गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (AuNPs) के एग्रीगेशन में अमीनो एसिड और नमक के प्रभाव से एक नए व्यवहार की खोज
 
  • Mobile Menu
HOME BUY MAGAZINEnew course icon
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (AuNPs) के एग्रीगेशन में अमीनो एसिड और नमक के प्रभाव से एक नए व्यवहार की खोज

Sun 14 Sep, 2025

संदर्भ :

  • कोलकाता स्थित एस. एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज (DST संस्थान) के वैज्ञानिकों ने गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (AuNPs) के एग्रीगेशन में अमीनो एसिड और नमक के प्रभाव से एक नया व्यवहार खोजा है।

मुख्‍य बिन्‍दु *:

  • वैज्ञानिकों ने पाया कि रोजमर्रा के अणु — जैसे एमिनो एसिड (L-Tryptophan) और लैब में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाला सॉल्ट (Guanidine Hydrochloride/GdnHCl) — गोल्ड नैनोपार्टिकल के क्लस्टर (जोड़-गठान) बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • GdnHCl अकेले मिलाने पर नैनोपार्टिकल्स आपस में जल्दी और घना क्लस्टर बना लेते हैं, जिससे उनकी ऑप्टिकल और कलर प्रॉपर्टीज बदलती हैं — जो बायोसेंसर व ऑप्टिकल टूल्स की स्थिरता के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
  • जब L-Tryptophan और GdnHCl दोनों मिलाए, तो घने क्लस्टर्स की जगह खुले, ब्रांच जैसे स्ट्रक्चर बनते हैं। वैज्ञानिकों ने इसे ‘frustrated aggregation’ नाम दिया — यानी कण पूरी तरह चिपकना चाहते हैं, लेकिन एमिनो एसिड (L-Trp) बाधा बन जाता है.

तकनीकी पहलू और विधि :

  • टीम ने दुनिया की सबसे संवेदनशील ऑप्टिकल तकनीकों में से एक — Evanescent Wave Cavity Ringdown Spectroscopy (EW-CRDS) — का इस्तेमाल किया, जिससे यह पता चला कि L-Trp, GdnHCl के प्रभाव को धीमा कर देता है और क्लस्टर को खुला, स्थिर बनाता है.
  • यह विधि रियल टाइम में नैनोपार्टिकल के अपडेट होते व्यवहार को माप सकती है।

अनुप्रयोग:

  • बायोसेंसर: वायरस डिटेक्शन
  • डायग्नोस्टिक्स: इमेजिंग
  • ड्रग डिलीवरी: लक्षित थेरेपी
  • पर्यावरण: प्रदूषक डिटेक्शन

गोल्ड नैनो पार्टिकल (AuNPs)

  • सोने (Gold, Au) से बने नैनोमीटर स्तर के कण होते हैं
  • इनका आकार 1 से 100 नैनोमीटर (nm) तक हो सकता है

संरचना :

  • गोल्ड के परमाणु मिलकर छोटे-छोटे गोलाकार, रॉड, शेल, स्टार आदि रूपों में नैनोपार्टिकल बनाते हैं।
  • इनका रंग bulk gold जैसा पीला नहीं होता, बल्कि लाल, बैंगनी या नीला भी दिखाई दे सकता है।

विशेषताएँ (Properties) :

  • ऑप्टिकल गुण (Optical properties): Surface Plasmon Resonance (SPR) के कारण इनका रंग बदलता है।
  • रासायनिक स्थिरता (Chemical stability): Gold काफी inert होता है, इस कारण ये नैनोपार्टिकल्स भी स्थिर रहते हैं।
  • सतह पर आसानी से मॉडिफिकेशन: AuNPs की surface पर biomolecules (DNA, protein) या drugs जोड़ी जा सकती हैं।
  • बायोकम्पैटिबिलिटी: शरीर के अंदर सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

निर्माण विधियाँ (Synthesis methods) :

  • Chemical reduction (जैसे citrate reduction method – सबसे आम तरीका)
  • Biological synthesis (plant extracts, microorganisms से green synthesis)
  • Physical methods (laser ablation, UV irradiation आदि)

उपयोग (Applications)

मेडिकल और डायग्नोस्टिक्स :

  • कैंसर सेल्स की पहचान और इलाज (drug delivery, photothermal therapy)
  • बायोसेंसर (जैसे COVID-19 टेस्ट kits में AuNPs का इस्तेमाल हुआ है)
  • इमेजिंग (MRI/CT scan contrast agents)

इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी :

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और नैनो-सर्किट्स
  • केमिकल कैटेलिसिस (Catalyst)
  • पर्यावरण में प्रदूषण की जाँच

रिसर्च और शिक्षा :

  • नैनोटेक्नोलॉजी रिसर्च में एक मॉडल पार्टिकल के रूप में।

गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (AuNPs) के अद्वितीय गुण

सतही प्लाज़्मोन रेज़ोनेंस (Surface Plasmon Resonance - SPR) :

  • जब रोशनी (light) AuNPs पर पड़ती है, तो surface electrons एक साथ oscillate करते हैं।
  • इस कारण इनका रंग bulk gold से अलग होता है (जैसे लाल, बैंगनी, नीला)।
  • यही गुण इन्हें biosensor, imaging और diagnostics में उपयोगी बनाता है।

उच्च सतही क्षेत्रफल (High Surface Area to Volume Ratio) :

  • आकार बहुत छोटा होने के कारण surface area बहुत बड़ा होता है।
  • इससे molecules आसानी से surface पर attach किए जा सकते हैं।
  • यह गुण drug delivery और catalysis में अहम है।

रासायनिक स्थिरता (Chemical Stability) :

  • सोना खुद inert (निष्क्रिय) धातु है, इसलिए AuNPs भी reactive वातावरण में स्थिर रहते हैं।
  • Biological systems में भी आसानी से degrade नहीं होते।

जैव-संगतता (Biocompatibility) :

  • AuNPs मानव शरीर में comparatively non-toxic माने जाते हैं।
  • इस कारण इनका उपयोग दवा पहुँचाने (drug delivery), कैंसर थेरेपी और वैक्सीन में सुरक्षित माना जाता है।

ऑप्टिकल गुण (Optical Properties) :

  • AuNPs का optical absorption और scattering बहुत शक्तिशाली होता है।
  • Nanoparticle के आकार और आकृति बदलने पर उनका रंग और absorption बदल जाता है।
  • Imaging, photothermal therapy, और biosensor applications के लिए यह गुण खास है।

विद्युत और उत्प्रेरक गुण (Electrical & Catalytic Properties) :

  • AuNPs electrical conductivity में उपयोगी हैं।
  • Catalysis में ये छोटे आकार के कारण chemical reactions को तेज कर सकते हैं।

आकार और रूप पर निर्भर गुण (Shape & Size Dependent Properties) :

  • Nanoparticles का optical, electrical और catalytic behavior उनके आकार और रूप (spheres, rods, shells, stars) के अनुसार बदलता है।
  • यही versatility इन्हें बहुत खास बनाती है।

एस. एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज (SNBNCBS)

  • स्थापना : 1986
  • नामकरण : प्रसिद्ध भारतीय भौतिक विज्ञानी सत्येन्द्र नाथ बोस (Satyendra Nath Bose) के सम्मान में
  • यह एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है
  • स्थित : सॉल्ट लेक, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
  • प्रशासन : केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अधीन कार्य करता है
  • संबंधित क्षेत्र: मौलिक विज्ञान, विशेष रूप से भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान और अंतःविषय क्षेत्रों में अग्रणी अनुसंधान संचालित करता है

Latest Courses