21 September, 2025
टिहरी झील पर्यटन परियोजना : भारत सरकार और ADB के बीच $126.42 मिलियन ऋण समझौता
Sat 13 Sep, 2025
सदंर्भ :
- भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (ADB) ने उत्तराखंड के टिहरी झील क्षेत्र में सतत और जलवायु-लचीले पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 126.42 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किया।
मुख्य बिन्दु :
- समझौते पर हस्ताक्षरकर्ता : वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और ADB के भारत में प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ
- यह परियोजना "सस्टेनेबल, इन्क्लूसिव एंड क्लाइमेट-रेज़िलिएंट टूरिज्म डेवलपमेंट एट टिहरी लेक एरिया प्रोजेक्ट" के तहत कार्यान्वित होगी।
- कार्यान्वयन भागीदार: उत्तराखंड सरकार
परियोजना का उद्देश्य :
- सतत पर्यटन विकास: टिहरी झील क्षेत्र को एक सालभर पर्यटन योग्य स्थल के रूप में विकसित करना, जो पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु अनुकूलता को प्राथमिकता देता हो।
- ग्रामीण विकास: आर्थिक रूप से वंचित टिहरी गढ़वाल जिले में रोजगार सृजन और आय में विविधता लाना।
- जलवायु-लचीलापन: बाढ़, भूस्खलन और अन्य जलवायु-संबंधी जोखिमों से निपटने के लिए लचीले बुनियादी ढांचे और प्रकृति-आधारित समाधानों को लागू करना।
- समावेशी विकास: महिलाओं, युवाओं, और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को पर्यटन सेवाओं में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना
प्रमुख हस्तक्षेप और विशेषताएँ :
पर्यटन अवसंरचना का उन्नयन:
- ईको-पार्क, ट्रेल्स, व्यू-पॉइंट्स, और विश्राम स्थलों का निर्माण।
- पर्यटकों के लिए सुरक्षित और आधुनिक सुविधाएँ, जैसे बेहतर सड़कें और यातायात प्रणालियाँ।
- दिव्यांगजनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुविधाएँ सुनिश्चित करना।
स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन:
- आधुनिक स्वच्छता सुविधाएँ और कचरा प्रबंधन प्रणालियाँ स्थापित करना।
- पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा दक्षता और जल प्रबंधन पर ध्यान देना।
जलवायु-लचीला ढांचा:
- बाढ़ और भूस्खलन के जोखिम को कम करने के लिए प्रकृति-आधारित समाधान, जैसे हरित बफर और कैचमेंट क्षेत्रों की बहाली।
- जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, जो प्राकृतिक आपदाओं को सहन कर सके।
संस्थागत सुदृढ़ीकरण:
- स्थानीय शासन और पर्यटन योजना की क्षमता में सुधार।
- समुदाय-नेतृत्व वाली पहल, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं द्वारा संचालित आपदा प्रबंधन और पर्यटन सेवाएँ।
आजीविका समर्थन:
- महिलाओं, युवाओं, और MSMEs के लिए आजीविका मिलान अनुदान कार्यक्रम।
- स्थानीय हस्तशिल्प और व्यवसायों को बढ़ावा देना।
लाभार्थी:
- स्थानीय निवासी: परियोजना से 87,000 से अधिक स्थानीय निवासियों को लाभ होगा, विशेष रूप से रोजगार के अवसरों और बेहतर बुनियादी ढांचे के माध्यम से।
- पर्यटक: लगभग 27 लाख वार्षिक आगंतुकों को बेहतर सुविधाएँ, स्वच्छता, और सुरक्षित पर्यटन अनुभव प्राप्त होगा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था: पर्यटन से होने वाली आय स्थानीय व्यवसायों और हस्तशिल्प उद्योग को मजबूती प्रदान करेगी।
टिहरी झील (Tehri Lake)
- टिहरी झील उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित भारत की सबसे बड़ी मानव-निर्मित झीलों में से एक है।
- यह टिहरी बांध (Tehri Dam) के निर्माण से बनी है, जो भागीरथी और भिलंगना नदियों के संगम पर बनाया गया है।
- यह झील न केवल जलविद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन संभावनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। नीचे टिहरी झील की सामान्य जानकारी दी गई है:
स्थान और निर्माण :
- स्थान: टिहरी गढ़वाल जिला, उत्तराखंड, भारत।
- निर्माण: टिहरी बांध परियोजना के तहत, जिसका निर्माण 1978 में शुरू हुआ और 2006 में मुख्य रूप से पूरा हुआ।
- नदियाँ: भागीरथी और भिलंगना नदियों के संगम पर।
- बांध की ऊँचाई: लगभग 260.5 मीटर (विश्व के सबसे ऊँचे बांधों में से एक)।
- झील का क्षेत्रफल: लगभग 52 वर्ग किलोमीटर (जल स्तर के आधार पर बदलता रहता है)।
- जलाशय की क्षमता: 4.0 क्यूबिक किलोमीटर (लगभग 4000 मिलियन क्यूबिक मीटर)।
उद्देश्य :
- जलविद्युत उत्पादन: टिहरी बांध 1000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ जलविद्युत उत्पन्न करता है।
- सिंचाई: आसपास के क्षेत्रों में खेती के लिए पानी उपलब्ध कराना।
- पेयजल आपूर्ति: दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पेयजल आपूर्ति।
- पर्यटन: प्राकृतिक सौंदर्य और जल क्रीड़ाओं के लिए एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल।
पर्यटन महत्व :
- प्राकृतिक सौंदर्य: टिहरी झील चारों ओर हिमालय की पहाड़ियों से घिरी हुई है, जो इसे एक मनोरम दृश्य प्रदान करती है।
- जल क्रीड़ाएँ: वाटर स्पोर्ट्स जैसे बोटिंग, जेट स्कीइंग, और कयाकिंग की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- आकर्षण: आसपास के क्षेत्रों में टिहरी बांध, न्यू टिहरी शहर, और धनौल्टी जैसे पर्यटन स्थल।
- सतत पर्यटन: हाल ही में भारत सरकार और ADB ने टिहरी झील क्षेत्र को सतत और जलवायु-लचीले पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 126.42 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं (11 सितंबर 2025)।
पर्यावरणीय और सामाजिक पहलू :
- पुनर्वास: बांध निर्माण के कारण कई गाँव और पुराना टिहरी शहर जलमग्न हो गया, जिसके लिए हजारों लोगों का पुनर्वास किया गया।
- पर्यावरणीय प्रभाव: झील और बांध के निर्माण से स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव पड़ा है, जिसके लिए सतत विकास की पहल की जा रही है।
- जलवायु संवेदनशीलता: टिहरी क्षेत्र भूस्खलन और बाढ़ के प्रति संवेदनशील है, जिसके लिए जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया जा रहा है।
आर्थिक महत्व :
- रोजगार: पर्यटन और जलविद्युत परियोजनाओं से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था: पर्यटन विकास से हस्तशिल्प, होटल, और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा।
- आगंतुक: प्रतिवर्ष लगभग 27 लाख पर्यटक इस क्षेत्र का दौरा करते हैं।
पहुंच :
- निकटतम शहर: न्यू टिहरी (लगभग 16 किमी), देहरादून (लगभग 85 किमी)।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट, देहरादून (लगभग 90 किमी)।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (लगभग 76 किमी)।
- सड़क मार्ग: देहरादून, ऋषिकेश, और हरिद्वार से अच्छी सड़क कनेक्टिविटी।
एशियाई विकास बैंक (ADB)
विवरण | जानकारी |
पूरा नाम | एशियाई विकास बैंक (ADB) |
प्रकार | एक बहुपक्षीय विकास बैंक |
स्थापना | 19 दिसंबर 1966 |
मुख्यालय | मांडलुयॉन्ग सिटी, मेट्रो मनीला, फिलीपींस |
सदस्य देशों की संख्या | 68 सदस्य |
वर्तमान अध्यक्ष | मसातो कांडा (11वें अध्यक्ष) |
प्रशासन प्रणाली | गवर्नर्स बोर्ड द्वारा संचालन, जो सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करता है |
कार्यप्रणाली | ऋण, तकनीकी सहायता, अनुदान, गारंटी, इक्विटी निवेश के ज़रिए वित्तीय सहायता |
कार्य क्षेत्र | एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सतत, समावेशी व लचीला विकास को बढ़ावा |
भारत की स्थिति | संस्थापक सदस्य |
भारत में भूमिका | विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है |