18 August, 2025
बिहार का विशेष सघन पुनरीक्षण कार्यक्रम
Thu 21 Aug, 2025
संदर्भ
- बिहार राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा चुनाव आयोग (ECI) के सहयोग से "विशेष सघन पुनरीक्षण" (Special Intensive Revision – SIR) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले राज्य की मतदाता सूची को अद्यतन, त्रुटिरहित और समावेशी बनाना है।
- यह अभियान नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, मृतकों के नाम हटाने, दोहराव को समाप्त करने और विशेष रूप से महिलाओं, दिव्यांगों, वंचितों व युवाओं को सूची में शामिल करने पर केंद्रित है।
उद्देश्य
1. मतदाता सूची को अद्यतन करना
- मृत, डुप्लीकेट और गलत प्रविष्टियों को हटाना।
2. नए मतदाताओं का पंजीकरण
- 18–19 वर्ष के युवाओं, महिलाओं, ट्रांसजेंडर और हाशिए के समुदायों पर विशेष ध्यान।
3. आधार लिंकिंग और सुधार
- मतदाता जानकारी में त्रुटियों का सुधार, फोटो व नाम शुद्धिकरण।
4. मतदाता जागरूकता
- फॉर्म 6 (नया नाम), 7 (नाम हटाना), 8 (सुधार), 6B (आधार लिंकिंग) की जानकारी देना।
कार्यान्वयन प्रक्रिया
घटक | विवरण |
आरंभ तिथि | जुलाई 2025 से |
अवधि | 2 महीने (संभावित रूप से) |
कार्यकारी संस्था | मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार |
मैदान स्तर कार्य | बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन |
तकनीकी समर्थन | Garuda App द्वारा जिओ-टैगिंग, डिजिटल डेटा एंट्री |
विशेष शिविर | हर रविवार को बूथों पर पंजीकरण और सुधार हेतु शिविर |
अपेक्षित उपलब्धियाँ
लक्ष्य | उपलब्धि (अनुमानित) |
नए मतदाताओं का नामांकन | 20 लाख से अधिक, विशेषकर युवा वर्ग |
डुप्लीकेट प्रविष्टियों का हटाव | लगभग 3–5 लाख दोहराव हटाने का लक्ष्य |
शुद्ध और अद्यतन मतदाता सूची | 98%+ सटीकता सुनिश्चित करने की योजना |
महिला मतदाता अनुपात सुधार | पंजीकरण में लिंग आधारित अंतर को कम करना |
महत्व
1. लोकतांत्रिक मजबूती – हर योग्य नागरिक को मतदान अधिकार दिलाने की दिशा में प्रभावशाली कदम।
2. सूची की शुद्धता – नकली मतदाताओं, मृत लोगों के नाम और डुप्लीकेट प्रविष्टियों की सफाई।
3. युवा सशक्तिकरण – नए मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया में भागीदारी।
4. तकनीकी जागरूकता – ऑनलाइन फॉर्म, ऐप्स और पोर्टल्स के उपयोग को बढ़ावा।
5. अन्य राज्यों के लिए मॉडल – यदि सफल रहा तो इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकता है।
चुनौतियाँ
चुनौती | प्रभाव |
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी | नामांकन कम हो सकता है |
दस्तावेज़ों की त्रुटियाँ | गलत जानकारी, नाम व फोटो में अशुद्धियाँ |
लोगों की अनिच्छा | आधार देने में संकोच, BLO को जानकारी देने से इनकार |
प्रवासी जनसंख्या की गतिशीलता | मोबाइल जनसंख्या का सही आकलन कठिन |