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फाइनेंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (FIDC)

Tue 07 Oct, 2025

संदर्भ :

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फाइनेंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (FIDC) को नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) क्षेत्र के लिए स्व-नियामक संगठन (Self-Regulatory Organisation - SRO) का दर्जा प्रदान किया।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • यह निर्णय RBI के 'ऑम्बस फ्रेमवर्क फॉर रिकग्निशन ऑफ SROs' के तहत लिया गया, जो मार्च 2024 में जारी किया गया था।
  • यह कदम NBFC क्षेत्र में नियामकीय अनुपालन को मजबूत करने और उद्योग-विशिष्ट मानकों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्व-नियामक संगठन (SRO) का महत्व और भूमिका :

  • SRO वह संस्था होती है जो अपने क्षेत्र में आचार संहिता लागू करती है और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करती है।
  • FIDC के रूप में, यह NBFC क्षेत्र में नियामक के विस्तार के रूप में कार्य करेगा और RBI के साथ मिलकर क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान करेगा।
  • SRO के द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर बेहतर गवर्नेंस और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है, साथ ही वित्तीय बाजार का अधिक कुशल विकास होता है।

FIDC की विशेषताएं और सदस्यता :

  • FIDC लगभग 400 NBFCs का प्रतिनिधित्व करता है और इसकी सदस्यता पात्र सदस्यों के लिए स्वैच्छिक है।
  • SRO के रूप में FIDC को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत गैर-लाभकारी कंपनी होना चाहिए।
  • न्यूनतम निवल संपत्ति 2 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
  • RBI के मानकों के अनुसार NBFC क्षेत्र के लिए अधिकतम दो SRO को मान्यता दी जाएगी, और FIDC उनमें से एक है।
  • FIDC के CEO रमन अग्रवाल हैं, जो संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं।

प्रभाव और अपेक्षाएं :

  • FIDC को SRO का दर्जा मिलने से NBFC क्षेत्र में नियमों का कड़ाई से पालन होगा, जिससे वित्तीय प्रणाली में स्थिरता और सुरक्षा बढ़ेगी।
  • यह स्व-नियामक संगठन सेवा गुणवत्ता, जोखिम प्रबंधन, उपभोक्ता संरक्षण एवं वित्तीय समावेशन को बेहतर करेगा।
  • FIDC के साथ RBI की साझेदारी से सेक्टर के लिए नीतिगत सुधार और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

फाइनेंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (FIDC) :

  • FIDC एक 21 वर्ष पुराना संगठन है, जो RBI से पंजीकृत NBFCs (जैसे एसेट फाइनेंसिंग और लोन फाइनेंसिंग कंपनियां) का प्रतिनिधित्व करता है।
  • इसमें देश भर के लगभग सभी प्रमुख NBFCs सदस्य हैं (लगभग 400 सदस्य)। इसका मुख्यालय मुंबई में है, और वर्तमान में इसका सीईओ रमन अग्रवाल हैं।
  • FIDC का उद्देश्य NBFC क्षेत्र की वकालत करना, नीति सुझाव देना और सदस्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना रहा है।

स्व-नियामक संगठन (SRO) :

  • SRO एक उद्योग-आधारित संगठन होता है जो नियामक (RBI) के साथ साझेदारी में कार्य करता है।
  • यह सदस्यों के लिए आचार संहिता लागू करता है, अनुपालन सुनिश्चित करता है, विवादों का समाधान करता है और प्रारंभिक चेतावनी संकेतों (early warning signals) की पहचान करता है।
  • RBI का फ्रेमवर्क SROs को वित्तीय बाजारों में स्व-नियमन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि केंद्रीय नियामक का बोझ कम हो।

 

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