08 December, 2025
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2025
Sun 14 Dec, 2025
संदर्भ :
- ग्लोबल वार्मिंग को कम करने तथा ऊर्जा संसाधनों के कुशल और विवेकपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है।
मुख्य बिन्दु :
- आयोजन : 1991 से प्रतिवर्ष
- उद्देश्य : ऊर्जा की खपत कम करने और सभी क्षेत्रों में ऊर्जा के कुशल उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना
- ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के लागू होने के बाद, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने देशभर में इस दिशा में प्रयासों का नेतृत्व करना शुरू किया।
- इनमें जागरूकता कार्यक्रम, स्कूलों में प्रतियोगिताएं और राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (NECA) 2025 के प्रमुख विजेता :
- परिवहन/मेट्रो {ईस्ट विनोद नगर मेट्रो स्टेशन (दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर)} : ऊर्जा संरक्षण के लिए उत्कृष्ट उपाय अपनाने हेतु सम्मानित किया गया
- राज्य स्तरीय उपलब्धि (आंध्र प्रदेश) : राज्य ने ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में लगातार चौथी बार राष्ट्रीय उपलब्धि पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने MSMEs और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए लक्षित नीतियाँ लागू कीं।
- आयोजक: यह पुरस्कार विद्युत मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency - BEE) द्वारा आयोजित किया जाता है
- प्रदानकर्ता: विजेताओं को अक्सर भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है
- राष्ट्रपति का संदेश: 2025 के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मु ने 'लाइफस्टाइल फॉर एन्वायरनमेंट (LiFE)' के संदेश पर जोर दिया
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (NECA) 2025 के अंतर्गत एक नई श्रेणी - "कंटेंट क्रिएटर्स और प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार" - शुरू करने की घोषणा की है।
भारत का वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य (2025 की स्थिति)
| आयाम | विश्लेषण |
| बढ़ती मांग | भारत दुनिया के शीर्ष तीन ऊर्जा उपभोक्ताओं में है। बिजली जेनरेशन में 5.21% की वृद्धि (2023-24 से 2024-25) और 2025-26 के लिए 2,000.4 BU का लक्ष्य मांग की तीव्र वृद्धि को दर्शाता है। |
| सिस्टम रेजिलिएंस | ज़ीरो कमी के साथ 241 GW की पीक डिमांड को सफलतापूर्वक पूरा करना, बेहतर सिस्टम रेजिलिएंस और डिमांड-सप्लाई प्रबंधन की सफलता को दर्शाता है। |
| ऊर्जा मिश्रण परिवर्तन | यह सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है: कुल स्थापित क्षमता 505 GW हो गई है, जिसमें 50% से अधिक (259 GW) क्षमता अब गैर-जीवाश्म स्रोतों (सौर, पवन, जल, परमाणु) से आती है। यह दर्शाता है कि भारत न केवल ऊर्जा की पहुंच, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के मार्ग पर भी आगे बढ़ रहा है। |
प्रमुख ऊर्जा संरक्षण पहलें (कोर स्कीम्स)
औद्योगिक ऊर्जा दक्षता :
| पहल | विश्लेषण | प्रभाव और महत्व |
| PAT योजना (Perform, Achieve and Trade) | यह औद्योगिक दक्षता का बुनियादी कार्यक्रम था। | इसने लक्ष्य से बेहतर प्रदर्शन करने वाले उद्योगों को ESCerts (एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट) के माध्यम से बाजार-आधारित प्रोत्साहन दिया। इसने बड़े पैमाने पर ऊर्जा दक्षता सुधारों की नींव रखी। |
| कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम (CCTS) | यह PAT का उत्तराधिकारी और भारत का नया बाजार-आधारित औद्योगिक डिकार्बोनाइजेशन फ्रेमवर्क है। यह GHG उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्यों को सीधे कार्बन क्रेडिट से जोड़ता है। | यह ऊर्जा दक्षता को सीधे जलवायु परिणामों से जोड़ता है। दिसंबर 2025 तक, कई प्रमुख ऊर्जा-गहन उद्योगों को इसमें स्थानांतरित किया जा चुका है, जो डिकार्बोनाइजेशन की गंभीरता को दर्शाता है। |
घरेलू ऊर्जा दक्षता :
| पहल | विश्लेषण | प्रभाव और महत्व |
| स्टैंडर्ड्स एंड लेबलिंग (S&L) | 28 उपकरण श्रेणियों (17 अनिवार्य) को कवर करता है। यह स्टार लेबल के माध्यम से उपभोक्ता को सूचित करता है और उच्च दक्षता वाली तकनीक अपनाने के लिए निर्माताओं को प्रोत्साहित करता है। | यह बाजार परिवर्तन (Market Transformation) के लिए सबसे प्रभावी साधन है, जिससे उच्च दक्षता वाले उत्पादों की मांग और आपूर्ति बढ़ती है। |
| उजाला एलईडी प्रोग्राम | 36.87 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए गए। इसका लक्ष्य किफायती कुशल एलईडी प्रदान करना है। | 47,883 मिलियन kWh की वार्षिक ऊर्जा बचत और ₹19,153 करोड़ की लागत बचत इस योजना को विश्व स्तर पर सफल बनाती है। इसका मॉडल मलेशिया में भी एक्सपोर्ट किया गया है। |
| PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना | ₹75,021 करोड़ के बजट से 1 करोड़ घरों को रूफटॉप सोलर से जोड़ना, जिसमें 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लक्ष्य है। दिसंबर 2025 तक 23.9 लाख से अधिक इंस्टॉलेशन हो चुके हैं। | यह विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा (Distributed RE) को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देता है, जिससे न केवल ऊर्जा बिल कम होते हैं, बल्कि ग्रिड पर निर्भरता भी कम होती है। |
बिल्डिंग्स और डिजिटल फ्रेमवर्क :
- ECBC/ECSBC: वाणिज्यिक भवनों के लिए न्यूनतम दक्षता मानक तय करता है, जिसे अब सस्टेनेबिलिटी तक बढ़ाया गया है।
- इको निवास संहिता (ENS): आवासीय भवनों में बेहतर डिजाइन, वेंटिलेशन और इन्सुलेशन के माध्यम से ऊर्जा खपत कम करने पर केंद्रित है।
- RDSS: यह DISCOMs के वित्तीय प्रदर्शन को मजबूत करने पर केंद्रित है। 4.76 करोड़ स्मार्ट मीटर की स्थापना से AT&C (Aggregate Technical & Commercial) नुकसान कम करने और बिलिंग दक्षता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
भारत का वैश्विक नेतृत्व और आगे का रास्ता :
- अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव: भारत ने ISA, GBA, CDRI, और IRENA में सक्रिय भागीदारी से ऊर्जा संक्रमण में ग्लोबल साउथ के लिए नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाई है।
- GBA की सफलता: 25 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन GBA में शामिल हुए हैं, जो सतत ईंधनों को बढ़ावा देने में भारत की पहल पर वैश्विक भरोसे को दर्शाता है।
- ISA की महत्वाकांक्षा: 1 ट्रिलियन USD निवेश और 1,000 GW सौर क्षमता का लक्ष्य (2030 तक) ISA के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, जैसा कि 8वीं ISA असेंबली में स्पष्ट हुआ।
NDC और नेट-ज़ीरो लक्ष्य:
- 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन
- 2030 तक GDP की उत्सर्जन तीव्रता 45% कम करना
- 50% स्थापित बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म स्रोतों से
- BEE की केंद्रीय भूमिका: PAT/CCTS, S&L, और राष्ट्रीय पुरस्कारों के माध्यम से BEE यह सुनिश्चित कर रहा है कि ऊर्जा दक्षता दैनिक निर्णयों का एक स्वाभाविक हिस्सा बन जाए।









