13 October, 2025
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रबी सीजन 2025-26 के लिए P&K उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को मंजूरी
Thu 30 Oct, 2025
संदर्भ :
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 अक्टूबर 2025 को उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
मुख्य बिन्दु :
- लागू अवधि: 1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक
- कुल बजटीय आवश्यकता: लगभग ₹37,952.29 करोड़।
- पिछली तिमाही/सीजन से तुलना: यह राशि खरीफ सीजन 2025 की बजटीय आवश्यकता से लगभग ₹736 करोड़ अधिक है।
- पिछले रबी सीजन से तुलना: यह पिछले रबी सीजन 2024-25 की सब्सिडी (जो लगभग ₹24,000 करोड़ थी) से लगभग ₹14,000 करोड़ अधिक है, जो सब्सिडी के आवंटन में एक बड़ी वृद्धि को दर्शाता है।
- कुल उर्वरक सब्सिडी: इस वृद्धि के साथ, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल उर्वरक सब्सिडी (यूरिया और NBS सहित) ₹1.95 लाख करोड़ को पार कर सकती है।
- कवरेज: DAP, MOP, SSP (सिंगल सुपर फॉस्फेट), NPK कॉम्प्लेक्स सहित सभी 28 ग्रेड
- यह निर्णय किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया गया है।
प्रमुख विशेषताएं और दरें :
| पोषक तत्व | खरीफ 2025 की दर (₹/किग्रा) | रबी 2025-26 की दर (₹/किग्रा) | परिवर्तन | 
| फॉस्फोरस (P) | 43.60 | 47.96 | +4.36 (10% वृद्धि) | 
| सल्फर (S) | 1.77 | 2.87 | +1.10 (62% वृद्धि) | 
| नाइट्रोजन (N) | 43.02 | 43.02 | कोई बदलाव नहीं | 
| पोटाश (K) | 2.38 | 2.38 | कोई बदलाव नहीं | 
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना
- NBS योजना भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग द्वारा वर्ष 2010 में शुरू की गई थी।
योजना का उद्देश्य :
- संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना: किसानों को नाइट्रोजन (N) पर केंद्रित यूरिया के बजाय अन्य पोषक तत्वों (जैसे फॉस्फोरस (P), पोटेशियम (K), और सल्फर (S)) वाले उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- उर्वरक दक्षता बढ़ाना: सरकार पर सब्सिडी के बोझ को कम करते हुए किसानों को उर्वरक समय पर उपलब्ध कराना।
मुख्य विशेषताएँ :
- सब्सिडी का आधार (पोषक तत्व): यह योजना उर्वरकों की अंतिम कीमत को नियंत्रित करने के बजाय, उर्वरकों में मौजूद पोषक तत्वों (N, P, K, S) पर एक निश्चित सब्सिडी राशि तय करती है।
- सब्सिडी प्राप्तकर्ता: सब्सिडी सीधे उर्वरक कंपनियों को दी जाती है, जिससे वे किसानों को रियायती दर पर उर्वरक बेचती हैं।
- लागू उर्वरक: NBS योजना फॉस्फेटिक और पोटाश (P&K) उर्वरकों पर लागू होती है, जिनमें मुख्य रूप से डीएपी (DAP), एमओपी (MOP) और एनपीके कॉम्प्लेक्स शामिल हैं।
- यूरिया (Urea) का अपवाद: यूरिया (जो नाइट्रोजन का मुख्य स्रोत है) NBS योजना के अंतर्गत नहीं आता है। यूरिया अभी भी सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य नियंत्रण (MRP) के अधीन है और उस पर पारंपरिक सब्सिडी दी जाती है, जिस कारण इसका उपयोग भारत में अधिक होता है।
- लाभ: यह किसानों को मिट्टी की उर्वरता और फसल की जरूरत के हिसाब से सही उर्वरक चुनने के लिए प्रेरित करता है, जिससे कृषि उत्पादकता बेहतर होती है।
सब्सिडी की गणना :
- सरकार प्रतिवर्ष (अथवा छमाही) उर्वरकों में मौजूद प्रति किलोग्राम पोषक तत्व (N, P, K, S) के आधार पर सब्सिडी की दरें तय करती है।










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