08 December, 2025
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 2026
Thu 20 Nov, 2025
संदर्भ :
- ब्राज़ील के बेलम में चल रहे संयुक्त राष्ट्र COP30 जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (Climate Change Performance Index - CCPI) 2026 रिपोर्ट जारी की गई।
मुख्य बिन्दु :
जारीकर्ता संगठन: इसे संयुक्त रूप से तीन अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा जारी किया जाता है:
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- जर्मनवाच
- न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट
- क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल
- प्रकाशन: वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष
- दायरा: यह सूचकांक 63 देशों और यूरोपीय संघ (EU) के प्रदर्शन को ट्रैक करता है, जो सामूहिक रूप से वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन के 90% से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं।
- उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय जलवायु राजनीति में पारदर्शिता को बढ़ावा देना और विभिन्न देशों द्वारा किए गए जलवायु संरक्षण प्रयासों की तुलना करने में सक्षम बनाना है। यह पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में देशों की प्रगति को दर्शाता है।
मूल्यांकन मानदंड :
CCPI देशों के प्रदर्शन का आकलन चार प्रमुख श्रेणियों में करता है, जिन्हें कुल स्कोर में अलग-अलग भार दिया गया है:
| क्र. सं. | मूल्यांकन श्रेणी | कुल स्कोर में भार |
| 1. | ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG Emissions) | 40% |
| 2. | नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) | 20% |
| 3. | ऊर्जा उपयोग (Energy Use) | 20% |
| 4. | जलवायु नीति (Climate Policy) | 20% |
वैश्विक अवलोकन :
- खाली छोड़े गए हैं। (क्योंकि कोई भी देश पेरिस समझौते के 1.5°C लक्ष्य के अनुरूप पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है)
- सर्वाधिक रैंक वाला देश : डेनमार्क (4वाँ स्थान)
- शीर्ष प्रदर्शनकर्ता (Top 5) : 4. डेनमार्क, 5. यूनाइटेड किंगडम, 6. मोरक्को
- सबसे निचले स्थान वाले देश : सऊदी अरब (67वाँ), ईरान (66वाँ), और संयुक्त राज्य अमेरिका (65वाँ)
भारत का प्रदर्शन :
समग्र रैंकिंग और रुझान :
| सूचकांक वर्ष | रैंक | बदलाव | प्रदर्शन श्रेणी |
| CCPI 2026 | 23वाँ स्थान | पिछले साल से 13 स्थान की गिरावट | मध्यम प्रदर्शनकर्ता (Medium Performer) |
| CCPI 2025 | 10वाँ स्थान | - | उच्च प्रदर्शनकर्ता (High Performer) |
रैंकिंग में गिरावट के मुख्य कारण :
- कोयला चरणबद्ध समाप्ति योजना का अभाव: भारत में कोयले के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए कोई राष्ट्रीय समय-सीमा (National Coal Exit Timeline) निर्धारित नहीं है।
- जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता: भारत को दुनिया के सबसे बड़े तेल, गैस और कोयला उत्पादकों में शामिल किया गया है, और नए कोयला खनन ब्लॉकों की नीलामी जारी है।
- GHG उत्सर्जन प्रवृत्ति: हाल के वर्षों में भारत के ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन की प्रवृत्ति में स्थिर वृद्धि जारी रही है।
चार प्रमुख श्रेणियों में प्रदर्शन (CCPI 2026) :
| श्रेणी | प्रदर्शन रेटिंग | मुख्य बिंदु |
| ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) | मध्यम (Medium) | भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत से काफी कम है, जो एक सकारात्मक पहलू है। |
| नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) | निम्न (Low) | नवीकरणीय क्षमता में प्रगति के बावजूद, कोयला पर निर्भरता और बड़े ग्रिड-स्केल परियोजनाओं से जुड़े भूमि विवाद/जल तनाव जैसे मुद्दों ने स्कोर को कम किया। |
| ऊर्जा उपयोग (Energy Use) | मध्यम (Medium) | ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) कार्यक्रमों के बावजूद, प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत में वृद्धि जारी है। |
| जलवायु नीति (Climate Policy) | मध्यम (Medium) | भारत की औपचारिक रणनीति और महत्वाकांक्षी 2030 लक्ष्य (NDC) सराहनीय हैं, लेकिन कोयला चरणबद्ध समाप्ति योजना की कमी नीति स्कोर को कमजोर करती है। |
सकारात्मक पहलू और उपलब्धियाँ :
- कम प्रति व्यक्ति उत्सर्जन: भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अभी भी कई विकसित देशों और वैश्विक औसत की तुलना में काफी कम है, जो जलवायु न्याय के सिद्धांत का समर्थन करता है।
- नवीकरणीय क्षमता: भारत ने 2030 के NDC लक्ष्य से पहले ही गैर-जीवाश्म स्रोतों से स्थापित बिजली क्षमता का 50% (2025 तक लगभग 256 GW) का आँकड़ा पार कर लिया है।
- अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व: भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) जैसी बहुपक्षीय पहलों का नेतृत्व करता रहा है, जो हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- नई पहल: ग्रीन फाइनेंस टैक्सोनॉमी (Green Finance Taxonomy) और राष्ट्रीय कार्बन मार्केट फ्रेमवर्क (National Carbon Market Framework) पर काम करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा भारत की सराहना की गई है।









