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947 करोड़ रुपये की पशुपालन और डेयरी परियोजनाओं का शुभारंभ

Tue 14 Oct, 2025

संदर्भ

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 947 करोड़ रुपये की पशुपालन और डेयरी परियोजनाओं का शुभारंभ किया और अतिरिक्त 219 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

मुख्य बिंदु

  • यह पहल 11 अक्टूबर 2025 को शुरू की गई 35,440 करोड़ रुपये की दो प्रमुख कृषि योजनाओं—प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM-DDKY) और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन—के अंतर्गत आती है।
  • परियोजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना, किसानों की आय दोगुनी करना, और 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देना है।
  • कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा में किया गया।
  • 947 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पशुपालन और डेयरी विकास पर केंद्रित हैं। इसके साथ ही 5,450 करोड़ रुपये से अधिक की अन्य कृषि-संबंधी परियोजनाएं भी शुरू की गईं, जिनमें कृत्रिम गर्भाधान केंद्र शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री का संदेश: पीएम मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं किसानों को सशक्त बनाकर ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगी। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' और स्वदेशी तकनीकों, जैसे गाउसॉर्ट, पर जोर दिया।

परियोजनाओं का विवरण :

परियोजना का नाम / विवरण लागत (₹ करोड़ में) स्थान / क्षेत्र प्रमुख विशेषताएँ
पूर्वोत्तर की पहली आईवीएफ प्रयोगशाला (राष्ट्रीय गोकुल मिशन) 28.93 गुवाहाटी, असम नस्ल सुधार के लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन; दूध उत्पादन बढ़ाने हेतु।
सेक्स सॉर्टेड सीमेन सुविधा (गाउसॉर्ट तकनीक) 10 पूर्णिया, बिहार 90% सटीकता से मादा बछड़ों का जन्म; वार्षिक 5 लाख खुराकें उत्पादन।
कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र   बेंगलुरु, जम्मू-कश्मीर किसानों को प्रशिक्षण; नस्ल सुधार में सहायता।
उत्कृष्टता केंद्र (डेयरी प्रसंस्करण)   अमरेली, बनासकांठा, गुजरात डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता और निर्यात बढ़ावा।
अन्य डेयरी विकास परियोजनाएं (भंडारण, प्रसंस्करण) 815 (आधारशिला) मेहसाणा, इंदौर और अन्य लॉजिस्टिक्स सुधार; 3,650 करोड़ की कृषि आधारभूत ढाँचा फंड से जुड़ी परियोजनाएं।

कुल प्रभाव :

  • परियोजनाएं 100 कम प्रदर्शन वाले जिलों (जैसे छत्तीसगढ़ के जशपुर, कोरबा, दंतेवाड़ा) को लक्षित करती हैं, जहां PM-DDKY के तहत 11 मंत्रालयों की 36 योजनाएं एकीकृत होंगी।

तकनीकी नवाचार

  • 2024 में लॉन्च हुई गाउसॉर्ट तकनीक का उपयोग, जो आयातित तकनीकों से सस्ता और स्वदेशी है, जिससे पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के डेयरी किसानों को किफायती सेवाएं मिलेंगी।

पृष्ठभूमि और संदर्भ :

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है (2024-25 में 221 मिलियन टन दूध उत्पादन)
  • आयात निर्भरता (दलहन, चारा) और नस्ल सुधार की कमी प्रमुख चुनौती हैं
  • यह पहल 2020 से चल रही बड़ी योजनाओं जैसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन और पशुधन गणना (2024-25) का विस्तार है
  • बजट 2025-26 में पशुपालन के लिए 3,700 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं
  • आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव

आर्थिक प्रभाव:

  • सेक्स सॉर्टिंग से मादा पशुओं की संख्या 90% तक बढ़ेगी, जिससे प्रति किसान दूध उत्पादन 20-30% तक सुधरेगा
  • 2025-30 तक डेयरी निर्यात 50% बढ़कर 2 अरब डॉलर होने का अनुमान
  • 5-6 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होंगे

सामाजिक प्रभाव:

  • पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में समावेशी विकास को बढ़ावा
  • SC/ST किसानों को प्राथमिकता
  • ग्रामीण महिलाओं की डेयरी सहकारी समितियों में 70% भागीदारी

पर्यावरणीय प्रभाव:

  • नस्ल सुधार से चारा दक्षता बढ़ेगी, मीथेन उत्सर्जन 10-15% कम होगा
  • सतत डेयरी प्रथाओं पर फोकस

चुनौतियां

  • आयात निर्भरता: चारा और दवाओं के लिए 40% आयात
  • कुशल श्रमिकों की कमी: 50% किसानों को प्रशिक्षण की आवश्यकता
  • ठंडा भंडारण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां
  • FPO क्षमता विकास में देरी
  • छोटे किसानों के लिए ऋण सुविधा में बाधाएं

भविष्य की संभावनाएं (2030 तक) :

  • दूध उत्पादन का लक्ष्य: 350 मिलियन टन
  • डेयरी निर्यात में वृद्धि: 5 अरब डॉलर तक
  • 50 नए IVF केंद्र स्थापित
  • IoT आधारित पशु स्वास्थ्य निगरानी
  • PLI 2.0 के तहत 10,000 करोड़ रुपये का निवेश।
  • ग्रामीण जीडीपी में 7-8% की वृद्धि और 10 मिलियन नौकरियां
  • भारत को विश्व का डेयरी हब बनाने की योजना।

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