28 September, 2025
बिहार के गोकुल जलाशय और उदयपुर झील को अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट) का दर्जा प्रदान किया गया
Tue 30 Sep, 2025
संदर्भ :
- बिहार के बक्सर जिले में स्थित गोकुल जलाशय और पश्चिम चंपारण जिले की उदयपुर झील को अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट) का दर्जा प्रदान किया गया।
मुख्य बिन्दु :
- इस मान्यता से बिहार में रामसर स्थलों की कुल संख्या 5 हो गई है और भारत में इनकी संख्या बढ़कर 93 हो गई है
- रामसर स्थलों की कुल संख्या के मामले में एशिया में देश के शीर्ष स्थान और यूके (176) और मैक्सिको (144) के बाद विश्व में तीसरे स्थान पर है।
- ये दोनों मानव-निर्मित जलाशय हैं, जो सिंचाई और जैव विविधता संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- इन्हें बिहार राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण (BSWA) द्वारा 2023 में रामसर सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई थी।
गोकुल जलाशय, बक्सर जिला :
विशेषता | विवरण |
स्थान | बक्सर जिला, बिहार (गंगा नदी के निकट) |
क्षेत्रफल | 448 हेक्टेयर |
निर्माण वर्ष | 1980 (सिंचाई उद्देश्य के लिए) |
प्रकार | मानव-निर्मित जलाशय (Reservoir) |
मुख्य उद्देश्य | सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, और जैव विविधता संरक्षण |
जैव विविधता | 100+ प्रवासी पक्षी प्रजातियां (जैसे सारस, किंगफिशर, जलपक्षी); जलीय वनस्पतियां |
पर्यावरणीय महत्व | बाढ़ नियंत्रण (20-30% तीव्रता में कमी), भूजल रिचार्ज, कार्बन सिंक |
आर्थिक महत्व | 10,000 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई, मछली पालन, पर्यटन की संभावना |
सामाजिक प्रभाव | स्थानीय समुदायों (किसान, मछुआरे) की आजीविका का समर्थन |
अतिरिक्त जानकारी :
- भौगोलिक महत्व: गंगा बेसिन में होने के कारण यह जलाशय बाढ़-प्रवण क्षेत्र में जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण है। यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों (जैसे अनियमित मानसून) को कम करने में सहायक है।
- पर्यटन संभावना: रामसर टैग के बाद बर्डवॉचिंग और इको-टूरिज्म के लिए आकर्षण बढ़ेगा।
- चुनौतियां: शहरीकरण, कृषि रसायनों का प्रदूषण, और अवैध शिकार से खतरा।
उदयपुर झील, पश्चिम चंपारण जिला :
विशेषता | विवरण |
स्थान | पश्चिम चंपारण जिला, बिहार (तराई क्षेत्र, गंडक नदी बेसिन) |
क्षेत्रफल | 319 हेक्टेयर |
निर्माण/उद्भव | 1990 के दशक में (सिंचाई और जल संग्रह के लिए मानव-निर्मित संरचना) |
प्रकार | प्राकृतिक-मानव संकर झील (Lake) |
मुख्य उद्देश्य | सिंचाई, मछली पालन, बाढ़ नियंत्रण, और जैव विविधता संरक्षण |
जैव विविधता | प्रवासी पक्षी (जैसे जलपक्षी, किंगफिशर), मछली प्रजातियां (कॉर्प, कैटफिश), जलीय वनस्पतियां (लोटस, रीड्स) |
पर्यावरणीय महत्व | भूजल रिचार्ज, बाढ़ नियंत्रण, कार्बन सिंक, और प्रदूषण निस्पंदन |
आर्थिक महत्व | मछली पालन से 5,000+ परिवारों को आय (लगभग 50 लाख रुपये वार्षिक), पर्यटन संभावना |
सामाजिक प्रभाव | स्थानीय और आदिवासी समुदाय (जैसे थारू जनजाति) की आजीविका का समर्थन |
अतिरिक्त जानकारी :
- भौगोलिक महत्व: तराई क्षेत्र में स्थित यह झील गंडक नदी के जल प्रबंधन में सहायक है। यह बाढ़ नियंत्रण और भूजल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर मानसून के दौरान।
- पर्यटन संभावना: रामसर टैग के साथ बर्डवॉचिंग और इको-टूरिज्म के लिए आकर्षण बढ़ेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- चुनौतियां: कृषि रसायनों से प्रदूषण, अवैध मछली पकड़, और जल निकासी की समस्या। स्थानीय स्तर पर संरक्षण और मॉनिटरिंग जरूरी।
- सामाजिक योगदान: थारू जनजाति जैसे आदिवासी समुदायों के लिए मछली पालन और जल संग्रहण से आजीविका का स्रोत।
- यहाँ 280 से अधिक वनस्पति प्रजातियाँ और 35 प्रवासी पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
आर्द्रभूमि (Wetlands)
विशेषता | विवरण |
परिभाषा | जल और थल के बीच का क्षेत्र, जहां मिट्टी जल-संतृप्त होती है या सतह पर जल मौजूद होता है। |
प्रकार | प्राकृतिक (जैसे दलदल, बाढ़ के मैदान, झीलें) और मानव-निर्मित (जलाशय, तालाब)। |
मुख्य उद्देश्य | जैव विविधता संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण, भूजल रिचार्ज, प्रदूषण निस्पंदन, और आजीविका समर्थन। |
जैव विविधता | पक्षी (जैसे प्रवासी जलपक्षी), मछलियां, उभयचर, सरीसृप, और जलीय वनस्पतियां (लोटस, रीड्स)। |
पर्यावरणीय महत्व | कार्बन सिंक, जलवायु परिवर्तन नियंत्रण, मिट्टी क्षरण रोकथाम, और जल शुद्धिकरण। |
आर्थिक महत्व | मछली पालन, कृषि सिंचाई, पर्यटन (जैसे बर्डवॉचिंग), और स्थानीय रोजगार। |
वैश्विक संदर्भ | रामसर कन्वेंशन (1971) के तहत संरक्षित; भारत में 93 रामसर स्थल (सितंबर 2025 तक)। |
भारत में स्थिति | 13.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र, बिहार में 3.7 लाख हेक्टेयर (4% भूमि)। |
अतिरिक्त जानकारी :
रामसर कन्वेंशन:
- 1971 में ईरान के रामसर शहर में शुरू हुई यह संधि आर्द्रभूमियों के संरक्षण और बुद्धिमान उपयोग को बढ़ावा देती है।
- भारत 1982 से सदस्य है और एशिया में सर्वाधिक (93) रामसर स्थलों वाला देश है।
बिहार में आर्द्रभूमियां:
- बिहार में कबर झील, नागी-नक्ति, गोकुल जलाशय, उदयपुर झील, और कंवर झील रामसर स्थल हैं।
- ये गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन का हिस्सा हैं।
महत्व:
- पर्यावरणीय: बाढ़ नियंत्रण (बिहार में 20-30% बाढ़ तीव्रता में कमी), भूजल रिचार्ज, और जैव विविधता संरक्षण (100+ पक्षी प्रजातियां, मछलियां, गंगा डॉल्फिन)।
- आर्थिक: मछली पालन से लाखों परिवारों को आय, पर्यटन से रोजगार।
- सामाजिक: आदिवासी समुदायों (जैसे थारू) और स्थानीय लोगों की आजीविका का आधार।
- चुनौतियां: शहरीकरण, प्रदूषण (कृषि रसायन), अवैध शिकार, और जल निकासी। पिछले दशक में बिहार में 30% आर्द्रभूमि ह्रास हुआ।
- संरक्षण प्रयास: भारत का 'मिशन अमृत सरोवर' और 'राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम' आर्द्रभूमियों को पुनर्जनन और संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।
रामसर कन्वेंशन
- एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जो आर्द्रभूमियों (wetlands) के संरक्षण और उनके टिकाऊ उपयोग को बढ़ावा देती है।
- इसे "आर्द्रभूमियों पर कन्वेंशन" (Convention on Wetlands) के नाम से भी जाना जाता है।
विशेषता | विवरण |
स्थापना | 2 फरवरी 1971, रामसर शहर, ईरान में |
उद्देश्य | आर्द्रभूमियों और उनके संसाधनों का संरक्षण, बुद्धिमान उपयोग, और जैव विविधता की रक्षा। |
हस्ताक्षरकर्ता | 172 देश (सितंबर 2025 तक), भारत 1982 से सदस्य। |
मुख्य फोकस | आर्द्रभूमियों की पारिस्थितिकी, जल प्रबंधन, और स्थानीय समुदायों की आजीविका। |
रामसर स्थल | अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियां, जो जैव विविधता और पर्यावरणीय सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। |
वैश्विक स्थिति | 2,500+ रामसर स्थल, 250 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में (2025 तक)। |
भारत में स्थिति | 93 रामसर स्थल (13.6 लाख हेक्टेयर), एशिया में सर्वाधिक, विश्व में तीसरा स्थान (यूके और मैक्सिको के बाद)। |
बिहार में रामसर स्थल | 5 स्थल: कबर झील, नागी-नक्ति, कंवर झील, गोकुल जलाशय, उदयपुर झील। |
मॉन्ट्रो रिकॉर्ड (Montreux Record)
मॉन्ट्रो रिकॉर्ड रामसर सूची (Ramsar List) में शामिल उन आर्द्रभूमि स्थलों का रजिस्टर है, जहाँ मानवीय हस्तक्षेप, प्रदूषण या तकनीकी विकास के कारण पारिस्थितिक चरित्र (Ecological Character) में परिवर्तन हो रहे हैं, हुए हैं या भविष्य में होने की संभावना है।
उद्देश्य :
- महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि प्रणालियों के लिए उत्पन्न खतरों की निगरानी करना।
- उनके संरक्षण एवं पुनर्स्थापन (Restoration) के लिए समाधान प्रस्तुत करना।
भारत में मॉन्ट्रो रिकॉर्ड में शामिल आर्द्रभूमियाँ :
1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान
- वर्ष: 1990 में जोड़ा गया
- स्थान: भरतपुर, राजस्थान
- विशेषता: पक्षी विहार, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
2. लोकतक झील, मणिपुर
- वर्ष: 1993 में जोड़ा गया
- विशेषता: पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील, "फुमदी" (तैरती वनस्पति) के लिए प्रसिद्ध