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स्टेलर पॅरालैक्स

Tue 09 Sep, 2025

संदर्भ

  • स्टेलर पॅरालैक्स खगोल विज्ञान में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो तारों तक की दूरी मापने का एक प्रत्यक्ष और वैज्ञानिक तरीका प्रदान करता है। यह अवधारणा यह दर्शाती है कि पृथ्वी की कक्षा में दो भिन्न बिंदुओं से देखने पर निकटवर्ती तारों की स्थिति में मामूली परिवर्तन दिखाई देता है। इस परिवर्तन को ही ‘पॅरालैक्स कोण’ कहते हैं।
  • यह पद्धति खगोल विज्ञान में दूरी मापन की पहली सीढ़ी मानी जाती है और आज भी यह आधुनिक खगोलीय तकनीकों की नींव बनी हुई है।

क्या है स्टेलर पॅरालैक्स ?

स्टेलर पॅरालैक्स वह कोणीय विस्थापन है जो तब देखा जाता है जब किसी तारे को पृथ्वी से उसके कक्षीय मार्ग के दो विपरीत छोरों (लगभग 6 महीने के अंतराल पर) से देखा जाता है। यह विस्थापन इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपनी कक्षा में परिक्रमा करती है, जिससे देखने का कोण बदलता है।

इस परिवर्तन का मापन आर्कसेकंड (arcseconds) में किया जाता है, जो 1 डिग्री का 1/3600 भाग होता है। जितना नजदीक तारा होगा, उसका पॅरालैक्स कोण उतना ही बड़ा होगा।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • यूनानी खगोलशास्त्री अरिस्टार्कस ने 3वीं सदी ई.पू. में पृथ्वी की सूर्य-केंद्रित कक्षा की बात की थी, लेकिन स्टेलर पॅरालैक्स न देख पाने के कारण इस सिद्धांत को स्वीकृति नहीं मिली।
  • 1838 में फ्रेडरिक बेसल ने पहली बार तारे 61 Cygni के लिए पॅरालैक्स को मापने में सफलता पाई, जो तारों की दूरी के पहले वैज्ञानिक प्रमाण के रूप में जाना जाता है।

मापन कैसे किया जाता है?

  • तारे की दूरी मापने के लिए पृथ्वी की दो स्थिति (जैसे जनवरी और जुलाई) से तारे को देखा जाता है। जो कुल कोणीय अंतर दिखाई देता है, उसका आधा पॅरालैक्स कोण (p) कहलाता है।

दूरी निकालने का सूत्र है:

 

 

d=1pd = \frac{1}{p}d=p1

जहाँ:

ddd = दूरी (पारसेक में),

ppp = पॅरालैक्स कोण (आर्कसेकंड में)

 

1 पारसेक ≈ 3.26 प्रकाश वर्ष

यदि पॅरालैक्स कोण 0.1 आर्कसेकंड है, तो तारा 10 पारसेक दूर है।

खगोलशास्त्र में महत्व

  • सीधे दूरी मापन का साधन: यह निकटवर्ती तारों की दूरी जानने का एकमात्र प्रत्यक्ष तरीका है।
  • अन्य विधियों का आधार: यह ‘सेफीड वेरिएबल्स’ और अन्य विधियों की कैलिब्रेशन हेतु आधार बनता है।
  • कॉस्मिक डिस्टेंस लैडर की पहली सीढ़ी stellar parallax ही है।

आधुनिक प्रगति

  • ESA का Gaia मिशन और पहले का Hipparcos मिशन अब माइक्रो-आर्कसेकंड स्तर तक पॅरालैक्स माप सकते हैं।
  • Gaia मिशन का लक्ष्य है – 1 अरब से अधिक तारों की 3D मैपिंग करना।

चुनौतियाँ

  • यह तकनीक केवल निकटवर्ती तारों पर ही कारगर है क्योंकि दूरस्थ तारों का पॅरालैक्स कोण बहुत सूक्ष्म होता है।
  • वायुमंडलीय बाधाओं के कारण स्थलीय टेलीस्कोप की सीमा होती है।

निष्कर्ष

  • स्टेलर पॅरालैक्स केवल एक ज्यामितीय अवधारणा नहीं है, बल्कि यह ब्रह्मांड की विशालता को समझने की कुंजी है। यह सिद्धांत न केवल पृथ्वी की गतिशीलता को प्रमाणित करता है, बल्कि यह तारों तक की दूरी मापकर ब्रह्मांडीय संरचना को जानने का सशक्त माध्यम भी है।
  • आधुनिक अंतरिक्ष यानों द्वारा इसके सटीक मापन ने खगोल विज्ञान में क्रांति ला दी है। आज भी यह खगोलशास्त्रियों के लिए दूरी मापन का सबसे मजबूत वैज्ञानिक आधार बना हुआ है।

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