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कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि

Sat 13 Dec, 2025

संदर्भ :

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से वर्ष 2026 के लिए कोपरा का उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वीकृत किया।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • किसानों को लाभकारी कीमतें देने हेतु, सरकार ने 2018-19 के केन्द्रीय बजट में घोषणा की थी कि सभी अनिवार्य फसलों का MSP पूरे भारत में उत्पादन की औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना स्तर पर तय किया जाएगा।

MSP 2026 (प्रति क्विंटल) :

  • वर्ष 2026 सीजन के लिए मिलिंग खोपरा के उचित औसत गुणवत्ता (फेयर एवरेज क्वालिटी) का MSP 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा का MSP 12,500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

पिछली सीज़न से बढ़ोतरी :

  • वर्ष 2026 सीजन के लिए MSP पिछले सीजन की तुलना में मिलिंग खोपरा के लिए 445 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।

2014 से 2026 तक MSP में ऐतिहासिक बढ़ोतरी :

  • सरकार ने विपणन सीजन 2014 के लिए मिलिंग खोपरा और बॉल खोपरा का MSP क्रमशः 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर विपणन सीजन 2026 के लिए क्रमशः 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और 12,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिसमें क्रमशः 129 प्रतिशत और 127 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

 नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF) मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत खोपरा की खरीद के लिए केन्द्रीय नोडल एजेंसियों (CNA) के तौर पर काम करते रहेंगे।

कोपरा (Copra)

  • कोपरा (जिसे खोपरा भी कहा जाता है) मूल रूप से सूखे नारियल की गिरी होती है।
  • उत्पत्ति: यह परिपक्व नारियल (Mature Coconut) को तोड़ने के बाद उसके अंदरूनी सफेद भाग (गिरी) को निकालकर धूप या भट्टी में सुखाकर तैयार किया जाता है।
  • मुख्य उद्देश्य: कोपरा का प्राथमिक उपयोग नारियल तेल निकालने के लिए किया जाता है। सूखे कोपरा में तेल की मात्रा काफी अधिक होती है।
  • प्रसंस्करण: पारंपरिक रूप से इसे धूप में सुखाया जाता है, जिसके बाद इसे घानी या मशीनों में पीसकर तेल निकाला जाता है। तेल निकालने के बाद बचे हुए अवशेष को खल (Oil Cake) कहते हैं, जिसका उपयोग पशु आहार के रूप में होता है।

कोपरा के मुख्य प्रकार :

प्रकार विवरण मुख्य उपयोग उत्पादन क्षेत्र
मिलिंग कोपरा यह सूखे नारियल के टुकड़ों (Cup Copra) के रूप में होता है। इसे तेल निकालने के लिए संसाधित किया जाता है। नारियल तेल (Coconut Oil) के उत्पादन के लिए। केरल और तमिलनाडु जैसे प्रमुख तेल उत्पादक राज्य
बॉल कोपरा यह पूरा, बिना टूटा हुआ सूखा नारियल होता है। इसे धीमी गति से सूखने दिया जाता है और इसका आकार गेंद (Ball) जैसा होता है। सूखे मेवे के रूप में खाने (Edible Copra) के लिए, मिठाई (जैसे कोपरा पाक), और धार्मिक कार्यों में उपयोग होता है। कर्नाटक जैसे क्षेत्र

नारियल (कोकोस न्यूसीफेरा)

नारियल, जिसका वानस्पतिक नाम कोकोस न्यूसीफेरा (Cocos Nucifera) है, एक अत्यंत उपयोगी और बहुमुखी पौधा है जिसे अक्सर 'कल्पवृक्ष' (Wish-granting tree) भी कहा जाता है।

नारियल (Cocos Nucifera):

विशेषता विवरण
वानस्पतिक नाम कोकोस न्यूसीफेरा (Cocos Nucifera)
कुल (Family) एरेकेसी (Arecaceae) – ताड़ (Palm) परिवार
सामान्य नाम नारियल, श्रीफल, कोकोनट
वितरण मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय (Tropical) और उपोष्णकटिबंधीय (Sub-tropical) तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
भारत में उत्पादक राज्य केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र।

कृषि की परिस्थितियाँ :

  • जलवायु: 20–32 डिग्री सेल्सियस तापमान और 100–300 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा वाले गर्म, आर्द्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ वृद्धि।
  • मृदा एवं जल: अच्छी जलनिकास वाली बलुई दोमट या लैटराइट मृदा, पर्याप्त नमी के साथ, परंतु जलभराव नहीं।

शीर्ष उत्पादक :

  • वैश्विक स्तर पर: इंडोनेशिया, फिलीपींस, भारत, श्रीलंका, ब्राजील।
  • भारत में नारियल विकास बोर्ड का मुख्यालय: कोच्चि, केरल

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

  • MSP भारत सरकार द्वारा कृषि उत्पादकों को कृषि कीमतों में किसी भी तेज गिरावट के खिलाफ बीमा करने के लिए बाजार हस्तक्षेप (market intervention) का एक रूप है।

MSP का वर्तमान निर्धारण तंत्र :

  • MSP का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (the Commission for Agricultural Costs and Prices: CACP) के दायरे में आता है, शुरुआत में 1965 में कृषि मूल्य आयोग (Agricultural Prices Commission) के रूप में स्थापित किया गया था और बाद में 1985 में इसका नाम बदल दिया गया।
  • CACP द्वारा MSP के निर्धारण में विभिन्न कारकों जैसे उत्पादन लागत, मांग और आपूर्ति, बाजार मूल्य रुझान, अंतर-फसल मूल्य समानता आदि पर विचार करता है।
  • CACP द्वारा अनुमानित उत्पादन लागत (Production Cost) के प्रकार
  • प्रत्येक फसल के लिए, CACP राज्य और अखिल भारतीय औसत स्तर पर तीन प्रकार की उत्पादन लागत का अनुमान लगाता है
  • A2': इसमें किसान द्वारा बीज, उर्वरक, कीटनाशक, किराए पर लिया गया श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि, ईंधन, सिंचाई आदि पर नकद और वस्तु के रूप में सीधे तौर पर की गई सभी भुगतान लागत शामिल है।
  • 'A2+एफएल': इसमें A2 प्लस अवैतनिक पारिवारिक श्रम (FL) का अनुमानित मूल्य शामिल है।
  • 'C2': अधिक व्यापक लागत जो A2+FL के शीर्ष पर, स्वामित्व वाली भूमि और अचल पूंजी संपत्तियों के किराये और ब्याज को ध्यान में रखती है।
  • CACP एमएसपी की सिफारिश करते समय A2+FL और C2 दोनों लागतों पर विचार करता है और रिटर्न की लागत के लिए यह केवल A2+FL पर विचार करता है।
  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के भीतर काम करते हुए, CACP भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs :CCEA) को अपनी सिफारिशें भेजती है, जो अंततः MSP स्तरों के संबंध में अंतिम निर्णय लेती है।

वर्तमान में CACP 22 वस्तुओं के लिए MSP की सिफारिश करता है जिसमें खरीफ सीजन की 14 फसलें, 6 रबी फसलें और 2 अन्य वाणिज्यिक फसलें शामिल हैं: -

Category श्रेणी फसल
7 अनाज धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ और मड़ुआ या फिंगर बाजरा
5 दालें चना, तुअर या अरहर, मूंग या मूंग, उड़द या काली मसूर, मसूर
7 तिलहन मूंगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम और नाइजर
3 वाणिज्यिक फसलें खोपरा, कपास और कच्चा जूट

 

नोट: गन्ने के लिए, सरकार फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) की घोषणा करती है।

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