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भारत–यूरोपीय संघ नई सामरिक एजेंडा

Wed 29 Oct, 2025

संदर्भ

  • अक्टूबर 2025 में भारत और यूरोपीय संघ (EU) ने एक नई दूरदर्शी रूपरेखा “EU–India New Strategic Agenda (2025)” को अपनाया है, जिसका उद्देश्य आने वाले दशक के लिए द्विपक्षीय सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाना है।
  • इस एजेंडा की सबसे प्रमुख उपलब्धि यह रही कि दोनों पक्षों ने भारत के Carbon Market (ICM) को यूरोपीय संघ के Carbon Border Adjustment Mechanism (CBAM) से जोड़ने पर सहमति जताई है।
  • यह समझौता वैश्विक जलवायु सहयोग में एक ऐतिहासिक कदम है और भारत–EU संबंधों को सतत विकास, हरित ऊर्जा और वैश्विक नवाचार में अग्रणी साझेदारी के रूप में स्थापित करता है।

पृष्ठभूमि:

  • यह नया एजेंडा वर्ष 2020 में हस्ताक्षरित “EU–India Strategic Partnership: A Roadmap to 2025” पर आधारित है।
  • उस रोडमैप का प्रमुख लक्ष्य व्यापार, संपर्कता और सतत विकास को बढ़ावा देना था।
  • नई रूपरेखा में रक्षा, डिजिटल शासन, हरित ऊर्जा, जलवायु वित्त और तकनीकी नवाचार जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को भी शामिल किया गया है।
  • यह भारत की “विकसित भारत @2047” दृष्टि और यूरोपीय संघ की “ग्रीन डील” नीति के साथ मेल खाती है।

मुख्य उद्देश्य (Core Objectives):

    • सतत समृद्धि को बढ़ावा देना (Sustainable Prosperity):नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और स्वच्छ तकनीक में संयुक्त निवेश के माध्यम से कार्बन न्यूट्रलिटी को प्रोत्साहन।
    • सामरिक स्वायत्तता को सुदृढ़ करना (Strategic Autonomy):हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग, साइबर सुरक्षा और संयुक्त नौसैनिक अभ्यास को बढ़ावा देना।
    • प्रौद्योगिकी और डिजिटल सहयोग को गहराना (Tech & Digital Collaboration):सेमीकंडक्टर, 5G/6G मानक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) नैतिकता, क्वांटम कंप्यूटिंग तथा डेटा गोपनीयता पर साझा कार्य।
  • लोग-से-लोग संपर्क (People-to-People Ties): शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में सहयोग, Erasmus+ जैसे छात्र विनिमय कार्यक्रमों का विस्तार।
    • वैश्विक शासन एवं व्यापार समानता (Global Governance & Trade Equity): निष्पक्ष वैश्विक व्यापार व्यवस्था और सतत आर्थिक नीतियों को स्थापित करना।

पाँच प्रमुख स्तंभ:

स्तंभ मुख्य क्षेत्र उद्देश्य
1. समृद्धि और स्थिरता स्वच्छ ऊर्जा, कार्बन बाजार, जलवायु वित्त सतत विकास को प्रोत्साहन
2. प्रौद्योगिकी एवं नवाचार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, AI, क्वांटम तकनीक पारदर्शी और नैतिक नवाचार को बढ़ावा
3. सुरक्षा एवं रक्षा हिंद-प्रशांत सहयोग, साइबर सुरक्षा सामरिक साझेदारी को सुदृढ़ करना
4. संपर्कता एवं वैश्विक मुद्दे ग्लोबल गेटवे, IMEC कॉरिडोर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करना
5. मानव संसाधन सशक्तिकरण शिक्षा, प्रशिक्षण, संस्थागत सहयोग दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूती देना

 

प्रमुख उपलब्धि – भारतीय कार्बन मार्केट और EU के CBAM का एकीकरण:

भारत के Carbon Credit Trading Scheme (CCTS), 2023 के अंतर्गत स्थापित Indian Carbon Market (ICM) को EU के Carbon Border Adjustment Mechanism (CBAM) से जोड़ना एक बड़ी उपलब्धि है।

इससे:

  • भारत से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को EU सीमाओं पर कार्बन मूल्य में रियायत मिलेगी।
  • भारतीय उद्योगों को स्वच्छ उत्पादन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
  • भारत को वैश्विक कार्बन व्यापार बाजार में प्रमुख भागीदार बनने का अवसर प्राप्त होगा।

इस समझौते का महत्व (Significance):

  • रणनीतिक संतुलन: भारत और यूरोपीय संघ के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक सहयोग को बढ़ावा।
  • जलवायु नेतृत्व: 2050 तक वैश्विक कार्बन न्यूट्रलिटी के लक्ष्य में संयुक्त योगदान।
  • आर्थिक अवसर: भारतीय उत्पादों के लिए यूरोपीय बाजारों में हरित व्यापार के अवसर।
  • तकनीकी सहयोग: स्वच्छ तकनीकों, नवाचार और कौशल विकास में साझा निवेश।
  • सुरक्षा सहयोग: साइबर, नौसेना और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी का विस्तार।

आगे की राह (Way Forward):

  • भारत–EU नई सामरिक एजेंडा (2025) एक रूपांतरकारी साझेदारी (Transformative Partnership) है, जो हरित विकास, डिजिटल नवाचार और वैश्विक शासन में नई दिशा प्रदान करेगी।
  • यह दोनों लोकतांत्रिक साझेदारों को एक बहुध्रुवीय, संतुलित और सतत विश्व व्यवस्था बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगी।
  • इस समझौते की सफलता पारदर्शिता, निवेश और नीति समन्वय पर निर्भर करेगी।

यूरोपीय

 संघ

  • मुख्यालय: ब्रसेल्स, बेल्जियम
  • स्थापना वर्ष: 1957 (रोम संधि)
  • सदस्य देश: 27
  • मुद्रा: यूरो (€) – 20 देशों में लागू
  • आदर्श वाक्य (Motto): “United in Diversity” (विविधता में एकता)
  • यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष: उर्सुला वॉन डेर लेयेन
  • यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष: चार्ल्स मिशेल
  • मुख्य संस्थान: यूरोपीय संसद, यूरोपीय आयोग, यूरोपीय परिषद, यूरोपीय न्यायालय, यूरोपीय सेंट्रल बैंक
  • मुख्य नीतियाँ: यूरोपीय ग्रीन डील, साझा विदेश नीति, एकल बाजार नीति

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