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु और दक्षिण में केरल

भौगोलिक विभाजन:

  • तटीय क्षेत्र (करावली) : समुद्र तट और मैदान
  • मालेनाडु : पश्चिमी घाट की पहाड़ियाँ (जोग फॉल्स जैसे झरने)
  • बयालुसीमे : दक्कन का पठार (काली मिट्टी)
  • प्रमुख नदियाँ: कावेरी, कृष्णा, तुंगभद्रा, शरावती

राज्य के प्रतीक (State Symbols) :

  • राज्य पशु: भारतीय हाथी
  • राज्य पक्षी: नीलकंठ (Indian Roller)
  • राज्य पुष्प: कमल
  • राज्य वृक्ष: चंदन (Sandalwood)

प्रशासन और राजनीति :

  • विधायिका: द्विसदनीय (विधानसभा और विधान परिषद)
  • विधानसभा सीटें: 224
  • विधान परिषद सीटें: 75
  • लोकसभा सीटें: 28
  • राज्यसभा सीटें: 12

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल:

  • हम्पी (विजयनगर साम्राज्य के अवशेष)
  • पट्टदकल के स्मारक
  • पश्चिमी घाट (Western Ghats)
  • होयसल मंदिर (बेलूर, हलेबिडु और सोमनाथपुरा)
  • प्रमुख पर्यटन केंद्र: मैसूर पैलेस, जोग जलप्रपात (Jog Falls), कूर्ग (भारत का स्कॉटलैंड), और गोकर्ण के समुद्र तट

संस्कृति और कला :

  • नृत्य: यक्षगान (प्रमुख लोक नृत्य), वीरगासे, और डोलू कुनिथा
  • संगीत: कर्नाटक शास्त्रीय संगीत (Carnatic Music) का उद्गम स्थल
  • साहित्य: कन्नड़ साहित्य को भारत में सबसे अधिक 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' (8 पुरस्कार) प्राप्त हुए हैं

भौगोलिक विशेषताएं :

  • प्रमुख नदियाँ: कृष्णा, कावेरी, तुंगभद्रा, शरावती और मलप्रभा
  • पर्वत श्रृंखला: पश्चिमी घाट (मलयनाडु क्षेत्र) और बाबा बुदन हिल्स (कॉफी की शुरुआत यहीं से हुई थी)
  • राष्ट्रीय उद्यान: बांदीपुर, नागरहोल, बन्नेरघट्टा और अंशी राष्ट्रीय उद्यान

इतिहास संक्षेप :

  • प्राचीन काल: मौर्य, सातवाहन, कदंब, गंग
  • मध्यकाल: चालुक्य, राष्ट्रकूट, होयसल, विजयनगर साम्राज्य (हम्पी)
  • आधुनिक: मैसूर वोडेयार, हैदर अली-टीपू सुल्तान, ब्रिटिश शासन
  • स्वतंत्रता के बाद: 1956 में भाषाई आधार पर राज्य गठन

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