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सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाला नैनोप्लास्टिक मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा: INST मोहाली अध्ययन

Thu 04 Dec, 2025

संदर्भ :

  • इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (INST), मोहाली के वैज्ञानिकों द्वारा किए एक अध्‍ययन के अनुसार सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक गट बैक्टीरिया और ह्यूमन सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • टीम: अध्ययन का नेतृत्व प्रो. मनीष सिंह, प्रशांत शर्मा, और साक्षी डागरिया ने किया, जो INST के केमिकल बायोलॉजी यूनिट से हैं।
  • उद्देश्य: सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक्स (PBNPs) के जैविक प्रभावों को समझना, विशेष रूप से आंत के माइक्रोबायोम, रक्त कोशिकाओं, और सामान्य कोशिकीय प्रतिक्रियाओं पर।

प्रक्रिया:

  • INST ने वास्तविक पर्यावरणीय परिस्थितियों को दोहराने के लिए लैब में PET बोतलों से नैनोप्लास्टिक्स (50-850 नैनोमीटर) तैयार किए।
  • इन नैनोप्लास्टिक्स का तीन जैविक मॉडल्स पर परीक्षण किया गया:
  • लैक्टोबैसिलस रम्नोसस (Lactobacillus rhamnosus): आंत का एक फायदेमंद प्रोबायोटिक बैक्टीरिया।
  • लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells): रक्त संगतता (blood compatibility) का आकलन।
  • A549 मानव उपकला कोशिकाएं (Human Epithelial Cells): सामान्य कोशिकीय प्रतिक्रियाओं का मॉडल।

आंत के बैक्टीरिया (Gut Microbiome) पर प्रभाव

लैक्टोबैसिलस रम्नोसस पर प्रभाव:

  • वृद्धि में कमी: 16 दिनों तक नैनोप्लास्टिक्स के संपर्क में रहने पर बैक्टीरिया की व्यवहार्यता (viability) और प्रजनन दर (proliferation) में खुराक और समय पर निर्भर कमी देखी गई।
  • मेम्ब्रेन डैमेज: कॉन्फोकल माइक्रोस्कोपी ने बैक्टीरियल मेम्ब्रेन को नुकसान की पुष्टि की।
  • प्रोटेक्टिव फंक्शन्स में कमी: बैक्टीरिया की एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गतिविधियां कम हुईं, जिससे उनकी आंत को सुरक्षित रखने की क्षमता प्रभावित हुई।
  • बायोफिल्म और ऑटोएग्रिगेशन: नैनोप्लास्टिक्स ने बायोफिल्म निर्माण और बैक्टीरिया के ऑटोएग्रिगेशन को बढ़ाया, जो डिस्बायोसिस (dysbiosis) का संकेत है।
  • एंटीबायोटिक संवेदनशीलता: बैक्टीरिया की एंटीबायोटिक्स के प्रति संवेदनशीलता बढ़ गई, जो एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (AR) के प्रसार को और जटिल करता है।
  • कोलोनाइजेशन में कमी: कोलन उपकला कोशिकाओं (colon epithelial cells) से बैक्टीरिया का आसंजन (adhesion) कम हुआ, जिससे आंत में उनकी उपनिवेशण (colonization) क्षमता प्रभावित हुई।

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (AR) का प्रसार:

  • नैनोप्लास्टिक्स दो तंत्रों के माध्यम से AR जीन के प्रसार को बढ़ावा देते हैं:
  • डायरेक्ट ट्रांसफॉर्मेशन: PBNPs AR प्लास्मिड्स को बैक्टीरियल मेम्ब्रेन के पार ले जाते हैं, जिससे E. coli से L. acidophilus जैसे बैक्टीरिया में जीन ट्रांसफर होता है।
  • OMV-इंड्यूस्ड ट्रांसफर: नैनोप्लास्टिक्स ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और बैक्टीरियल सतह को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे स्ट्रेस रिस्पॉन्स जीन सक्रिय होते हैं और बाह्य मेम्ब्रेन वेसिकल्स (OMVs) का स्राव बढ़ता है। ये OMVs AR जीन ले जाते हैं और असंबंधित बैक्टीरिया में जीन ट्रांसफर करते हैं।
  • यह तंत्र लाभकारी बैक्टीरिया को AR जीन का रिजर्वायर बना सकता है, जो बाद में रोगजनक बैक्टीरिया में स्थानांतरित हो सकते हैं, जिससे वैश्विक एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस संकट बढ़ता है।

मानव कोशिकाओं (Human Cells) पर प्रभाव

लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells):

  • उच्च सांद्रता पर नैनोप्लास्टिक्स ने लाल रक्त कोशिकाओं की मेम्ब्रेन को नुकसान पहुंचाया, जिससे हेमोलिटिक परिवर्तन (premature cell destruction) हुए।
  • यह रक्त की ऑक्सीजन-वहन क्षमता और समग्र रक्त स्थिरता (blood stability) को प्रभावित कर सकता है, जिससे एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

A549 उपकला कोशिकाएं (Epithelial Cells):

  • अल्पकालिक प्रभाव: कम समय के संपर्क में न्यूनतम प्रभाव देखे गए।
  • दीर्घकालिक प्रभाव (लंबे समय तक संपर्क):
  • DNA डैमेज: नैनोप्लास्टिक्स ने जेनोटॉक्सिक प्रभाव दिखाए, जिससे DNA क्षति (γH2AX मार्कर) हुई।
  • ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस: रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) का स्तर बढ़ा, जिससे सेलुलर डैमेज हुआ।
  • एपोप्टोसिस: कोशिका मृत्यु (apoptosis) के मार्कर बढ़े।
  • सूजन: प्रो-इन्फ्लेमेटरी सिग्नलिंग (IL-6, TNF-α) बढ़ी, जो क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन का कारण बन सकती है।
  • मेटाबॉलिक बदलाव: ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म, अमीनो एसिड संतुलन, और लिपिड-संबंधी मार्गों में बदलाव देखे गए, जो ऊर्जा और पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं।
  • म्यूटेजेनिक पोटेंशियल: Ames टेस्ट में प्रत्यक्ष म्यूटेजेनिसिटी नहीं दिखी, लेकिन मेटाबॉलिक एक्टिवेशन के बाद म्यूटेजेनिक क्षमता बढ़ी, जो बायोएक्टिवेशन-निर्भर जेनोटॉक्सिसिटी का संकेत देता है।

नैनोप्लास्टिक्स की विशेषताएं और जोखिम :

  • आकार और जैव-उपलब्धता: PBNPs (50-850 nm) इतने छोटे होते हैं कि वे आसानी से कोशिका मेम्ब्रेन, आंत की दीवार, और अन्य ऊतकों में प्रवेश कर सकते हैं। ये माइक्रोप्लास्टिक्स की तुलना में 1000 गुना अधिक विषाक्त हो सकते हैं।
  • ट्रोजन हॉर्स प्रभाव: नैनोप्लास्टिक्स अन्य हानिकारक रसायनों (phthalates, bisphenols, heavy metals) को अपने साथ ले जाते हैं, जो उनके विषाक्त प्रभाव को बढ़ाते हैं।
  • पर्यावरणीय प्रासंगिकता: INST ने वास्तविक PET बोतलों से नैनोप्लास्टिक्स तैयार किए, जो पर्यावरण में मौजूद प्रदूषकों का बेहतर प्रतिनिधित्व करते हैं। ये बोतलें धूप, गर्मी, और मैकेनिकल स्ट्रेस के कारण टूटकर नैनोप्लास्टिक्स छोड़ती हैं।
  • एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा: नैनोप्लास्टिक्स AR जीन के प्रसार को बढ़ावा देते हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य संकट को और गंभीर बनाता है।

प्लास्टिक

  • स्टिक एक विस्तृत श्रेणी के सिंथेटिक या अर्ध-सिंथेटिक कार्बनिक यौगिक हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाने में किया जाता है।
  • प्लास्टिक शब्द ग्रीक शब्द plastikos से आया है, जिसका अर्थ है 'ढालने में सक्षम' (capable of being molded)

प्लास्टिक का वर्गीकरण

संरचना के आधार पर :

  • थर्मोप्लास्टिक्स (Thermoplastics) : ये प्लास्टिक गर्म करने पर नरम हो जाते हैं और ठंडा करने पर कठोर हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराया जा सकता है। इसलिए, ये प्लास्टिक पुनर्चक्रण (Recycling) के लिए आदर्श होते हैं।
  • उदाहरण: पॉलीथीन (PE), पॉलीप्रोपीलीन (PP), पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC), पॉलीस्टाइरीन (PS), PET
  • थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (Thermosetting Plastics) : ये प्लास्टिक गर्म करने पर स्थायी रूप से कठोर हो जाते हैं। एक बार कठोर होने के बाद, इन्हें दोबारा गर्म करके नरम नहीं किया जा सकता। इन्हें पुनर्चक्रित करना बहुत मुश्किल होता है।
  • उदाहरण: बेकेलाइट (Bakelite), मेलामाइन (Melamine), एपॉक्सी रेजिन (Epoxy Resins)

प्लास्टिक के प्रकार और पुनर्चक्रण कोड (Recycling Codes) :

  • अधिकांश उपभोग वाले प्लास्टिक को उनकी रासायनिक संरचना के आधार पर पहचानने और पुनर्चक्रण (Recycling) की सुविधा के लिए एक नंबर दिया जाता है, जिसे राल पहचान कोड (Resin Identification Code - RIC) कहा जाता है।
कोड संक्षिप्त नाम पूरा नाम सामान्य उपयोग
1 PET या PETE पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थालेट पानी/सोडा की बोतलें, खाद्य जार, कपड़े के फाइबर
2 HDPE उच्च घनत्व पॉलीइथाइलीन दूध की बोतलें, डिटर्जेंट की बोतलें, खिलौने
3 PVC पॉलीविनाइल क्लोराइड पाइप (प्लंबिंग), विंडो फ्रेम, केबल इंसुलेशन, चिकित्सा उपकरण
4 LDPE निम्न घनत्व पॉलीइथाइलीन प्लास्टिक बैग, रैपिंग फिल्म, लचीली बोतलें
5 PP पॉलीप्रोपीलीन दही के कंटेनर, दवा की बोतलें, माइक्रोवेव कंटेनर, कार के पुर्जे
6 PS पॉलीस्टाइरीन डिस्पोजेबल कप, फोम पैकेजिंग (स्टायरोफोम), कटलरी
7 OTHER अन्य पॉलीकार्बोनेट (PC), नायलॉन, या मिश्रित प्लास्टिक

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