13 October, 2025
ISA का 8वें सत्र का आयोजन
Sat 01 Nov, 2025
संदर्भ :
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के 8वें सत्र का आयोजन भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया गया।
मुख्य बिन्दु :
- आयोजन तिथि: 28 से 30 अक्टूबर, 2025
- मेज़बान देश: भारत (वर्तमान ISA अध्यक्ष)
- आयोजन स्थल: भारत मंडपम, नई दिल्ली
- उद्घाटन: भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा
- भागीदारी: 120 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, जिनमें 40 से अधिक ऊर्जा और जलवायु मंत्री शामिल थे
- सह-अध्यक्ष: फ्रांस के जलवायु वार्ता के विशेष दूत बेनोइट फ़ाराको
- "वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड" विजन: सत्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विजन को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में सौर ऊर्जा के लिए एक-दूसरे से जुड़े ग्रिड का निर्माण करना है।
- वित्तपोषण और निवेश: मुख्य चर्चा $1 ट्रिलियन सौर निवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने और विशेष रूप से ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) में सौर वित्तपोषण को बढ़ाने पर केंद्रित रही।
प्रमुख लॉन्च और पहल:
- ग्लोबल क्षमता केंद्र (Silicon Valley of Solar): भारत में सौर ऊर्जा के लिए वैश्विक क्षमता केंद्र बनाने की योजना का अनावरण किया गया।
- ISA अकादमी: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया गया।
- अफ्रीका सोलर फैसिलिटी (ASF): इस पहल के माध्यम से अफ्रीका में सौर परियोजनाओं के लिए निजी पूंजी को आकर्षित करने हेतु जोखिम गारंटी प्रदान करने पर चर्चा हुई।
रिपोर्ट और प्रकाशन: सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण रिपोर्टें जारी की गईं, जिनमें शामिल हैं:
- ईज़ ऑफ डूइंग सोलर 2025
- ग्लोबल सोलर ट्रेंड्स और आउटलुक 2025
ईज़ ऑफ डूइंग सोलर 2025
रिपोर्ट का उद्देश्य :
- नीतिगत मार्गदर्शन: यह रिपोर्ट साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण को बढ़ावा देने के लिए डेटा-चालित अंतर्दृष्टि (Data-driven Insights) प्रदान करती है।
- निवेश सुविधा: इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच संरचित सहयोग और निवेश को सुविधाजनक बनाना है, ताकि सौर ऊर्जा को अपनाने की गति को तेज किया जा सके।
- सौर पारिस्थितिकी तंत्र का मूल्यांकन: यह विभिन्न देशों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने और संचालित करने में कितनी आसानी है, इसका आकलन करती है।
मुख्य निष्कर्ष (Key Findings) :
| विवरण (Description) | आँकड़ा (Figure) | महत्व (Significance) |
| वर्ष 2024 में वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में कुल निवेश | $2,083 बिलियन अमेरिकी डॉलर | यह दर्शाता है कि स्वच्छ ऊर्जा की ओर वैश्विक बदलाव में भारी निवेश हो रहा है। |
| ISA सदस्य देशों का योगदान | $861.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर | यह आंकड़ा स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य को आकार देने में ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) के बढ़ते नेतृत्व और महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। |
| नवीकरणीय ऊर्जा में आकर्षित कुल निवेश | $725 बिलियन अमेरिकी डॉलर | ऊर्जा संक्रमण में नवीकरणीय स्रोतों का बढ़ता हिस्सा। |
| सौर ऊर्जा में आकर्षित निवेश | $521 बिलियन अमेरिकी डॉलर | सौर ऊर्जा को वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के प्रमुख चालक के रूप में स्थापित करता है। |
| भारत की सौर क्षमता (अक्टूबर 2025 तक) | 110.9 गीगावाट | यह वर्ष 2014 के बाद से भारत की सौर क्षमता में लगभग 39 गुना वृद्धि को दर्शाता है। |
महत्व
- ग्लोबल साउथ का नेतृत्व: रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि ISA सदस्य देश, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देश, वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- सौर ऊर्जा का प्रभुत्व: यह पुष्टि करती है कि सौर ऊर्जा अब वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा विस्तार में एक उभरती हुई तकनीक नहीं, बल्कि एक प्रभावी और प्रमुख शक्ति बन चुकी है।
ग्लोबल सोलर ट्रेंड्स और आउटलुक 2025
रिपोर्ट का उद्देश्य :
- परिवर्तन का विश्लेषण: सौर ऊर्जा के एक उभरती हुई प्रौद्योगिकी से वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा विस्तार के प्रमुख बल में बदलने की प्रक्रिया की जाँच करना।
- रणनीतिक अंतर्दृष्टि: नीति-निर्माताओं, निवेशकों और विकास भागीदारों को सौर ऊर्जा के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि (Critical Insights) प्रदान करना।
3. मुख्य निष्कर्ष एवं रुझान (Key Findings and Trends)
- स्वच्छ ऊर्जा का प्रमुख चालक: यह रिपोर्ट स्पष्ट रूप से पुष्टि करती है कि सौर ऊर्जा अब विश्व स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा विकास को आगे बढ़ाने वाली सबसे प्रभावी और प्रमुख शक्ति बन चुकी है।
- निवेश में प्रभुत्व: पिछले वर्ष नवीकरणीय ऊर्जा में हुए कुल निवेश में (जो लगभग $725 बिलियन था), सौर ऊर्जा ने सबसे अधिक $521 बिलियन का निवेश आकर्षित किया, जो ऊर्जा परिवर्तन के एक मजबूत स्तंभ के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करता है।
- तेजी से विस्तार: वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता तेजी से बढ़ रही है। भारत जैसे देशों में सौर क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है (जैसे 2014 के बाद से भारत की सौर क्षमता में 39 गुना से अधिक की वृद्धि)।
- वित्तीय और तकनीकी नवाचार: यह रिपोर्ट निम्न पर प्रकाश डालती है:
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- गिरती लागत: सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत ($0.05 से $0.07 प्रति kWh) लगातार कम हो रही है, जिससे यह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का एक व्यवहार्य विकल्प बन गया है।
- फ्लोटिंग सौर (Floating Solar): डिज़ाइन नवाचारों और गिरती लागत के कारण, फ्लोटिंग सोलर परियोजनाएँ (जैसे भारत में ओमकारेश्वर में 600 मेगावाट की परियोजना) जमीन-आधारित प्रणालियों का एक व्यवहार्य विकल्प बन रही हैं।
- तकनीकी विकास और क्षमता निर्माण: रिपोर्ट सोलर पीवी स्किल्स एंड जॉब्स इन अफ्रीका जैसी सहायक रिपोर्टों के माध्यम से कौशल विकास, प्रमाणन और क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर भी ज़ोर देती है, ताकि स्वच्छ ऊर्जा भविष्य के लिए कुशल कार्यबल का निर्माण किया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA)
- स्थापना : 2015
- मुख्यालय : गुरुग्राम, हरियाणा, भारत
- उद्घाटन : 30 नवंबर 2015 को पेरिस में, COP-21 के दौरान
- प्रारंभकर्ता देश : भारत और फ्रांस
- उद्देश्य : सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना
- सदस्यता : गठबंधन में लगभग 125 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देश शामिल हैं। (मूल रूप से यह कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच पूर्ण या आंशिक रूप से स्थित 'सनशाइन देशों' पर केंद्रित था, लेकिन 2020 में फ्रेमवर्क समझौते में संशोधन के बाद, सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश ISA में शामिल होने के लिए पात्र हैं।)
लक्ष्य और उद्देश्य :
- निवेश जुटाना: 2030 तक सौर ऊर्जा में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश जुटाना।
- क्षमता बढ़ाना: 2030 तक 1,000 गीगावाट (GW) सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करना।
- लागत कम करना: सौर प्रौद्योगिकियों और वित्तपोषण की लागत को कम करना।
- पहुँच सुनिश्चित करना: स्वच्छ, विश्वसनीय और सस्ती सौर ऊर्जा को समुदायों तक पहुंचाना।
- 'OSOWOG' लागू करना: 'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' (One Sun One World One Grid - OSOWOG) के विजन को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
भारत की भूमिका :
- ISA की पहल भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन का परिणाम है।
- भारत ISA का अध्यक्ष है और वैश्विक सौर सहयोग को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाता है।









