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स्नातकोत्तर और स्नातक चिकित्सा शिक्षा क्षमता में विस्तार को मंजूरी

Thu 25 Sep, 2025

संदर्भ :

  • 5,000 स्‍नातकोत्‍तर सीटें बढ़ाने के उद्देश्‍य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार/केंद्र सरकार के मौजूदा मेडिकल कॉलेजों/स्वतंत्र स्‍नातकोत्‍तर संस्थानों/सरकारी अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन हेतु, केंद्र प्रायोजित योजना के तीसरे चरण को स्‍वीकृति प्रदान की।

पृष्ठभूमि :

  • भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) हासिल करने के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली आवश्यक है।
  • मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए पर्याप्त चिकित्सा कार्यबल (doctors, specialists, faculty) होना जरूरी है
  • भारत में 808 मेडिकल कॉलेज हैं, जो विश्व में सबसे अधिक हैं
  • वर्तमान में कुल 1,23,700 MBBS सीटें और 43,041 स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें हैं
  • पिछले एक दशक में:
    • MBBS सीटों में 127% वृद्धि हुई (69,352 नई सीटें जुड़ी)
    • पोस्टग्रेजुएट सीटों में 143% वृद्धि हुई (43,041 अतिरिक्त सीटें)
  • इसके बावजूद, स्वास्थ्य सेवा की मांग और गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में

योजना का उद्देश्य :

  • सरकारी मेडिकल कॉलेजों/स्वतंत्र स्नातकोत्तर संस्थानों/सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ बनाना और उन्नत करना
  • 5,000 स्नातकोत्तर (PG) सीटें और 5,023 MBBS सीटें बढ़ाना
  • उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य पेशेवर तैयार करना और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाना
  • स्वास्थ्य सेवा की समान और व्यापक पहुंच सुनिश्चित करना
  • देश की चिकित्सा क्षमता को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना

वित्तीय विवरण :

  • कुल व्यय (2025-26 से 2028-29 तक): ₹15,034.50 करोड़
    • केंद्र सरकार की देनदारी: ₹10,303.20 करोड़
    • राज्य सरकार की देनदारी: ₹4,731.30 करोड़
  • प्रति सीट लागत सीमा: ₹1.50 करोड़ प्रति MBBS सीट

योजना के लाभ :

1. डॉक्टरों और विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ाना

  • ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित होगी।

2. स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण

  • मौजूदा सरकारी संस्थानों में तृतीयक स्वास्थ्य सेवा का लागत-प्रभावी विस्तार।
  • स्नातकोत्तर सीटों की वृद्धि से विशेषज्ञ डॉक्टरों की लगातार आपूर्ति।

3. मानव संसाधन सृजन और रोजगार

  • डॉक्टर, संकाय, पैरामेडिकल स्टाफ, शोधकर्ता, प्रशासक और सहायक सेवाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार।

4. स्वास्थ्य सेवा का समान वितरण

  • राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का समान वितरण।

5. वैश्विक प्रतिस्पर्धा और मुद्रा अर्जन

  • पर्याप्त और योग्य डॉक्टर होने पर भारत को सस्ती स्वास्थ्य सेवा देने वाला प्रमुख देश बनने का अवसर।

योजना का कार्यान्वयन :

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा।

लक्ष्य:

  • 2028-29 तक: 5,000 स्नातकोत्तर सीटें + 5,023 MBBS सीटें बढ़ाना।

नए नियम:

  • संकाय योग्यता विनियम 2025: योग्य और योग्यतानुसार भर्ती।
  • उद्देश्य: उच्चतम शैक्षणिक और व्यावसायिक मानक सुनिश्चित करना।

दीर्घकालिक प्रभाव :

  • देश में स्वास्थ्य सेवा की क्षमता और गुणवत्ता बढ़ेगी।
  • समान क्षेत्रीय वितरण के कारण वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुँच बढ़ेगी।
  • चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण में वैश्विक मानक स्थापित होंगे।
  • समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान।

रोजगार और मानव संसाधन प्रभाव :

  • छात्रों के लिए अधिक चिकित्सा शिक्षा अवसर।
  • विशेषज्ञ डॉक्टरों और संकाय की पर्याप्त उपलब्धता।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन सुदृढ़ीकरण।
  • प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के नए अवसर।

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