10 November, 2025
भारत–भूटान
Fri 14 Nov, 2025
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11–12 नवंबर 2025 को भूटान की दो-दिवसीय राजकीय यात्रा की। यात्रा का उद्देश्य ऊर्जा, कनेक्टिविटी, व्यापार एवं रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करना था।
यह यात्रा भूटान के चौथे द्रुक ग्यालपो के 70वें जन्मदिवस और ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल के अवसर से भी जुड़ी हुई थी।
प्रमुख परिणाम
a) ऊर्जा एवं हाइड्रोपावर सहयोग
- 1,020 MW पुणात्संगचू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन, जिसे भारत की सहायता से विकसित किया गया।
- भारत ने भूटान को लगभग ₹4,000 करोड़ (US $455 मिलियन) की रियायती लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान की।
- 1,200 MW पुणात्संगचू-I परियोज
- ना को पुनः प्रारम्भ करने पर सहमति – यह दोनों देशों की सबसे बड़ी संयुक्त परियोजना है।
b) कनेक्टिविटी एवं अवसंरचना
- भारत–भूटान रेल कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण समझौते:
-
- कोकराझार–गेलफु
- बनरहाट–सामत्से
(कुल लागत ~₹4,033 करोड़)
- हाटीसार (असम) में इमिग्रेशन चेक-पोस्ट की घोषणा, जिससे भूटान के Gelephu Mindfulness City तक लोगों और निवेशकों की आवाजाही आसान होगी।
c) स्वास्थ्य, डिजिटल एवं उभरती तकनीक
- रिन्यूएबल एनर्जी, स्वास्थ्य, मेडिसिन और मेंटल हेल्थ से संबंधित कई MoUs पर हस्ताक्षर।
- भूटान के PEMA Secretariat और भारत के NIMHANS के बीच मानसिक स्वास्थ्य सहयोग की शुरुआत।
- UPI और RuPay के विस्तार पर सहमति; डिजिटल पेमेंट और फिनटेक सहयोग को बढ़ावा।
d) सांस्कृतिक एवं रणनीतिक महत्व
- PM मोदी ने भूटान का आभार व्यक्त किया कि उसने भारत से भेजे गए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का भव्य प्रदर्शन किया।
- दोनों देशों ने साझा बौद्ध विरासत और आध्यात्मिक संबंधों को पुनः पुष्टि की।
- यात्रा ने भारत के “Neighbourhood First” सिद्धांत को मजबूत किया, जिसमें भूटान भारत का प्रमुख रणनीतिक साझेदार है।
भारत–भूटान संबंध
| स्तर | मुख्य विशेषताएँ |
| संधि आधार | 1949 की भारत-भूटान मित्रता संधि, जिसका संशोधन 2007 में हुआ। |
| व्यापार व अर्थव्यवस्था | भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है (लगभग 80% हिस्सा)। 2024 में द्विपक्षीय व्यापार ~₹12,669 करोड़। |
| हाइड्रोपावर सहयोग | भारत ने कई प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया; बिजली निर्यात भूटान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। |
| सामरिक सहयोग | IMTRAT (Indian Military Training Team) भूटान में तैनात है; भारत सीमा अवसंरचना में भी सहयोग देता है। |
| विकास सहायता | भारत भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए लगभग ₹10,000 करोड़ का समर्थन कर रहा है। |
| सांस्कृतिक संबंध | साझा बौद्ध विरासत, शिक्षा व सांस्कृतिक आदान-प्रदान, दोनों देशों के बीच जन-जन के रिश्तों को मजबूत करते हैं। |
भारत के लिए महत्व (Significance for India)
- हिमालयी क्षेत्र में विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार।
- हाइड्रोपावर सहयोग से ऊर्जा सुरक्षा मजबूत।
- रेल/सड़क/इमिग्रेशन कनेक्टिविटी से Act East नीति को गति।
- डिजिटल भुगतान सहयोग से भारत की टेक्नोलॉजी नेतृत्व भूमिका मजबूत।
- सांस्कृतिक कूटनीति से भारत की सॉफ्ट पावर में वृद्धि।
चुनौतियाँ
- जलविद्युत परियोजनाओं का कठिन हिमालयी भूगोल में निर्माण।
- भूटान की अर्थव्यवस्था का हाइड्रोपावर पर अत्यधिक निर्भर होना।
- चीन के साथ भूटान के बढ़ते संपर्कों का रणनीतिक प्रभाव।
- पर्यावरणीय और सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित करना आवश्यक।
निष्कर्ष
- PM मोदी की यह यात्रा ऊर्जा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, डिजिटल सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों के क्षेत्र में निर्णायक रही।
- यह दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को एक नई ऊँचाई पर ले जाती है। भारत–भूटान संबंध आर्थिक, सांस्कृतिक, रणनीतिक व जन-जन के स्तर पर मजबूत होते जा रहे हैं और दक्षिण एशिया में सहयोग का एक उत्तम मॉडल प्रस्तुत करते हैं।









