28 September, 2025
NH-139W पर चार लेन ग्रीनफ़ील्ड हाईवे को मंजूरी
Fri 26 Sep, 2025
संदर्भ :
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने बिहार में NH-139W के साहेबगंज-आररज-बेतिया खंड पर 78.942 किलोमीटर लंबे चार लेन ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी।
मुख्य बिन्दु :
- परियोजना हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) पर विकसित की जाएगी, जिसकी कुल पूंजीगत लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है।
- यह हाईवे पटना को बेतिया से जोड़ेगा और उत्तर बिहार के प्रमुख जिलों जैसे वैशाली, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण को कवर करेगा, जो भारत-नेपाल सीमा तक विस्तारित होगा।
- यह परियोजना भारतमाला परियोजना का हिस्सा है और PM गति शक्ति योजना के अंतर्गत आती है, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।
परियोजना का विवरण :
- लंबाई और संरचना: 78.942 किमी का ग्रीनफील्ड (नई संरचना) हाईवे, जो चार लेन वाला होगा। यह साहेबगंज से आररज होते हुए बेतिया तक जाएगा।
- डिजाइन स्पीड: डिजाइन स्पीड 100 किमी/घंटा, औसत वाहन गति 80 किमी/घंटा।
- मोड: हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM), जिसमें सरकार 40% लागत वहन करेगी और शेष निजी निवेशक द्वारा, टोल राजस्व पर आधारित।
- कनेक्टिविटी: यह NH-31, NH-722, NH-727, NH-27 और NH-227A से जुड़ेगा। साथ ही, उत्तर बिहार के बौद्ध सर्किट (वैशाली, केसरीया) को बढ़ावा मिलेगा।
- समयरेखा: मंजूरी के बाद निर्माण शीघ्र शुरू होने की उम्मीद, लेकिन सटीक समयसीमा की घोषणा नहीं हुई। पहले के अपडेट्स के अनुसार, कुछ खंडों पर काम पहले से प्रगति पर है।
लाभ :
लाभ का प्रकार | विवरण |
यात्रा समय में कमी | साहेबगंज-बेतिया के बीच यात्रा समय 2.5 घंटे से घटकर 1 घंटा हो जाएगा। पटना-बेतिया के लिए 6 घंटे से घटकर 2.5 घंटे। |
आर्थिक विकास | कृषि, उद्योग और व्यापार केंद्रों को जोड़ेगा; भारत-नेपाल सीमा व्यापार बढ़ेगा। सात आर्थिक नोड्स और आठ लॉजिस्टिक्स नोड्स से जुड़ेगा। |
रोजगार सृजन | प्रत्यक्ष रोजगार: 14.22 लाख मान-दिन; अप्रत्यक्ष: 17.69 लाख मान-दिन। निर्माण और संचालन से स्थानीय रोजगार बढ़ेगा। |
पर्यटन और सुरक्षा | बौद्ध सर्किट को बढ़ावा; वर्तमान संकुचित और भीड़भाड़ वाली सड़कों से डीकंजेशन, दुर्घटनाओं में कमी। |
माल ढुलाई | लंबी दूरी के फ्रेट मूवमेंट में सुधार, जो उत्तर बिहार की कृषि उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण। |
चुनौतियां और जोखिम :
- भूमि अधिग्रहण: बिहार में भूमि विवाद आम हैं; जिलाधिकारियों को तेजी से अधिग्रहण करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन विलंब संभव।
- पर्यावरणीय प्रभाव: ग्रीनफील्ड होने से नई भूमि पर निर्माण, जो वन/कृषि भूमि प्रभावित कर सकता है। पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
- वित्तीय: HAM मोड में निजी निवेशक की रुचि सुनिश्चित करनी होगी; टोल संग्रह से राजस्व प्रभावित हो सकता है।
- निर्माण जोखिम: बाढ़-प्रवण क्षेत्र (उत्तर बिहार) में मौसमी बाधाएं।
राष्ट्रीय राजमार्ग-139W (NH-139W)
- नाम / Number : राष्ट्रीय राजमार्ग-139W (NH-139W)
- प्रकार : भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग
- राज्य (States Covered) : मुख्यतः बिहार
- प्रारंभ बिंदु (Starting Point) : पटना (Patna) के पास NH-139 का जंक्शन (AIIMS, पटना के पास), या दिघा/बाकरपुर (Digha/Bakarpur)
- समाप्ति बिंदु (Termination Point) : बेतिया (Bettiah), बिहार (NH-727 का जंक्शन)
महत्व :
- यह NH-139 का Western Spur (पश्चिमी शाखा मार्ग) है।
- बिहार के ऐतिहासिक और धार्मिक नगर राजगीर को झारखंड के औद्योगिक नगर जमशेदपुर से जोड़ता है।
- गया, नवादा, कोडरमा और चाईबासा के रास्ते गुजरता है।
जुड़ाव (Connectivity) :
- बोधगया और राजगीर जैसे धार्मिक-पर्यटन स्थलों को सड़क संपर्क देता है।
- झारखंड के औद्योगिक इलाकों तक सीधा रास्ता उपलब्ध कराता है।