13 October, 2025
IUCN विश्व संरक्षण कांग्रेस 2025 का आयोजन
Fri 17 Oct, 2025
संदर्भ :
- IUCN विश्व संरक्षण कांग्रेस (IUCN World Conservation Congress) 2025 का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अबू धाबी शहर में 9 से 15 अक्टूबर, 2025 तक किया गया।
मुख्य बिन्दु :
- यह कांग्रेस विश्व में प्रकृति संरक्षण विशेषज्ञों, नेताओं, सरकारों, नागरिक समाज संगठनों और निर्णय निर्माताओं का सबसे बड़ा वैश्विक सम्मेलन है, जिसका आयोजन प्रत्येक चार वर्ष में एक बार किया जाता है।
मुख्य विवरण:
- आयोजक: अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN)
- स्थान: अबू धाबी राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र (ADNEC), अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
- तिथि: 9 से 15 अक्टूबर, 2025
- विषय (Theme): "परिवर्तनकारी संरक्षण को सशक्त बनाना" (Powering Transformative Conservation)
- उद्देश्य: आने वाले दशक के लिए प्रकृति संरक्षण और जलवायु परिवर्तन हेतु वैश्विक प्राथमिकताओं को आकार देना।
महत्व और फोकस क्षेत्र :
- यह कांग्रेस कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के लक्ष्यों को प्राप्त करने और पेरिस समझौते तथा सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की 2030 की समय सीमा से पहले कार्रवाई को तेज करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में सामने आया।
कांग्रेस के घटक :
IUCN कांग्रेस दो मुख्य भागों में आयोजित की जाती है:
- फोरम (Forum): यह संरक्षण विज्ञान, अभ्यास और नवाचार के लिए सबसे बड़ा ज्ञान बाज़ार है। इसमें इंटरैक्टिव सत्र, तकनीकी प्रस्तुतियाँ, प्रशिक्षण, नेटवर्किंग और कला प्रदर्शनियाँ शामिल होती हैं।
- सदस्य असेंबली (Members' Assembly): यह IUCN की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जहाँ सदस्य सरकारें और नागरिक समाज संगठन एक साथ आकर IUCN के कार्य कार्यक्रम, बजट को मंजूरी देते हैं और वैश्विक संरक्षण एजेंडे पर प्रस्तावों पर मतदान करते हैं।
सदस्य असेंबली (Members' Assembly) के प्रमुख निर्णय :
सदस्य असेंबली IUCN का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, जिसमें सदस्य सरकारें और नागरिक समाज संगठन वैश्विक संरक्षण एजेंडे पर मतदान करते हैं।
- 20-वर्षीय रणनीतिक विजन को मंज़ूरी: सदस्यों ने संघ के लिए अगले 20 वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी रणनीतिक विजन और अगले चार साल के लिए नए कार्य कार्यक्रम को अपनाया।
- अबू धाबी एक्शन प्लान (Abu Dhabi Action Plan): कांग्रेस के समापन पर इस एक्शन प्लान को जारी किया गया, जिसने वैश्विक समुदाय से प्रकृति-सकारात्मक भविष्य के लिए पाँच प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी कार्रवाई को तेज़ करने का आह्वान किया:
- मानव कल्याण की नींव के रूप में प्रकृति की पुनः पुष्टि करना।
- बहुपक्षवाद (Multilateralism) को सशक्त बनाना।
- न्याय और समावेशन (Justice and Inclusion) सुनिश्चित करना।
- ज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देना।
- प्रकृति और जलवायु कार्रवाई के लिए संसाधनों को बढ़ाना।
- अध्यक्ष का चुनाव: महामहिम रज़ान खलीफा अल मुबारक (Razan Khalifa Al Mubarak) को सर्वसम्मति से संघ के अध्यक्ष के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया।
महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अपनाना: सदस्यों ने कई नए प्रस्ताव (Motions) पारित किए जो IUCN की नीति और कार्रवाई का मुख्य हिस्सा बनेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- पालतू पशु व्यापार संकट (Pet Trade Crisis): पालतू जानवरों के रूप में व्यापार किए जाने वाले जंगली जानवरों के वाणिज्यिक व्यापार के प्रबंधन के लिए तत्काल आवश्यक वैश्विक दिशा-निर्देश बनाने का आह्वान किया गया।
- पर्यावरण को प्रभावित करने वाले अपराधों का मुकाबला: वन्यजीव तस्करी, अवैध कटाई और खनन जैसे पर्यावरण को प्रभावित करने वाले अपराधों से निपटने के लिए मजबूत वैश्विक समन्वय की प्रतिबद्धता जताई गई।
- वन हेल्थ (One Health) दृष्टिकोण का समावेश: IUCN की नीति में 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण को शामिल करने का मजबूत समर्थन किया गया, जो मानव, पशु और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के बीच संबंध को पहचानता है।
- संरक्षण में सिंथेटिक बायोलॉजी (Synthetic Biology) का उपयोग: संरक्षण में सिंथेटिक बायोलॉजी के जिम्मेदार उपयोग का समर्थन करने पर सहमति व्यक्त की गई।
- संघर्ष-संवेदनशील संरक्षण (Conflict-Sensitive Conservation): संघर्षरत क्षेत्रों में संरक्षण संगठनों के कार्यों में स्थानीय आबादी को केंद्र में रखने और शांति व सुरक्षा के साथ प्रकृति के संबंधों को एकीकृत करने पर ज़ोर देने वाला प्रस्ताव पारित हुआ।
वैज्ञानिक घोषणाएँ और फोरम हाइलाइट्स :
- IUCN संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची का अद्यतन (Red List Update): लाल सूची का नवीनतम अद्यतन जारी किया गया, जिसमें आर्कटिक सील पर जलवायु परिवर्तन से बढ़ते खतरों का पता चला। एक अन्य मूल्यांकन में यूरोप में लगभग 100 अतिरिक्त जंगली मधुमक्खी प्रजातियों को संकटग्रस्त के रूप में वर्गीकृत किया गया।
- बाघ के लिए ग्रीन स्टेटस (Green Status) मूल्यांकन: पहली बार, बाघ (Panthera tigris) के लिए IUCN ग्रीन स्टेटस ऑफ़ स्पीशीज मूल्यांकन जारी किया गया, जिसमें पाया गया कि बाघ गंभीर रूप से कम हो गए हैं, लेकिन संरक्षण प्रयासों ने बड़े नुकसान को रोका है।
- संरक्षित क्षेत्र विश्व कांग्रेस की मेज़बानी: अगले IUCN संरक्षित और संरक्षित क्षेत्र विश्व कांग्रेस (World Protected and Conserved Areas Congress) की मेज़बानी के लिए पनामा गणराज्य का चयन किया गया, जो सितंबर 2027 में आयोजित होगा।
- व्यवसाय शिखर सम्मेलन (Business Summit): 10-11 अक्टूबर को आयोजित इस शिखर सम्मेलन में निजी क्षेत्र को प्रकृति-सकारात्मक अर्थव्यवस्थाओं में संक्रमण के लिए जुटाया गया, जिसमें नेचर-रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोजर (TNFD) मार्गदर्शन पर सत्र आयोजित किए गए।
भारत की पहल और महत्वपूर्ण सम्मान :
- राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप (2025-2030): भारत ने अपनी जैव विविधता की संरक्षण स्थिति को सटीक रूप से दर्शाने के लिए एक राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप और विज़न 2025-2030 का अनावरण किया। इसका लक्ष्य 2030 तक लगभग 11,000 प्रजातियों (7,000 वनस्पति और 4,000 जीव-जंतु) के विलुप्त होने के जोखिम का आकलन करके 'राष्ट्रीय रेड लिस्ट' तैयार करना है।
- डुगोंग संरक्षण रिज़र्व को मान्यता: कांग्रेस में तमिलनाडु की पाल्क बे में भारत के प्रथम डुगोंग संरक्षण रिज़र्व को समुद्री जैव विविधता संरक्षण के लिए एक वैश्विक मॉडल के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव अपनाया गया।
- विवेक मेनन का चुनाव: वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) के संस्थापक विवेक मेनन को प्रजाति उत्तरजीविता आयोग (SSC) का नया अध्यक्ष नामित किया गया। वह यह पद संभालने वाले प्रथम एशियाई हैं।
- WCPA-केंटन मिलर पुरस्कार: काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व की निदेशक सोनाली घोष को राष्ट्रीय उद्यानों में नवाचार के लिए प्रतिष्ठित WCPA-केंटन मिलर पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो यह पुरस्कार पाने वाली प्रथम भारतीय हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN)
- स्थापना: 5 अक्टूबर, 1948
- स्थापना स्थल: फॉनटेनब्लियू (Fontainebleau), फ्रांस
- मुख्यालय: ग्लैंड (Gland), स्विट्जरलैंड
- प्रकार: सरकारी और नागरिक समाज संगठनों (NGOs) का एक सदस्य संघ
- उद्देश्य: विश्व की प्राकृतिक अखंडता और विविधता के संरक्षण के लिए समाजों को प्रेरित करना, प्रभावित करना और सहायता करना
सदस्य और संरचना :
IUCN एक अद्वितीय "संघ" (Union) है, जो दुनिया भर के विभिन्न संस्थाओं को एक साथ लाता है:
सदस्यता: 1,400 से अधिक सदस्य, जिनमें शामिल हैं:
- संप्रभु राज्य (Sovereign States)
- सरकारी एजेंसियाँ (Government Agencies)
- गैर-सरकारी संगठन (NGOs)
- वैज्ञानिक और शैक्षणिक संस्थान
- स्वदेशी लोगों के संगठन
आयोग (Commissions): IUCN का वैज्ञानिक और विशेषज्ञ नेटवर्क छह प्रमुख आयोगों के माध्यम से संचालित होता है, जिनमें 10,000 से अधिक स्वयंसेवक वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल हैं:
- प्रजाति उत्तरजीविता आयोग (Species Survival Commission - SSC)
- संरक्षित क्षेत्र विश्व आयोग (World Commission on Protected Areas - WCPA)
- पर्यावरण कानून आयोग (Commission on Environmental Law - CEL)
- शिक्षा और संचार आयोग (Commission on Education and Communication - CEC)
- पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन आयोग (Commission on Ecosystem Management - CEM)
- पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक नीति आयोग (Commission on Environmental, Economic and Social Policy - CEESP)
प्रमुख उत्पाद और पहल :
IUCN अपने वैज्ञानिक ज्ञान और सदस्य नेटवर्क का उपयोग करके कई महत्वपूर्ण उत्पाद और पहल जारी करता है:
- संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची (Red List of Threatened Species™): यह पौधों और जानवरों की प्रजातियों की वैश्विक संरक्षण स्थिति की दुनिया की सबसे व्यापक सूची है। यह प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम का वैज्ञानिक मूल्यांकन करती है और संरक्षण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करती है।
- संरक्षित क्षेत्रों की हरित सूची (Green List of Protected and Conserved Areas): यह विश्व स्तर पर संरक्षित और परिरक्षित क्षेत्रों के लिए एक प्रमाणन कार्यक्रम है, जो प्रभावी और न्यायसंगत प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
- पारिस्थितिकी तंत्र की लाल सूची (Red List of Ecosystems): यह पारिस्थितिकी तंत्र के पतन के जोखिम का आकलन करने के लिए एक वैश्विक मानक है, जो जैव विविधता हानि के पैटर्न को समझने में मदद करता है।
- विश्व संरक्षण कांग्रेस (World Conservation Congress): IUCN की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, जो हर चार साल में एक बार आयोजित होती है। यह वैश्विक संरक्षण एजेंडे को निर्धारित करती है।
- प्रकृति-आधारित समाधान (Nature-based Solutions, NbS): IUCN ने प्रकृति-आधारित समाधानों की अवधारणा को विकसित किया और लोकप्रिय बनाया। ये ऐसे समाधान हैं जो प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, जल सुरक्षा और आपदा जोखिम में कमी जैसी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का भी समाधान करते हैं।
- विश्व विरासत आउटलुक (World Heritage Outlook): यह प्राकृतिक विश्व विरासत स्थलों की संरक्षण स्थिति का मूल्यांकन करता है।