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5वां पूर्ण साक्षर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

Wed 10 Sep, 2025

संदर्भ :

  • हिमाचल प्रदेश को 99.3% साक्षरता दर के साथ 5वां पूर्ण साक्षर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (त्रिपुरा, मिजोरम, गोवा और लद्दाख के बाद) घोषित किया गया।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • उपलब्धि की घोषणा : अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर
  • अवसर : उल्लास मेला 2025, शिमला
  • घोषणाकर्ता : मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश (सुखविंदर सिंह सुक्खू)
  • छात्र-शिक्षक अनुपात के मामले में देश में पहले स्थान पर है

अन्‍य पूर्ण साक्षर राज्यों की विशेष सूची :

  • मिजोरम: भारत का प्रथम पूर्ण साक्षर राज्य, साक्षरता दर 98.2% (2025)
  • गोवा: दूसरा राज्य, साक्षरता दर लगभग 100% (2025)
  • त्रिपुरा: तीसरा, साक्षरता दर लगभग 95-96% (2025)
  • हिमाचल प्रदेश: चौथा, साक्षरता दर 99.3% (सितम्बर 2025)
  • लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश): प्रथम पूर्ण साक्षर केंद्र शासित प्रदेश, साक्षरता दर >95% (2025)

हिमाचल की साक्षरता यात्रा :

  • स्वतंत्रता के बाद: 7%
  • 2011: जनगणना के अनुसार, साक्षरता दर 82.8% तक पहुंची, जो राष्ट्रीय औसत 74% से अधिक थी।
  • 2023-24: नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के अनुसार, भारत की कुल साक्षरता दर 80.9% थी, जबकि हिमाचल ने 99.3% का आंकड़ा छू लिया।

सफलता के प्रमुख कारक

नीतिगत सुधार और सरकारी पहल :

  • उल्लास कार्यक्रम: केंद्र सरकार की इस पहल ने साक्षरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम में 3 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 42 लाख स्वयंसेवक शामिल हैं, और सामग्री 26 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
  • शिक्षा पर निवेश: हिमाचल सरकार ने स्कूलों में बुनियादी ढांचे, शिक्षक प्रशिक्षण, और शैक्षिक संसाधनों पर भारी निवेश किया।

साक्षरता दर की परिभाषा :

  • साक्षरता दर को केंद्र सरकार के उल्लास कार्यक्रम के तहत परिभाषित किया गया
  • उल्लास कार्यक्रम के तहत 15 वर्ष से अधिक आयु की आबादी का 95% से अधिक पढ़ने-लिखने और बुनियादी गणना करने में सक्षम होना शामिल है
  • साक्षरता दर उस जनसंख्या के प्रतिशत को कहते हैं जिसमें शामिल व्यक्ति पढ़ और लिख सकते हैं।
  • आमतौर पर यह 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए मापा जाता है।
  • इसे किसी विशेष समय पर किसी देश, क्षेत्र या भूगोलिक क्षेत्र के संदर्भ में व्यक्त किया जाता है।
  • इसमें वे व्यक्ति शामिल होते हैं जो किसी भी भाषा में पढ़ना और समझकर लिखना जानते हैं।
  • साक्षरता दर यह दर्शाती है कि किसी समाज या देश में कितनी आबादी शिक्षित या साक्षर है।

 

‘उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ (ULLAS : Nav Bharat Saaksharta Karyakram):

  • एक केंद्र प्रायोजित योजना है
  • भारत सरकार ने 2022-2027 की अवधि के लिए लागू किया है।
  • यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है
  • इसका उद्देश्य देश के 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को साक्षर बनाना है, जो औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित रह गए हैं।

मुख्य उद्देश्य :

  • बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता (Foundational Literacy & Numeracy) प्रदान करना
  • महत्वपूर्ण जीवन कौशल (Critical Life Skills) जैसे वित्तीय, डिजिटल, स्वास्थ्य, बाल देखभाल, पारिवारिक कल्याण आदि सिखाना
  • बुनियादी शिक्षा (Basic Education) : प्राथमिक, माध्यमिक और समकक्ष शिक्षा
  • व्यावसायिक कौशल विकास (Vocational Skills) : स्थानीय रोजगार के लिए
  • सतत शिक्षा (Continuing Education) : कला, विज्ञान, तकनीक, संस्कृति, खेल आदि में वयस्कों के लिए पाठ्यक्रम

कार्यान्वयन की प्रमुख बातें :

  • स्वयंसेवा आधारित मॉडल: यह योजना स्वयंसेवकों के माध्यम से लागू की जाती है, जो शिक्षार्थियों को मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देते हैं।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म: ‘ULLAS’ मोबाइल ऐप, दीक्षा पोर्टल व अन्य डिजिटल साधनों के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण, अध्ययन और मूल्यांकन की सुविधा उपलब्ध है।
  • प्रमाणपत्र: साक्षरता प्रमाणपत्र NIOS और DSEL द्वारा संयुक्त रूप से दिए जाते हैं
  • लक्ष्य: 2022-27 के दौरान 5 करोड़ वयस्कों को साक्षर बनाना (प्रति वर्ष 1 करोड़ लक्ष्य)
  • वित्तीय परिव्यय: कुल 1037.90 करोड़ रुपये (केंद्र: 700 करोड़, राज्य: 337.90 करोड़)

विशेषताएँ :

  • समावेशिता: सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के निरक्षरों को कवर करता है।
  • सामाजिक जिम्मेदारी: ‘कर्तव्य बोध’ की भावना और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देता है।
  • सतत प्रगति: शिक्षार्थियों और शिक्षकों को डिजिटल प्रमाणपत्र, जिससे आत्मविश्वास और निरंतर सीखने की प्रेरणा मिलती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) :

परिचय :

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित की गई थी।
  • यह नीति 1986 में जारी हुई पिछली शिक्षा नीति के बाद पहली बार व्यापक बदलाव लेकर आई है।
  • नीति का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना और शिक्षा को समावेशी, समग्र, लचीला तथा 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।

मुख्य उद्देश्य :

  • 2030 तक 100% सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio) प्राप्त करना।
  • शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6% तक सार्वजनिक व्यय सुनिश्चित करना।
  • गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और समान शिक्षा सबके लिए उपलब्ध कराना।
  • छात्रों के सर्वांगीण विकास (शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक) पर बल देना।
  • तकनीकी, व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना।

प्रमुख विशेषताएँ :

क्षेत्र विशेषताएँ
स्कूली शिक्षा

 

 

- 5+3+3+4 संरचना (3-18 वर्ष की आयु के लिए)

- कक्षा 5 तक मातृभाषा/स्थानीय भाषा में शिक्षा पर बल

- प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ECCE) पर ज़ोर

- ड्रॉपआउट दर कम करना और सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करना

उच्च शिक्षा

 

 

- मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम

- स्नातक कोर्स 3 या 4 वर्ष के, बीच में छोड़ने पर सर्टिफिकेट/डिप्लोमा

- भारतीय उच्च शिक्षा परिषद (HECI) के तहत एकल नियामक निकाय

- रिसर्च और नवाचार को बढ़ावा

भाषा नीति

 

 

- तीन-भाषा फॉर्मूला

- कम-से-कम दो भारतीय भाषाएँ अनिवार्य

- मातृभाषा को प्राथमिकता

शिक्षक प्रशिक्षण

 

 

- शिक्षकों के लिए बेहतर प्रशिक्षण और मूल्यांकन व्यवस्था

- शिक्षकों की योग्यता और क्षमता विकास पर ज़ोर

अन्य पहलें

 

 

- डिजिटल शिक्षा, वर्चुअल लैब्स, टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन

- व्यावसायिक शिक्षा का स्कूली स्तर से समावेश

- समावेशी और समान शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान

संरचना (5+3+3+4) :

  • 5 वर्ष: फाउंडेशनल स्टेज (3 साल प्री-प्राइमरी + कक्षा 1-2)
  • 3 वर्ष: प्रिपरेटरी स्टेज (कक्षा 3-5)
  • 3 वर्ष: मिडिल स्टेज (कक्षा 6-8)
  • 4 वर्ष: सेकेंडरी स्टेज (कक्षा 9-12)

भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार साक्षरता दर :

  • कुल साक्षरता दर : 74.04%
  • पुरुषों की साक्षरता दर : 82.14%
  • महिलाओं की साक्षरता दर : 65.46%
  • सबसे अधिक साक्षरता दर वाला राज्‍य : केरल, लगभग 93.91%(मिजोरम की 91.58%)
  • केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक साक्षरता दर : लक्षद्वीप, लगभग 92.28%
  • सबसे कम साक्षरता दर वाला राज्‍य : बिहार, 63.82%
  • पुरुष साक्षरता सबसे अधिक : केरल, 96.11% (लक्षद्वीप, 95.56%)
  • महिला साक्षरता सबसे अधिक : केरल, 91.98%(मिजोरम में 89.40%)

हिमाचल प्रदेश

  • "हिमाचल" नाम संस्कृत के "हिमा" (हिम) और "आंचल" (गोद) से लिया गया है, जो हिमालय में बसे इसके भूगोल का सटीक वर्णन करता है
  • हिमाचल प्रदेश दिवस : 15 अप्रैल
  • 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के कार्यान्वयन के साथ श्रेणी C राज्य बन गया
  • 1 नवंबर 1956 को एक केंद्रशासित प्रदेश बना तथा वर्ष 1966 में पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ इसका विस्तार किया गया
  • 25 जनवरी 1971 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ और यह हिमाचल प्रदेश अधिनियम, 1970 के तहत भारत का 18वाँ राज्य बन गया।
  • राजधानी: शिमला (ग्रीष्मकालीन), धर्मशाला (शीतकालीन)

भौगोलिक स्थिति:

  • उत्तर में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
  • पूर्व में तिब्बत (चीन)
  • दक्षिण में उत्तराखंड व हरियाणा
  • पश्चिम में पंजाब

प्रशासनिक विभाजन :

  • मंडल: कांगड़ा, मंडी, शिमला
  • विधानसभा सीटें: 68
  • लोकसभा सीटें: 4
  • राज्यसभा सीटें: 3
  • मुख्य भाषाएँ: हिंदी (राजभाषा), पहाड़ी बोलियाँ, पंजाबी, किन्नौरी

संस्कृति व पर्यटन :

  • लोकनृत्य: नाटी, किंनौरी, लुंगी, कयांग
  • प्रमुख त्यौहार: कुल्लू दशहरा, मिंजर मेला, शिवरात्रि उत्सव (मंडी), लोहड़ी
  • धार्मिक स्थल: ज्वालामुखी, चामुंडा देवी, हड़िम्बा मंदिर, बैजनाथ मंदिर
  • पर्यटन स्थल: शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, किन्नौर, स्पीति घाटी
  • यूनेस्को धरोहर: कालका-शिमला रेल

प्रतीक :

  • राजकीय पशु: हिम तेंदुआ
  • राजकीय पक्षी: जंगली मुर्गा (Western Tragopan)
  • राजकीय वृक्ष: देवदार (Deodar)
  • राजकीय पुष्प: पिंक रोडोडेंड्रॉन
  • अंतर्राष्ट्रीय सीमा: तिब्बत (चीन) के साथ लगभग 346 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है.
  • नदियाँ: रावी, ब्यास, चिनाब, यमुना और सतलुज यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं.
  • ऊंची चोटी: रेओ पुर्ग्यिल हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है

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