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निर्यात संवर्धन मिशन (EPM) को मंजूरी

Wed 12 Nov, 2025

संदर्भ :

  • भारत के निर्यात क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्‍य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission - EPM) को मंजूरी दी।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • उद्देश्य : भारत के निर्यात को बढ़ाना, विशेष रूप से MSME, पहली बार निर्यात करने वालों और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाना
  • अवधि : 6 वर्ष (वित्तीय वर्ष 2025-26 से वित्तीय वर्ष 2030-31 तक)
  • कुल परिव्यय : ₹25,060 करोड़
  • संचालक एजेंसी : विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT), वाणिज्य विभाग के तहत
  • समावेश : यह मिशन मौजूदा प्रमुख निर्यात समर्थन योजनाओं जैसे ब्याज समानीकरण योजना (IES) और बाज़ार पहुँच पहल (MAI) को एक ही, एकीकृत फ्रेमवर्क में समाहित करेगा

मिशन के दो मुख्य घटक

1. निर्यात प्रोत्साहन (Niryat Protsahan) :

  • परिव्यय: ₹10,401 करोड़
  • यह उप-योजना मुख्य रूप से वित्तीय सहायता पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य MSMEs के लिए व्यापार वित्त की लागत को कम करना है।
हस्तक्षेप का क्षेत्र मुख्य प्रावधान
ब्याज सहायता (Interest Subvention) निर्यातकों को प्री-शिपमेंट और पोस्ट-शिपमेंट क्रेडिट पर ब्याज में छूट देना।
वैकल्पिक व्यापार वित्त निर्यात फैक्टरिंग (Export Factoring) और डीप टियर फाइनेंसिंग को बढ़ावा देना।
क्रेडिट एन्हांसमेंट नए और उच्च जोखिम वाले बाजारों में विविधीकरण (Diversification) के लिए क्रेडिट गारंटी या वृद्धि सहायता प्रदान करना।
ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट क्रेडिट कार्ड छोटे ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए कार्यशील पूंजी (Working Capital) तक आसान पहुँच सुनिश्चित करना।

 

2. निर्यात दिशा (Niryat Disha) :

  • परिव्यय: ₹14,659 करोड़
  • यह उप-योजना गैर-वित्तीय समर्थकों और बाजार की तैयारियों को बढ़ाने पर केंद्रित है।
हस्तक्षेप का क्षेत्र मुख्य प्रावधान
गुणवत्ता और अनुपालन अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए परीक्षण, प्रमाणन और ऑडिट सहायता।
बाजार पहुँच अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों, क्रेता-विक्रेता बैठकों, और उत्पाद प्रदर्शनों में भागीदारी को सुगम बनाना।
ब्रांडिंग और पैकेजिंग भारतीय उत्पादों की पहचान बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग और पैकेजिंग समर्थन।
लॉजिस्टिक्स सहायता निर्यात वेयरहाउसिंग, और आंतरिक परिवहन लागतों के लिए प्रतिपूर्ति (reimbursement) प्रदान करना, विशेषकर दूरदराज के जिलों के निर्यातकों के लिए।
व्यापार बुद्धिमत्ता (Trade Intelligence) निर्यातकों को बाजार की जानकारी और व्यापार विश्लेषण प्रदान करना।

 

प्राथमिकता वाले क्षेत्र :

  • वस्त्र (Textiles)
  • चमड़ा (Leather)
  • रत्न और आभूषण (Gems & Jewellery)
  • इंजीनियरिंग सामान (Engineering Goods)
  • समुद्री उत्पाद (Marine Products)

संबद्ध पहल

 

निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (CGSE) का विस्तार :

  • EPM के साथ-साथ, मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGSE) के विस्तार को भी मंजूरी दी है, जिसके लिए ₹20,000 करोड़ का फंड आवंटित किया गया है।
  • 100% क्रेडिट गारंटी: यह योजना पात्र निर्यातकों (MSMEs सहित) को बिना किसी गारंटी के ₹20,000 करोड़ तक की अतिरिक्त ऋण सुविधा प्रदान करेगी, जिसकी 100% क्रेडिट गारंटी सरकार (NCGTC के माध्यम से) द्वारा कवर की जाएगी।
  • उद्देश्य: निर्यातकों के लिए तरलता (Liquidity) सुनिश्चित करना और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना।

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