22 September, 2025
औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली 3.0 (IPRS 3.0)
Mon 22 Sep, 2025
संदर्भ:
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल ही में नई दिल्ली में औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (IPRS) 3.0 की शुरुआत की। इसे उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने एशियाई विकास बैंक (ADB) के सहयोग से विकसित किया है। यह प्रणाली भारत में औद्योगिक बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता को मापने, उसका मूल्यांकन करने और उसमें सुधार लाने के लिए एक मानकीकृत ढांचा प्रदान करती है।
क्या है IPRS?
औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली का उद्देश्य है:
- भारत में स्थित औद्योगिक पार्कों की स्थिति का मूल्यांकन करना,
- नीति निर्माताओं और निवेशकों को पारदर्शी डेटा उपलब्ध कराना,
- औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रतिस्पर्धी और निवेश अनुकूल बनाना।
पहली बार यह प्रणाली 2018 में शुरू की गई थी (IPRS 1.0) और फिर 2020 में IPRS 2.0 आई। अब IPRS 3.0 के माध्यम से कई नए मापदंडों को जोड़ा गया है।
IPRS 3.0 के उद्देश्य
उद्देश्य | विवरण |
प्रतिस्पर्धा में सुधार | औद्योगिक पार्कों को मानकीकृत मापदंडों पर आंकना। |
सत्यापित डेटा प्रदान करना | निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए सटीक सूचना का स्रोत बनना। |
सतत विकास को बढ़ावा देना | हरित और डिजिटल अवसंरचना को महत्व देना। |
नवाचार और तकनीक का उपयोग | आधुनिक तकनीक आधारित मूल्यांकन प्रक्रिया को अपनाना। |
IPRS 3.0 की प्रमुख विशेषताएं
विस्तृत और उन्नत मूल्यांकन ढांचा:
- हरित अवसंरचना और स्थिरता: अक्षय ऊर्जा, जल पुनर्चक्रण, अपशिष्ट प्रबंधन आदि।
- लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी: बंदरगाह, राजमार्ग, रेलवे से निकटता।
- डिजिटल बुनियादी ढांचा: आईटी सेवाएं, स्मार्ट सुविधाएं, एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली।
- कौशल विकास कनेक्टिविटी: ITI, प्रशिक्षण केंद्रों से संबंध।
- उपयोगकर्ता फीडबैक: औद्योगिक इकाइयों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर मूल्यांकन।
प्रदर्शन आधारित श्रेणियाँ:
औद्योगिक पार्कों को तीन वर्गों में विभाजित किया जाएगा:
- लीडर्स (Leader) – उच्चतम प्रदर्शन वाले पार्क।
- चैलेंजर्स (Challenger) – अच्छा प्रदर्शन करने वाले, लेकिन सुधार की गुंजाइश।
- आकांक्षी (Aspirer) – संभावनाओं वाले नवोदित पार्क।
महत्व
'मेक इन इंडिया' और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
- रेटिंग से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और निवेशकों को स्पष्टता मिलेगी।
रोजगार सृजन और MSME समर्थन
- बेहतर अवसंरचना से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा मिलेगा।
हरित और सतत विकास को बढ़ावा
- पर्यावरण हितैषी अवसंरचना को मान्यता मिलने से नेट ज़ीरो 2070 लक्ष्य में सहयोग।
भविष्य की दिशा
- IPRS 3.0 भारत के $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस कदम है।
- इसके तहत नीति निर्धारण और योजना निर्माण को बेहतर बनाया जा सकता है।
- PM गति शक्ति, लॉजिस्टिक्स नीति, PLI योजना जैसे कार्यक्रमों से एकीकृत किया जा सकता है।
निष्कर्ष
औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली 3.0 भारत में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक निर्णायक कदम है। इससे न केवल निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायता मिलेगी। यह प्रणाली स्थिरता, डिजिटल परिवर्तन, और समावेशी औद्योगिकीकरण को गति देने का कार्य करेगी।