08 December, 2025
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC) की 7वीं NSA बैठक
Sat 22 Nov, 2025
संदर्भ :
- कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (Colombo Security Conclave - CSC) की 7वीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की बैठक का आयोजन 20 नवंबर 2025, को नई दिल्ली में किया गया।
मुख्य बिन्दु :
- अध्यक्षता: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल द्वारा
- आयोजन स्थल: नई दिल्ली, भारत
- सदस्य देश: भारत, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका और बांग्लादेश
- प्रतिभागी दल और प्रतिनिधि :
-
- इब्राहिम लतीफ़: NSA, मालदीव
- राहुल रसगोत्रा: NSA, मॉरीशस
- एयर वाइस मार्शल संपथ थुयाकोंठा (रिटायर्ड) : रक्षा मंत्रालय के सचिव, श्रीलंका
- डॉ. खलील-उर-रहमान : NSA, बांग्लादेश
- बद्रुल शाह मोहम्मद इदरीस : राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उप निदेशक (अतिथि), मलेशिया
- अजीत डोभाल (अध्यक्षता) : NSA, भारत
- मेजर जनरल माइकल रोसेट : रक्षा बलों के प्रमुख (पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल), सेशेल्स
- नया सदस्य: सेशेल्स (Seychelles), जो पहले एक पर्यवेक्षक (Observer) देश था, इस बैठक में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुआ
- अतिथि देश: मलेशिया ने पहली बार एक 'अतिथि' (Guest) के रूप में बैठक में भाग लिया
- मुख्य उद्देश्य: बैठक में सदस्य देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की
- थीम : हिंद महासागर क्षेत्र में समन्वित सुरक्षा सहयोग
- पाँच प्रमुख सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने पर सहमति बनी।
- प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण व तकनीकी साझेदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
- क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की गई।
- हिंद महासागर क्षेत्र में उभरते खतरों, जैसे- साइबर अटैक, समुद्री डकैती, ड्रग तस्करी से निपटने पर जोर दिया गया।
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC) :
- हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय समूह है
- स्थापना : 2011 में भारत, श्रीलंका और मालदीव द्वारा त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह के रूप में
- वर्ष 2022 में मॉरीशस जबकि बांग्लादेश वर्ष 2024 में इस सम्मेलन में शामिल हुआ।
- अगस्त 2024 में कोलंबो (श्रीलंका) में इसके स्थापना दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर हुए
- सदस्य देश: भारत, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस, बांग्लादेश (2025 में सेशेल्स पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल)
- अन्य भागीदार: सेशेल्स (पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल), मलेशिया (पहली बार अतिथि के रूप में)
सहयोग के 5 प्रमुख स्तंभ :
- समुद्री सुरक्षा और संरक्षा : समुद्री अपराध, समुद्री डकैती और अवैध तस्करी को रोकना
- आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला : आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और सूचना साझाकरण
- तस्करी और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध का मुकाबला : नशीले पदार्थ, मानव और हथियार तस्करी को रोकना
- साइबर सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा : डिजिटल खतरों से निपटना
- मानवीय सहायता और आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief - HADR) : प्राकृतिक आपदाओं में मदद करना
भारत के लिए महत्व :
- SAGAR नीति: CSC, भारत की 'सागर' (SAGAR: Security and Growth for All in the Region) नीति के अनुरूप है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करने पर ज़ोर देती है।
- क्षेत्रीय नेतृत्व: यह मंच भारत को अपने पड़ोसियों के साथ सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद महासागर में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदाता के रूप में अपनी भूमिका स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है।
हिंद महासागर का भारत के लिए महत्व
- केंद्र स्थल: अफ्रीका से ऑस्ट्रेलिया तक फैला हिंद महासागर भारत को मलक्का व होर्मुज जैसे महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर रणनीतिक स्थिति प्रदान करता है।
- व्यापार मार्ग: भारत का लगभग 95% व्यापार (मात्रा) और 68% व्यापार (मूल्य) इसी महासागर से होकर गुजरता है।
- ऊर्जा सुरक्षा: भारत अपनी 80% कच्चे तेल की आपूर्ति हिंद महासागर मार्गों से प्राप्त करता है।
- खनिज संपदा: यह क्षेत्र अपतटीय तेल उत्पादन का 40% देता है और निकल, कोबाल्ट, तांबे जैसे खनिजों से समृद्ध है।
- मत्स्य उद्योग: हिंद महासागर भारत के लिए बड़े मत्स्य संसाधन उपलब्ध कराता है









