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प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की कृषि परियोजनाओं का उद्घाटन

Sat 11 Oct, 2025

संदर्भ :

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नई दिल्ली में एक विशेष कृषि कार्यक्रम में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में 42 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शुभारंभ, लोकार्पण और शिलान्यास किया।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • इस कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में 35 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत वाली कृषि क्षेत्र की दो प्रमुख पहलों, "पीएम धन-धान्य कृषि योजना" और "दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन" का शुभारंभ किया।

 

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY)

  • स्वीकृत : 16 जुलाई, 2025

पाँच मुख्य उद्देश्य :

  • कृषि उत्पादकता बढ़ाना .
  • फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना।
  • पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल-उपरांत भंडारण क्षमता बढ़ाना ।
  • विश्वसनीय जल पहुंच के लिए सिंचाई बुनियादी ढांचे में सुधार करना ।
  • किसानों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कृषि ऋण तक अधिक पहुंच को सक्षम बनाना
  • मुख्य ध्यान: कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियाँ
  • योजना ढांचा: 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का संतृप्ति-आधारित अभिसरण, 1.7 करोड़ किसानों को लाभ
  • जिला स्तरीय कार्यान्वयन: जिला कलेक्टर, कृषि विश्वविद्यालय और नीति आयोग के सहयोग से
  • पारदर्शिता एवं निगरानी: डिजिटल डैशबोर्ड, किसान ऐप और जिला रैंकिंग प्रणाली

समयावधि और वित्तीय प्रावधान :

  • अवधि: छह वर्षों (2025–26 से 2030–31 तक)
  • वार्षिक बजट: ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष

लक्षित जिले: मानदंड और चयन :

निम्नलिखित के आधार पर 100 जिलों की पहचान की गई है :

  • कम उत्पादकता
  • कम फसल तीव्रता
  • कम ऋण वितरण

प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र और परिचालन जोतों के हिस्से पर आधारित होगी

शुद्ध फसल क्षेत्र से तात्पर्य भूमि के उस कुल क्षेत्रफल से है जिस पर किसी दिए गए कृषि वर्ष में फसलें बोई जाती हैं, जिसकी गणना केवल एक बार की जाती है, भले ही उस वर्ष के दौरान एक ही भूमि पर कई फसलें उगाई गई हों ।

 

दलहन आत्मनिर्भरता मिशन (Mission for Aatmanirbharta in Pulses)

  • परिव्यय: ₹11,440 करोड़
  • अवधि : 6 वर्ष (वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक)
  • मुख्य लक्ष्य : घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर दालों के आयात पर निर्भरता को कम करना और देश को दालों में आत्मनिर्भर बनाना।
  • आवश्यकता : भारत विश्‍व का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता है, लेकिन घरेलू उत्पादन माँग के अनुरूप नहीं है, जिसके कारण लगभग 15-20% दालों का आयात करना पड़ता है।

 

प्रमुख लक्ष्य एवं उद्देश्य (Key Targets and Objectives)

यह मिशन 2030-31 तक निम्नलिखित लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास करेगा :

पैरामीटर वर्तमान स्तर (लगभग)
कुल उत्पादन 242 लाख टन (2023-24)
खेती का क्षेत्रफल 242 लाख हेक्टेयर
उत्पादकता (पैदावार) 881 किलोग्राम/हेक्टेयर
लक्षित किसान लगभग 2 करोड़ किसानों तक पहुँचना
फोकस फसलें तूर (अरहर), उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान

 

संबद्ध क्षेत्रों के लिए अवसंरचना पहल :

  • ₹42,000 करोड़ के कुल निवेश में लगभग ₹5,450 करोड़ से अधिक की परियोजनाएँ पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों को समर्पित हैं।

शामिल परियोजनाएं :

क्षेत्र प्रमुख पहलें (लोकार्पण/शिलान्यास)
पशुधन एवं डेयरी बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत असम में आईवीएफ लैब की स्थापना। मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में दूध पाउडर संयंत्र
मत्स्य पालन प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत असम में मछली चारा संयंत्र का लोकार्पण। पुडुचेरी के कराइकल में स्मार्ट और एकीकृत मत्स्य बंदरगाह और नागालैंड में एकीकृत एक्वा पार्क का शिलान्यास
खाद्य प्रसंस्करण आंध्र प्रदेश में एकीकृत कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (इर्रेडिएशन) का शिलान्यास
अन्य अमरेली और बनास में उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence)

 

प्रमुख उपलब्धियाँ और किसानों का सशक्तीकरण :

कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने किसानों को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNC) के तहत प्रमाणित किसानों, मैत्री तकनीशियनों (MAITRI), और प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों (PACS) को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

  • किसान उत्पादक संगठन (FPO): 10,000 FPO बनाने के लक्ष्य को पूरा किया गया। 1,100 FPOs ने ₹1 करोड़ से अधिक का वार्षिक कारोबार किया है।
  • तकनीकी सशक्तीकरण: 'नमो ड्रोन दीदी' जैसी पहलें ग्रामीण महिलाओं को उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए आधुनिक ड्रोन तकनीक का उपयोग करने में मदद कर रही हैं।

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