08 December, 2025
NRL को ‘नवरत्न’ का दर्जा
Sat 06 Dec, 2025
संदर्भ :
- वित्त मंत्रालय ने हाल ही में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) को ‘नवरत्न’ का दर्जा प्रदान किया है, जिसके साथ ही यह यह दर्जा प्राप्त करने वाला 27वाँ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) बन गया है।
मुख्य बिन्दु :
- दर्जा: NRL को "नवरत्न" का दर्जा मिला है, जो PSU के लिए एक महत्वपूर्ण अपग्रेड है
- क्रम: यह भारत का 27वां नवरत्न CPSE है
- लाभ: नवरत्न दर्जा मिलने से NRL को अब बिना सरकारी मंजूरी के ₹1,000 करोड़ तक के निवेश और रणनीतिक फैसले लेने की छूट मिल गई है, जिससे प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है
- प्रदर्शन: यह दर्जा कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन (FY 2024-25 में ₹25,147 करोड़ का टर्नओवर और ₹1,608 करोड़ का शुद्ध लाभ) की मान्यता है
- स्वामित्व: ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) की NRL में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, और असम सरकार भी एक प्रमुख हितधारक है
- प्रभाव: यह पूर्वोत्तर भारत के लिए गर्व का क्षण है और वहां औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा
नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) :
- NRL भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की एक प्रमुख तेल शोधन इकाई (Oil Refining Unit) है, जिसका भारतीय ऊर्जा क्षेत्र और क्षेत्रीय विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान है।
- स्थान: नुमालीगढ़, गोलाघाट जिला, असम
- स्थापना: 22 अप्रैल 1993 को। इसे ऐतिहासिक असम समझौते (Assam Accord, 1985) के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था, इसलिए इसे "असम समझौता रिफाइनरी" भी कहा जाता है
- शुभारंभ: 9 जुलाई 1999 को, तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा देश को समर्पित की गई
- प्रशासन: यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) है
क्षमता और परियोजनाएँ
- वर्तमान क्षमता: इसकी वर्तमान शोधन क्षमता 3 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) है
- विस्तार परियोजना: NRL वर्तमान में एक बड़ी रिफाइनरी विस्तार परियोजना (NREP) पर काम कर रहा है, जिसका लक्ष्य क्षमता को 3 MMTPA से बढ़ाकर 9 MMTPA करना है
अन्य परियोजनाएँ:
- इस विस्तार परियोजना में ओडिशा के पारादीप से नुमालीगढ़ तक कच्चे तेल की पाइपलाइन और नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक उत्पाद पाइपलाइन बिछाना शामिल है
- NRL ने बाँस-आधारित 2G बायोएथेनॉल संयंत्र भी स्थापित किया है, जो हरित ऊर्जा और क्षेत्र के सतत विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शेयरधारिता :
- NRL के प्रमुख शेयरधारक हैं:
- ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL): 69.63%
- असम सरकार: 26%
- इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL): 4.37%
नवरत्न का दर्जा मिलने के बाद NRL को निम्नलिखित प्रमुख लाभ और स्वायत्तता प्राप्त होगी:
| पहलू (Aspect) | प्रभाव (Impact) |
| निवेश सीमा (Investment Limit) | बोर्ड को अब सरकारी मंजूरी के बिना ₹1,000 करोड़ तक या अपनी शुद्ध मूल्य (Net Worth) के 15% तक के एकल निवेश को मंज़ूरी देने का अधिकार है। |
| कुल सीमा (Total Limit) | एक वर्ष में कुल निवेश सीमा उसकी शुद्ध मूल्य के 30% तक बढ़ जाती है। |
| विलय और अधिग्रहण (M&A) | अब NRL का बोर्ड संयुक्त उद्यमों, पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों (Wholly Owned Subsidiaries) को स्थापित करने या घरेलू एवं विदेशी कंपनियों के साथ विलय और अधिग्रहण (Mergers and Acquisitions) पर तेज़ी से निर्णय ले सकता है। |
| मानव संसाधन (HR) | कंपनी के प्रमुख प्रबंधकीय पदों के सृजन और पुनर्गठन में अधिक लचीलापन मिलेगा। |
| वैश्विक प्रतिस्पर्धा | त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से NRL को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। |









