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RBI ने चौथे वैश्विक हैकाथॉन की शुरूआत की

Fri 24 Oct, 2025

संदर्भ :

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 23 अक्टूबर 2025 को अपना चौथा वैश्विक हैकाथॉन 'HaRBInger 2025 – इनोवेशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन' लॉन्च किया।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • यह आयोजन डिजिटल बैंकिंग की सुरक्षा, पहचान प्रबंधन और समावेशिता को मजबूत करने पर केंद्रित है।
  • RBI का यह प्रयास उभरती तकनीकों जैसे ब्लॉकचेन, CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) और AI को उपयोगकर्ता-केंद्रित समाधानों के लिए प्रोत्साहित करने का है।

पृष्ठभूमि और थीम :

  • RBI ने 2021 से प्रतिवर्ष वैश्विक हैकाथॉन आयोजित करने की शुरुआत की, जो वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देने का माध्यम है।
  • HaRBInger (RBI का 'Harbinger' – अर्थात् भविष्यवाणीकर्ता) श्रृंखला का उद्देश्य वैश्विक प्रतिभाओं को भारतीय वित्तीय चुनौतियों पर समाधान विकसित करने के लिए आमंत्रित करना है।

पिछले संस्करणों का संक्षिप्त अवलोकन :

संस्करण लॉन्च तिथि मुख्य थीम प्रमुख फोकस क्षेत्र
HaRBInger 2021 2021 स्मार्ट डिजिटल पेमेंट्स डिजिटल लेनदेन की दक्षता बढ़ाना
HaRBInger 2023 फरवरी 2023 समावेशी डिजिटल सेवाएं ब्लॉकचेन स्केलेबिलिटी, वित्तीय समावेश
HaRBInger 2024 जून 2024 जीरो फाइनेंशियल फ्रॉड्स, दिव्यांग-अनुकूल फ्रॉड डिटेक्शन, दिव्यांगों के लिए समाधान (जनवरी 2025 में विजेता घोषित)
HaRBInger 2025 23 अक्टूबर 2025 सुरक्षित बैंकिंग: पहचान, अखंडता और समावेशिता टोकनाइज्ड KYC, ऑफलाइन CBDC, डिजिटल ट्रस्ट

HaRBInger 2024 की प्रमुख उपलब्धियाँ :

  • 2024 संस्करण में 70 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से 28 टीमों ने प्रोटोटाइप विकसित किए।
  • विजेताओं को ₹40 लाख का पुरस्कार मिला, और 'ऑल-वुमन टीम' को विशेष ₹20 लाख।
  • श्रृंखला RBI की डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से जुड़ी है, जहां 2025 तक CBDC रिटेल उपयोग 39 गुना बढ़ चुका है।

2025 की थीम का महत्व:

  • "Secure Banking: Powered by Identity, Integrity, and Inclusivity" वर्तमान चुनौतियों जैसे डिजिटल फ्रॉड (2024 में ₹14,000 करोड़ से अधिक का नुकसान) और पहचान चोरी को संबोधित करती है।
  • यह वैश्विक रुझानों (जैसे EU के डिजिटल आइडेंटिटी वॉलेट) से प्रेरित है, लेकिन भारतीय संदर्भ में समावेशी (जैसे ग्रामीण/दिव्यांग उपयोगकर्ता) फोकस रखती है।

समस्या कथन :

हैकाथॉन तीन मुख्य समस्या कथनों पर आधारित है, जो उभरती तकनीकों (ब्लॉकचेन, AI, टोकनाइजेशन) का उपयोग करने पर जोर देते हैं। ये कथन वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और विश्वास को मजबूत करने के लिए डिजाइन किए गए हैं:

  • समस्या 1: टोकनाइज्ड KYC (Know Your Customer) उपयोगकर्ता पहचान को सुरक्षित रखते हुए KYC प्रक्रिया को सरल बनाना। उदाहरण: ब्लॉकचेन-आधारित टोकन जो डेटा शेयरिंग को नियंत्रित करें, गोपनीयता सुनिश्चित करें। महत्व: भारत में 1.4 अरब KYC रिकॉर्ड्स हैं; टोकनाइजेशन फ्रॉड को 30-50% कम कर सकता है।
  • समस्या 2: ऑफलाइन CBDC उपयोग इंटरनेट-रहित वातावरण में डिजिटल रुपए (e₹) के लेनदेन को सक्षम बनाना। उदाहरण: NFC-आधारित टैप-एंड-पे या QR कोड सिस्टम। महत्व: ग्रामीण भारत (जहां 40% आबादी इंटरनेट-रहित) में वित्तीय समावेश बढ़ाएगा। आरबीआई ने हाल ही में ऑफलाइन e₹ का पायलट लॉन्च किया, जो इस समस्या से जुड़ता है।
  • समस्या 3: बैंकिंग में डिजिटल ट्रस्ट निर्माण AI/ब्लॉकचेन का उपयोग कर ग्राहक विश्वास बढ़ाना, जैसे फ्रॉड अलर्ट या पारदर्शी ट्रांजेक्शन वेरिफिकेशन। महत्व: डिजिटल ट्रस्ट इंडेक्स 2025 में 25% गिरा है; यह समस्या उपयोगकर्ता-केंद्रित AI टूल्स विकसित करेगी।

ये कथन व्यावहारिक हैं – प्रतिभागी प्रोटोटाइप विकसित करेंगे, जो आरबीआई की मौजूदा प्रणालियों (जैसे डिजिटल पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म) में एकीकृत हो सकें।

भागीदारी और प्रक्रिया :

  • पात्रता: वैश्विक स्तर पर खुला – व्यक्ति, टीम (2-5 सदस्य), स्टार्टअप, कॉर्पोरेट्स। भारतीय वित्तीय बाजार का ज्ञान प्राथमिकता, लेकिन सभी पृष्ठभूमियों (हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर डेवलपर्स) से आमंत्रित।
  • प्रक्रिया (तीन चरण, पिछले संस्करणों के समान):
    1. प्रविष्टि जमा (Registration): 15 नवंबर 2025 तक ऑनलाइन (rbi.org.in/harbinger2025)। विचार/समाधान का संक्षिप्त विवरण।
    2. शॉर्टलिस्टिंग और मेंटरशिप: 70-100 प्रविष्टियां चुनी जाएंगी; विशेषज्ञों (फिनटेक लीडर्स, आरबीआई अधिकारी) से मेंटरशिप।
    3. ग्रैंड फिनाले: जनवरी 2026 (संभावित बेंगलुरु), जहां प्रोटोटाइप प्रस्तुत। स्वतंत्र जूरी मूल्यांकन।
  • पुरस्कार: प्रत्येक समस्या कथन के लिए ₹40 लाख; सर्वश्रेष्ठ ऑल-वुमन टीम को ₹20 लाख अतिरिक्त। शॉर्टलिस्टेड टीमों को ₹5 लाख स्टाइपेंड प्रोटोटाइप विकास के लिए।

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