18 August, 2025
भारत का प्रथम स्टेम सेल बायोबैंक
Sun 10 Aug, 2025
संदर्भ :
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NIAB) में भारत के प्रथम अत्याधुनिक पशु स्टेम सेल बायोबैंक और पशु स्टेम सेल प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।
मुख्य बिन्दु :
- यह बायोबैंक और प्रयोगशाला 9,300 वर्ग फुट क्षेत्र में स्थापित है, जिसकी लागत लगभग ₹1.85 करोड़ रुपये है।
- मुख्य उद्देश्य : पशुओं के पुनर्योजी चिकित्सा (Regenerative Medicine), जैविक कोशिकाओं (स्टेम सेल) के संरक्षण, रोग मॉडलिंग, ऊतक इंजीनियरिंग, प्रजनन जैव प्रौद्योगिकी और सेलुलर उपचारों में शोध को बढ़ावा देना
बायोबैंक की तकनीकी विशेषताएँ:
- स्टेम सेल कल्चर यूनिट
- 3D बायोप्रिंटर
- बैक्टीरियल कल्चर लैब
- क्रायोस्टोरेज (कोशिका संरक्षण सुविधा)
- ऑटोक्लेव रूम (कीटाणुशोधन)
- उन्नत एयर हैंडलिंग सिस्टम
- निर्बाध पावर बैकअप
यह सभी सुविधाएं पशु स्वास्थ्य प्रबंधन की उच्च तकनीक अनुसंधान के लिए समर्पित हैं जिससे पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
महत्व और उद्देश्य:
- इस बायोबैंक के माध्यम से पशु चिकित्सा क्षेत्र में पुनर्योजी चिकित्सा और सेलुलर थेरेपी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पशुओं के रोगों के निदान एवं उपचार में क्रांति आएगी
- यह भारत के लिए एक नई दिशा है, खासकर "वन हेल्थ" दृष्टिकोण को समर्थन देने के लिए, जो मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य को एकीकृत करता है
- पशुधन के रोग निवारण, उत्पादकता, और कृषि से जुड़े राष्ट्र की जीडीपी में वृद्धि की उम्मीद है
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जैव प्रौद्योगिकी नीति (Bio-E3 Policy) के चलते यह संभव हुआ है, जो भारत को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाती है।
अन्य पहलें और उद्घाटन:
- नई प्रयोगशाला के साथ ही कुल ₹19.98 करोड़ की लागत से छात्रावास ब्लॉक और टाइप-IV क्वार्टरों का भी आधारशिला रखी गई, जो शोधार्थियों, संकाय सदस्य और कर्मचारियों के लिए सुविधाएँ प्रदान करेगा।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने NIAB के पांच नए पशु चिकित्सा निदान उपकरण भी लॉन्च किए, जो पशुधन की बीमारियों की जल्दी पहचान और रोकथाम में सहायक होंगे।
- वे ब्रुसेलोसिस, मैस्टाइटिस, टोक्सोप्लाज़मोसिस जैसी पशु बीमारियों के प्रति किसानों में जागरूकता बढ़ाने पर विशेष जोर देना चाहते हैं।
बायोबैंक
- एक संगठित भंडार (repository) है, जहां जैविक नमूनों (biological samples) जैसे रक्त, ऊतक, डीएनए, मूत्र, लार आदि को शोध, चिकित्सा और निदान उद्देश्यों के लिए एकत्रित, संसाधित, संरक्षित और प्रबंधित किया जाता है।
मुख्य उद्देश्य (Main Purpose):
- चिकित्सा अनुसंधान और रोगों के अध्ययन में मदद
- नई दवाओं और उपचारों का विकास
- अनुवांशिक (genetic) और पर्यावरणीय कारकों का अध्ययन
- जन स्वास्थ्य (public health) में सुधार
नमूने (Types of Samples):
- मानव नमूने: रक्त, प्लाज्मा, डीएनए, ऊतक, अंग
- पशु नमूने: अनुसंधान के लिए
- सूक्ष्मजीव नमूने: बैक्टीरिया, वायरस आदि
बायोबैंक के प्रकार (Types of Biobanks):
- जनसंख्या आधारित (Population-based): किसी विशेष जनसंख्या के स्वास्थ्य और रोग पैटर्न पर केंद्रित
- रोग-विशिष्ट (Disease-specific): कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग जैसे विशिष्ट रोगों के नमूने
- वर्चुअल बायोबैंक (Virtual Biobank): डिजिटल रूप से डेटा और नमूनों का प्रबंधन
- डेटा प्रबंधन (Data Management):
- प्रत्येक नमूने के साथ रोगी की स्वास्थ्य जानकारी, अनुवांशिक डेटा और चिकित्सा इतिहास दर्ज किया जाता है
- व्यक्तिगत पहचान को सुरक्षित रखने के लिए गोपनीयता (privacy) नियमों का पालन किया जाता है
महत्व (Importance):
- व्यक्तिगत (personalized) और सटीक चिकित्सा (precision medicine) के लिए आधार
- दुर्लभ रोगों और महामारी के अध्ययन में उपयोगी
- वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग को बढ़ावा
बायोबैंक का प्रकार:
प्रकार | उद्देश्य और उपयोगिता |
जनसंख्या-आधारित (Population-based) | सामान्य आबादी से नमूने और डेटा एकत्र करना; दीर्घकालिक सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान में उपयोगी |
रोग-विशिष्ट (Disease-specific) | किसी विशेष रोग (जैसे कैंसर) से संबंधित नमूने एकत्र करना; उपचार, निदान और अनुसंधान में सहायक |
अस्पताल-आधारित (Hospital-based) | क्लिनिकल सेटअप से सीधे ताज़ा नमूने एकत्र करना; ट्रांसलेशनल रिसर्च और क्लिनिकल उपयोग के लिए उपयुक्त |
वाणिज्यिक बायोबैंक (Commercial Biobank) | निजी क्षेत्र द्वारा संचालित; फार्मा और डायग्नोस्टिक उद्योग को सेवा प्रदान करना |
आभासी बायोबैंक (Virtual Biobank) | क्लाउड-आधारित नेटवर्क जो विभिन्न स्थानों पर रखे नमूना डेटा को एकीकृत रूप से उपलब्ध कराता है |
पर्यावरण/अन्य (Environmental/Other Biological Biobank) | पर्यावरणीय या सूक्ष्मजीव (microbial) नमूनों का भंडारण; सार्वजनिक स्वास्थ्य और नीति निर्माण में उपयोगी |
भारत में प्रमुख बायोबैंक :
प्रकार | स्थान / संस्थान | उद्घाटन तिथि | मुख्य उद्देश्य / विशेषताएँ | |
राष्ट्रीय बायोबैंक | CSIR-IGIB, नई दिल्ली | 6 जुलाई 2025 | Phenome India परियोजना का हिस्सा; 10,000 व्यक्तियों से जीनोमिक, स्वास्थ्य व जीवनशैली डेटा; बीमारियों की शीघ्र पहचान व शोध; पर्सनलाइज्ड मेडिसिन और AI आधारित निदान | |
वन्यजीव बायोबैंक | पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (PNHZP), दार्जिलिंग | फरवरी 2025 | डीएनए, ऊतक, प्रजनन कोशिकाओं का क्रायोजेनिक संरक्षण; CCMB के सहयोग से; ‘फ्रोजन जू’ मॉडल; वन्यजीव संरक्षण और अनुसंधान | भारत का प्रथम वन्यजीव बायोबैंक |
पशु स्टेम सेल बायोबैंक | राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NIAB), हैदराबाद | अगस्त 2025 | पशुधन पुनर्योजी चिकित्सा, रोग मॉडलिंग, ऊतक इंजीनियरिंग; स्टेम सेल संरक्षण व शोध हेतु अत्याधुनिक सुविधा | प्रथम अत्याधुनिक पशु स्टेम सेल बायोबैंक और पशु स्टेम सेल प्रयोगशाला |