08 December, 2025
एशियाई बीज कांग्रेस 2025
Wed 19 Nov, 2025
संदर्भ :
- केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुंबई में ‘एशियाई बीज कांग्रेस 2025’ का उद्घाटन किया।
मुख्य बिन्दु :
- आयोजक: एशिया और प्रशांत बीज संघ (APSA) और भारतीय बीज उद्योग महासंघ (FSII)
- मेजबान शहर: मुंबई, महाराष्ट्र
- स्थल: जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर, मुंबई
- सम्मेलन की थीम: “गुणवत्तापूर्ण बीजों द्वारा समृद्धि के बीज बोना”
- भागीदारी: यह आयोजन एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बीज उद्योग के लिए सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक सम्मेलनों में से एक है। इसमें 40 से अधिक देशों के 1200 से 1800 से अधिक प्रतिनिधि, जिनमें व्यापारिक नेता, सरकारी अधिकारी, शोधकर्ता और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं, भाग ले रहे हैं।
- विशेष : उद्घाटन समारोह में एशियाई बीज कांग्रेस 2025 का प्रतीक चिन्ह – लोगो – भी जारी किया गया।
मुख्य विषय और लक्ष्य :
- नवाचार पर जोर: मंत्री जी ने उच्च उपज वाली (High-Yielding), जलवायु-लचीली (Climate-Resilient) और पोषक-तत्व समृद्ध (Nutrient-Rich) बीज किस्मों के विकास में निजी क्षेत्र और शोधकर्ताओं की भूमिका को रेखांकित किया।
- बीज व्यापार को सुगम बनाना: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बीजों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नियामक बाधाओं को दूर करने और एक सामंजस्यपूर्ण बीज नीति विकसित करने पर चर्चा।
- किसानों को सशक्त बनाना: किसानों तक उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की पहुँच सुनिश्चित करना ताकि वे अपनी आय बढ़ा सकें।
- जीन एडिटिंग (Gene Editing): कृषि नवाचार में जीन एडिटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग और विनियमन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भारत का महत्व :
- भारत बीज क्षेत्र में एशिया का एक प्रमुख केंद्र है। इस कांग्रेस की मेजबानी करना भारत की इस क्षेत्र में बढ़ती भूमिका और बीज कूटनीति को दर्शाता है।
- भारत में लगभग 300 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है, और यह अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत बीज उद्योग पर निर्भर करता है।
एशिया और प्रशांत बीज संघ (APSA) :
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बीज उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संघ है।
- स्थापना : 1994
- मुख्यालय : बैंकाक, थाईलैंड
- संरचना : यह एक गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी संगठन है
मुख्य उद्देश्य :
- बीज व्यापार को सुगम बनाना: सदस्य देशों के बीच बीजों के मुक्त और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देना, व्यापार में आने वाली तकनीकी और नियामक बाधाओं को दूर करना
- प्रौद्योगिकी और नवाचार: बीज उत्पादन, फसल सुधार और जैव प्रौद्योगिकी (जैसे जीन एडिटिंग) में नवीनतम प्रगति और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना
- बौद्धिक संपदा (IP) अधिकार: बीज किस्मों और आनुवंशिक संसाधनों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना
- खाद्य सुरक्षा: क्षेत्र की बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले, रोग-मुक्त बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सहायता करना









