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भारत स्पेन के “Ocean Sky 2025” में शामिल

Mon 27 Oct, 2025

संदर्भ

भारत द्वारा स्पेन के "Ocean Sky 2025" बहुराष्ट्रीय वायु युद्धाभ्यास में भाग लेना भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह अभ्यास स्पेनिश एयर एंड स्पेस फोर्स (Spanish Air and Space Force) द्वारा आयोजित किया जाता है और इसका उद्देश्य विभिन्न देशों की वायु सेनाओं के बीच सामरिक समन्वय (interoperability), हवाई ईंधन भराई (air-to-air refueling) और यथार्थ युद्धाभ्यास (real combat training) को सशक्त बनाना है। भारत की भागीदारी यह दर्शाती है कि वैश्विक मंच पर उसकी रक्षा कूटनीति और सामरिक क्षमता को विश्व स्तर पर मान्यता मिल रही है।

Ocean Sky अभ्यास के बारे में

आयोजक देश स्पेन
आयोजक संस्था Spanish Air and Space Force
स्थान गांदो एयर बेस, कैनरी द्वीप
आयोजन प्रकृति वार्षिक बहुराष्ट्रीय वायु युद्धाभ्यास
उद्देश्य विभिन्न देशों की वायु सेनाओं के बीच हवाई युद्ध, ईंधन भराई, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध एवं सामरिक प्रशिक्षण में समन्वय स्थापित करना

 

यह अभ्यास वर्ष 2004 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है, और 2025 संस्करण विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि इसमें भारत पहली बार सहभागी देश के रूप में शामिल हुआ है।

भारत की भागीदारी

भारत ने इस अभ्यास में Sukhoi Su-30 MKI लड़ाकू विमान, IL-78 एयर-टैंकर, और C-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान की तैनाती की है।

इस भागीदारी के प्रमुख उद्देश्य हैं —

  • यूरोपीय और नाटो देशों की वायु सेनाओं के साथ संयुक्त सामरिक क्षमता विकसित करना।
  • यथार्थ युद्धाभ्यास (real-time combat simulation) के माध्यम से प्रशिक्षण।
  • भारत की रक्षा कूटनीति (defense diplomacy) को सशक्त बनाना।

इस दौरान बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) युद्ध, हवाई ईंधन भराई, एयर इंटरसेप्शन मिशन, और मिशन प्लानिंग जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

रणनीतिक महत्व

1. भारत–यूरोप रक्षा संबंधों को मजबूती:

इस भागीदारी से भारत और यूरोपीय देशों (विशेषकर स्पेन, फ्रांस, जर्मनी) के बीच रक्षा सहयोग को नई दिशा मिली है।

2. सामरिक तैयारी में वृद्धि:

भारतीय वायुसेना को Eurofighter Typhoon, F-18 और Rafale जैसे विमानों के साथ सामूहिक अभ्यास से नई रणनीतियों को सीखने का अवसर मिलेगा।

3. भूराजनीतिक (Geopolitical) महत्व:

यह भारत की Act East और Act West नीति को दर्शाता है, जिसके माध्यम से वह दोनों दिशाओं में सामरिक साझेदारी को सुदृढ़ कर रहा है।

4. प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण में आदान-प्रदान:

यह अभ्यास भारत को रडार ट्रैकिंग, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) और मिड-एयर रिफ्यूलिंग के क्षेत्र में अनुभव और नवाचार साझा करने का अवसर देता है।

भारत की वैश्विक वायु युद्धाभ्यास उपस्थिति

युद्धाभ्यास का नाम सहयोगी देश/संगठन मुख्य उद्देश्य
Garuda फ्रांस वायु-से-वायु युद्धाभ्यास, संयुक्त प्रशिक्षण
Red Flag अमेरिका युद्ध तत्परता और सामरिक प्रशिक्षण
Desert Flag यूएई बहुराष्ट्रीय वायु युद्ध प्रशिक्षण
Pitch Black ऑस्ट्रेलिया वैश्विक वायु शक्ति समन्वय
Udarashakti मलेशिया द्विपक्षीय सामरिक सहयोग

 

 

 

 

 

 

राजनयिक और रक्षा प्रभाव

  • इस अभ्यास में भाग लेकर भारत ने दिखाया है कि वह बहुपक्षीय रक्षा सहयोग में सक्रिय भूमिका निभाने में सक्षम है।
  • यह भारत की वायु शक्ति (Air Power) और रक्षा नवाचार (Defense Innovation) की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
  • साथ ही यह भारत को एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार (Reliable Strategic Partner) के रूप में स्थापित करता है जो वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता में योगदान दे रहा है।

निष्कर्ष

  • भारत का “Ocean Sky 2025” अभ्यास में शामिल होना रक्षा कूटनीति के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है।
  • यह न केवल भारतीय वायुसेना की सामरिक दक्षता को दर्शाता है बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि भारत अब एक वैश्विक एयरोस्पेस शक्ति (Global Aerospace Power) के रूप में उभर रहा है।
  • इस अभ्यास से भारत–यूरोप के बीच आपसी विश्वास, प्रशिक्षण और सहयोग को नई दिशा मिली है, जो वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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