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बिहार का विशेष सघन पुनरीक्षण कार्यक्रम

Thu 21 Aug, 2025

संदर्भ

  • बिहार राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा चुनाव आयोग (ECI) के सहयोग से "विशेष सघन पुनरीक्षण" (Special Intensive Revision – SIR) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले राज्य की मतदाता सूची को अद्यतन, त्रुटिरहित और समावेशी बनाना है।
  • यह अभियान नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, मृतकों के नाम हटाने, दोहराव को समाप्त करने और विशेष रूप से महिलाओं, दिव्यांगों, वंचितों व युवाओं को सूची में शामिल करने पर केंद्रित है।

उद्देश्य

1. मतदाता सूची को अद्यतन करना

  • मृत, डुप्लीकेट और गलत प्रविष्टियों को हटाना।

2. नए मतदाताओं का पंजीकरण

  • 18–19 वर्ष के युवाओं, महिलाओं, ट्रांसजेंडर और हाशिए के समुदायों पर विशेष ध्यान।

3. आधार लिंकिंग और सुधार

  • मतदाता जानकारी में त्रुटियों का सुधार, फोटो व नाम शुद्धिकरण।

4. मतदाता जागरूकता

  • फॉर्म 6 (नया नाम), 7 (नाम हटाना), 8 (सुधार), 6B (आधार लिंकिंग) की जानकारी देना।

कार्यान्वयन प्रक्रिया

घटक विवरण
आरंभ तिथि जुलाई 2025 से
अवधि 2 महीने (संभावित रूप से)
कार्यकारी संस्था मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार
मैदान स्तर कार्य बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन
तकनीकी समर्थन Garuda App द्वारा जिओ-टैगिंग, डिजिटल डेटा एंट्री
विशेष शिविर हर रविवार को बूथों पर पंजीकरण और सुधार हेतु शिविर

अपेक्षित उपलब्धियाँ

लक्ष्य उपलब्धि (अनुमानित)
नए मतदाताओं का नामांकन 20 लाख से अधिक, विशेषकर युवा वर्ग
डुप्लीकेट प्रविष्टियों का हटाव लगभग 3–5 लाख दोहराव हटाने का लक्ष्य
शुद्ध और अद्यतन मतदाता सूची 98%+ सटीकता सुनिश्चित करने की योजना
महिला मतदाता अनुपात सुधार पंजीकरण में लिंग आधारित अंतर को कम करना

महत्व

1. लोकतांत्रिक मजबूती – हर योग्य नागरिक को मतदान अधिकार दिलाने की दिशा में प्रभावशाली कदम।

2. सूची की शुद्धता – नकली मतदाताओं, मृत लोगों के नाम और डुप्लीकेट प्रविष्टियों की सफाई।

3. युवा सशक्तिकरण – नए मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया में भागीदारी।

4. तकनीकी जागरूकता – ऑनलाइन फॉर्म, ऐप्स और पोर्टल्स के उपयोग को बढ़ावा।

5. अन्य राज्यों के लिए मॉडल – यदि सफल रहा तो इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकता है।

चुनौतियाँ

चुनौती प्रभाव
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी नामांकन कम हो सकता है
दस्तावेज़ों की त्रुटियाँ गलत जानकारी, नाम व फोटो में अशुद्धियाँ
लोगों की अनिच्छा आधार देने में संकोच, BLO को जानकारी देने से इनकार
प्रवासी जनसंख्या की गतिशीलता मोबाइल जनसंख्या का सही आकलन कठिन

 

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