18 August, 2025
भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन – FY 2024-25 में सर्वकालिक उच्च स्तर
Tue 12 Aug, 2025
संदर्भ :
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन 1,50,590 करोड़ रुपये (लगभग 17.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया है।
मुख्य बिन्दु :
- यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 18% की मज़बूत वृद्धि तथा वित्त वर्ष 2019-20 (79,071 करोड़ रुपये) से अब तक 90% की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है।
- यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत देश की रक्षा निर्माण क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
वृध्दि में योगदान :
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- रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (DPSU) और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों का कुल उत्पादन में योगदान लगभग 77% रहा।
- निजी क्षेत्र का योगदान : 23%
- निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी : वित्त वर्ष 2023-24 में 21% , वित्त वर्ष 2024-25 में 23%
- उद्योग के सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों ने पिछले एक दशक में दूरगामी नीतिगत सुधारों, व्यापार में सुगमता में वृद्धि और स्वदेशीकरण पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने के कारण लगातार साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है।
- वित्त वर्ष 2024-25 में DPSU और निजी क्षेत्र के कुल उत्पादन में क्रमशः 16% और 28% की वृद्धि हुई है।
रक्षा निर्यात :
- वित्त वर्ष 2024-25: ₹23,622 करोड़, अब तक का सर्वोच्च
- वृद्धि: वित्त वर्ष 2023-24 के ₹21,083 करोड़ के निर्यात से ₹2,539 करोड़ (12.04%) की वृद्धि
वृद्धि के कारण (Reasons for Growth) :
- नीतिगत सुधार (Policy Reforms) : पिछले एक दशक में बड़े बदलाव
- व्यापार करने में आसानी : रक्षा क्षेत्र में निवेश और उत्पादन बढ़ाने में आसानी
- स्वदेशीकरण पर फोकस : Atmanirbhar Bharat पहल के तहत घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता
- निर्यात क्षमता में वृद्धि : विदेशी बाजारों में भारतीय रक्षा उत्पादों की मांग बढ़ना
नोट : भारत का लक्ष्य वर्ष 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन और 50,000 करोड़ रुपए का रक्षा निर्यात है।
भारत सरकार की प्रमुख रक्षा उत्पादन से संबंधित योजनाएं :
योजना/पहल का नाम | लॉन्च वर्ष | संक्षिप्त विवरण | प्रमुख उद्देश्य |
मेक इन इंडिया (Make in India) | 2014 | विनिर्माण क्षेत्र, विशेष रूप से रक्षा उत्पादन, में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने वाली प्रमुख पहल। | आयात पर निर्भरता कम करना, रोजगार सृजन, और घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमता बढ़ाना। |
आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atmanirbhar Bharat Abhiyan) | 2020 | भारत को आर्थिक व तकनीकी रूप से स्वावलंबी बनाने की व्यापक योजना, जिसमें रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता। | आयात प्रतिस्थापन, स्वदेशी तकनीक विकास, और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देना। |
रक्षा नवाचार हेतु नवाचार योजना (iDEX) | 2018 | स्टार्टअप्स व MSMEs को रक्षा क्षेत्र में नवाचार और नई तकनीक विकास के लिए सहायता देने वाली योजना। | नवाचार को प्रोत्साहित करना, प्रोटोटाइप विकास, और आधुनिक रक्षा तकनीक का एकीकरण। |
रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना (DTIS) | 2020 | रक्षा उपकरण परीक्षण के लिए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना, जिसमें निजी सहभागिता भी शामिल। | घरेलू परीक्षण क्षमताओं को सुदृढ़ करना और उत्पादन प्रमाणीकरण में सुविधा देना। |
प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) | 2016 | DRDO द्वारा संचालित योजना, जो उद्योग को रक्षा प्रौद्योगिकी विकास हेतु वित्तीय सहायता देती है। | स्वदेशी अनुसंधान, प्रोटोटाइप निर्माण, और तकनीकी अंतर को पाटना। |
रक्षा औद्योगिक कॉरिडोर | 2018 | उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कॉरिडोर का विकास। | निवेश आकर्षित करना, स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करना। |
सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियाँ | 2020 से | आयात प्रतिबंधित वस्तुओं की सूचियाँ (5 सूचियाँ, 5500+ आइटम) जारी करके स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा। | आयात पर निर्भरता घटाना और घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित करना। |
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP) 2020 | 2020 | रक्षा खरीद प्रक्रिया का सुधार, जिसमें स्वदेशी निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। | निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना, खरीद प्रणाली को सरल व पारदर्शी बनाना। |
रक्षा उत्पादन एवं निर्यात प्रोत्साहन नीति (DPEPP) 2020 | 2020 | रक्षा उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने वाली नीति, जिसका लक्ष्य 2025 तक ₹1.75 लाख करोड़ उत्पादन और ₹35,000 करोड़ निर्यात। | रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और वैश्विक निर्यात में वृद्धि करना। |
आत्मनिर्भर भारत
- घोषणा : 12 मई 2020
- घोषणाकर्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- पृष्ठभूमि: COVID-19 महामारी के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में आई बाधाओं के बीच
मुख्य उद्देश्य:
- भारत को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना
- स्थानीय उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना
- निर्यात में वृद्धि और आयात पर निर्भरता में कमी
- नवाचार, स्टार्टअप और तकनीक को प्रोत्साहन देना
- रोज़गार सृजन और ग्रामीण व शहरी विकास में तेजी
5 प्रमुख स्तंभ:
- आर्थिक व्यवस्था (Economy) – ग्रोथ को प्रेरित करने वाली
- इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) – भविष्य का आधार
- प्रौद्योगिकी चालित व्यवस्था (Technology-driven System)
- जनसंख्या (Demography) – भारत की शक्ति
- मांग (Demand) – घरेलू मांग को बढ़ावा
प्रमुख क्षेत्रों में फोकस:
- उद्योग और विनिर्माण (Make in India)
- कृषि सुधार
- स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र
- MSME सेक्टर
- डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप्स
- रक्षा, अंतरिक्ष और ऊर्जा क्षेत्र