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भारतीय रेलवे की चार नई मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूदी

Wed 08 Oct, 2025

संदर्भ :

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ₹24,634 करोड़ रुपये की चार रेल परियोजनाओं को मंज़ूरी दी।

परियोजना का विवरण :

  • स्वीकृत राशि: ₹24,634 करोड़
  • प्रभाव क्षेत्र: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिले
  • नेटवर्क वृद्धि: मौजूदा रेलवे नेटवर्क में लगभग 894 किमी की वृद्धि

मुख्य उद्देश्य:

  • रेलवे नेटवर्क की क्षमता बढ़ाना
  • भीड़-भाड़ वाले मार्गों पर दबाव कम करना
  • माल और यात्री परिवहन की गति और विश्वसनीयता में सुधार

चार परियोजनाओं का विवरण :

परियोजना लाइन/किमी राज्य उद्देश्य लागत (₹ करोड़)  
भुसावल – वर्धा तीसरी और चौथी लाइन, 314 किमी महाराष्ट्र मुंबई-हावड़ा जैसे उच्च-घनत्व वाले मार्गों पर क्षमता बढ़ाना 9,197  
गोंदिया – डोंगरगढ़ चौथी लाइन, 84 किमी महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ कोयला और अन्य महत्वपूर्ण माल की आवाजाही को सुगम बनाना 2,223  
वडोदरा – रतलाम तीसरी और चौथी लाइन, 259 किमी गुजरात, मध्य प्रदेश दिल्ली-मुंबई उच्च-घनत्व नेटवर्क पर भीड़ कम करना 8,885  
इटारसी – भोपाल – बीना चौथी लाइन, 237 किमी मध्य प्रदेश दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण खंड पर कनेक्टिविटी बढ़ाना 4,329  

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव :

आबादी पर प्रभाव:

  • लगभग 85 लाख से अधिक आबादी वाले लगभग 3,633 गाँवों और 2 आकांक्षी जिलों तक बेहतर कनेक्टिविटी
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में यात्री और माल परिवहन की सुविधा बढ़ेगी

परिवहन और लॉजिस्टिक प्रभाव:

  • कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न और इस्पात जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह मार्ग आवश्यक
  • उच्च-घनत्व मार्गों पर माल और यात्री दोनों के लिए समय और लागत की बचत

रेलवे की परिचालन दक्षता में सुधार:

  • मल्टी-ट्रैकिंग से रूट क्षमता बढ़ेगी
  • ट्रेनें समय पर चलेंगी और देरी कम होगी
  • परिचालन विश्वसनीयता में सुधार, विशेषकर व्यस्त मार्गों पर

वित्तीय और निर्माण संबंधी विवरण :

  • भुसावल-वर्धा (314 किमी): ₹9,197 करोड़
  • गोंदिया-डोंगरगढ़ (84 किमी): ₹2,223 करोड़
  • वडोदरा-रतलाम (259 किमी): ₹8,885 करोड़
  • इटारसी-भोपाल-बीना (237 किमी): ₹4,329 करोड़
  • निर्माण अवधि: प्रत्येक परियोजना के लिए लगभग 5 वर्ष

विशेष ध्यान:

  • लागत का निर्धारण मार्ग की लंबाई, भौगोलिक स्थिति और बुनियादी ढांचे की जरूरतों के आधार पर किया गया है।
  • इन परियोजनाओं में आधुनिक रेलवे तकनीक और मल्टी-ट्रैकिंग का उपयोग किया जाएगा।

रणनीतिक महत्व :

  • राष्ट्रीय आर्थिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग
  • औद्योगिक और खनिज माल (कोयला, सीमेंट, स्टील) की आवाजाही में मदद
  • लंबी दूरी की कनेक्टिविटी में सुधार: दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद

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