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राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप (भारत): विज़न 2025–2030

Sun 12 Oct, 2025

संदर्भ :

  • भारत ने अबू धाबी में आयोजित IUCN विश्व संरक्षण कांग्रेस में जैव विविधता संरक्षण को सशक्त बनाने के लिए "नेशनल रेड लिस्ट असेसमेंट विज़न 2025–2030" नामक एक महत्वाकांक्षी रोडमैप लॉन्च किया।

आवश्‍यकता क्‍यों :

  • भारत विश्‍व के 17 मेगा-जैवविविधता वाले देशों में से एक है और वैश्विक जैव विविधता के लगभग 8% पौधों और 7.5% जीवों को आश्रय देता है।
  • इसके बावजूद, अब तक भारत की केवल 6.33% पादप प्रजातियों और 7.2% जीव-जंतु प्रजातियों का ही वैश्विक IUCN रेड लिस्ट में आकलन किया गया है।
  • यह पहल देश के पौधों और जीवों के संरक्षण की स्थिति का वैज्ञानिक आधार पर आकलन और निगरानी करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित प्रणाली स्थापित करने पर केंद्रित है।
  • भारत ने पहले से ही 'वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972' के तहत सुदृढ़ कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ हाल ही में संशोधित किट्स (CITES) ऐपेंडिक्स के तहत प्रजातियों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।

वैश्विक संदर्भ:

  • IUCN रेड लिस्ट के तहत 1,63,000 प्रजातियों का आकलन किया गया है, जिनमें से लगभग 28% प्रजातियाँ विलुप्ति की कगार पर हैं।
  • यह तथ्य भारत की इस पहल की तात्कालिकता और प्रासंगिकता को रेखांकित करता है, ताकि जैव विविधता संरक्षण को ठोस दिशा दी जा सके।

रोडमैप के मुख्य उद्देश्य और दृष्टिकोण :

यह रोडमैप भारत की जैव विविधता को दस्तावेज़ित करने, खतरे का आकलन करने और साक्ष्य-आधारित संरक्षण योजना बनाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्य बिंदु विवरण
लक्ष्य और अवधि विजन 2025–2030: यह अगले पाँच वर्षों (2025 से 2030) के लिए एक व्यापक ढाँचा है।
मुख्य उद्देश्य प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम का सटीक आकलन करने के लिए एक विज्ञान-आधारित, समावेशी और राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित रेड-लिस्टिंग प्रणाली स्थापित करना।
प्रमुख उपलब्धि 2030 तक वनस्पतियों (फ्लोरा) और जीवों (फौना) दोनों के लिए राष्ट्रीय रेड डाटा बुक्स प्रकाशित करना।
प्रजाति लक्ष्य इस पहल के तहत 2030 तक लगभग 11,000 प्राथमिकता प्राप्त प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा।
नोडल एजेंसियाँ इस परियोजना का नेतृत्व पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) कर रहा है, जिसमें भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) और भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) नोडल एजेंसियाँ हैं। इसे IUCN-इंडिया के सहयोग से तैयार किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN)

  • स्थापना: 5 अक्टूबर 1948, फ्रांस के फॉन्टेनब्लो में
  • मुख्यालय: ग्लैंड, स्विट्जरलैंड
  • प्रकार: गैर-सरकारी, अंतरराष्ट्रीय संगठन
  • उद्देश्य: प्रकृति संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करना
  • नोट : - सितंबर 2025 में IUCN ने भारत के प्रथम डुगोंग संरक्षण रिजर्व को आधिकारिक मान्यता प्रदान की है।

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