05 August, 2025
वैश्विक प्लास्टिक संधि पर वार्ता का आयोजन
Mon 04 Aug, 2025
संदर्भ :
- वैश्विक प्लास्टिक संधि (Global Plastics Treaty) पर वार्ता के पांचवें सत्र (INC-5.2) का आयोजन 5 से 14 अगस्त 2025 तक जिनेवा, स्विट्जरलैंड में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय में किया जा रहा है।
प्रमुख उद्देश्य :
- प्लास्टिक उत्पादन पर नियंत्रण: वर्जिन प्लास्टिक उत्पादन, विशेष रूप से एकल-उपयोग प्लास्टिक और हानिकारक रसायनों पर सीमा
- रासायनिक नियंत्रण: डाई (2-एथिलहेक्सिल) फथलेट (DEHP) जैसे खतरनाक रसायनों पर प्रतिबंध
- वित्तीय और तकनीकी सहायता: विकासशील देशों के लिए धारणीय प्लास्टिक प्रबंधन हेतु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी साझाकरण
- स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण: माइक्रोप्लास्टिक और कचरे से मानव स्वास्थ्य और समुद्री जीवन पर प्रभाव को कम करना
- संधि का दायरा: पूरे जीवनचक्र (उत्पादन, उपयोग, निपटान, पुनर्चक्रण) को कवर करने वाला समझौता
प्रमुख मुद्दे और विवाद :
- संधि का दायरा: 100 से अधिक देश उत्पादन सीमा का समर्थन करते हैं, जबकि तेल उत्पादक देश (जैसे सऊदी अरब) केवल अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर देते हैं। नॉर्वे जैसे देश उत्पादन सीमा को अप्रभावी मानते हैं
- एकल-उपयोग प्लास्टिक: 2040 तक चरणबद्ध समाप्ति का प्रस्ताव, लेकिन कार्यान्वयन पर सहमति नहीं
- विकास संबंधी चिंताएं: भारत जैसे देशों का तर्क है कि उत्पादन सीमा उनके आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकती है। भारत वैश्विक प्लास्टिक अपशिष्ट का 20% (9.3 मिलियन टन प्रतिवर्ष) उत्पन्न करता है
- स्वास्थ्य और पर्यावरण: माइक्रोप्लास्टिक और रसायनों से स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने की आवश्यकता पर जोर
भारत की भूमिका और चुनौतियां :
- रुख: भारत ने उत्पादन सीमा का विरोध किया है, लेकिन एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए वैश्विक मानदंड विकसित करने में नेतृत्व की संभावना जताई है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के अनुसार, भारत के प्रस्ताव पर्यावरणीय प्रभाव, पुनर्चक्रण क्षमता, और सामाजिक-आर्थिक कारकों पर केंद्रित है
- चुनौतियां: भारत विश्व का सबसे बड़ा प्लास्टिक प्रदूषण योगदानकर्ता है, जिसमें 3.5 मिलियन टन अपशिष्ट खराब प्रबंधन के कारण पर्यावरण में शामिल होता है
- संभावनाएं: सर्कुलर इकॉनमी और पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों के माध्यम से भारत वैश्विक नेतृत्व ले सकता है
समयरेखा और प्रगति :
2017
- दिसंबर: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA) ने समुद्री कचरे और प्लास्टिक प्रदूषण के दीर्घकालिक उन्मूलन के लिए संभावित वैश्विक कार्रवाइयों की जांच हेतु एक विशेषज्ञ समूह गठित किया। WWF और अन्य पर्यावरण समूहों ने पहली बार प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ वैश्विक बाध्यकारी समझौते का विचार प्रस्तुत किया।
2018
- विशेषज्ञ समूह की दो बैठकें (नैरोबी, केन्या और जिनेवा, स्विट्जरलैंड) हुईं, जिनमें अधिकांश सरकारी विशेषज्ञों ने वैश्विक बाध्यकारी समझौते की संभावना तलाशने की सिफारिश की।
2019
- मार्च: नैरोबी में UNEA की बैठक में, अधिकांश देशों ने समुद्र में प्लास्टिक के खिलाफ वैश्विक समझौते के लिए काम करने पर सहमति जताई।
- जुलाई: 15 कैरेबियाई देशों ने प्लास्टिक कचरे के खिलाफ एक घोषणापत्र अपनाया, जिसमें वैश्विक समझौते की मांग की गई।
- अगस्त: प्रशांत देशों के नेताओं ने समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए वैश्विक समझौते की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
- नवंबर: अफ्रीकी पर्यावरण मंत्रियों ने प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक समझौते के लिए संयुक्त नीति संदेश जारी किया।
2020
- जुलाई: नॉर्वे, मालदीव, और एंटीगुआ और बारबुडा के नेतृत्व में 55 देशों ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वैश्विक समझौते के लिए एक समूह गठित किया।
- अक्टूबर: 29 वैश्विक कंपनियों ने प्लास्टिक प्रदूषण पर नई संधि की मांग वाला व्यावसायिक घोषणापत्र जारी किया। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, एलेन मैकआर्थर फाउंडेशन, और WWF की रिपोर्ट ने वैश्विक नियमों के लाभों पर प्रकाश डाला। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने भी वैश्विक समझौते के लिए प्रतिबद्धता जताई।
2021
- जून: संयुक्त राष्ट्र महासागर दिवस घोषणा में छोटे द्वीप राज्यों (74 देशों) ने वैश्विक प्लास्टिक समझौते की मांग की।
- नवंबर: COP22 (बार्सिलोना, स्पेन) में भूमध्यसागरीय देशों ने वैश्विक प्लास्टिक संधि का समर्थन किया। 156 देशों (UN के दो-तिहाई से अधिक) ने प्लास्टिक कचरे के खिलाफ वैश्विक समझौते का समर्थन किया।
- दिसंबर: 113 देशों के 700 से अधिक नागरिक समाज समूहों ने कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।
2022
- मार्च: UNEA (नैरोबी) में प्रस्ताव 5/14 "प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें: एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी साधन की ओर" को अपनाया गया। WWF की याचिका पर 22 लाख से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त हुए, जिसे नॉर्वे के जलवायु और पर्यावरण मंत्री को सौंपा गया।
- अगस्त: नॉर्वे और रवांडा ने 18 अन्य देशों के साथ "उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन" शुरू किया, जिसका लक्ष्य 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करना है।
- नवंबर: पहली अंतर-सरकारी वार्ता बैठक (INC-1) पुंटा डेल एस्टे, उरुग्वे में हुई। 145 से अधिक देशों ने मजबूत वैश्विक नियमों का समर्थन किया।
2023
- जून: INC-2 पेरिस, फ्रांस में आयोजित हुई। 134 सरकारों ने प्लास्टिक के पूरे जीवनचक्र के लिए समान वैश्विक नियमों की मांग की और 'शून्य मसौदा' विकसित करने का अधिदेश प्राप्त किया।
- सितंबर: 'शून्य मसौदा' प्रकाशित हुआ, जो INC-3 के लिए आधार बना।
- नवंबर: INC-3 नैरोबी, केन्या में हुई। प्रक्रियात्मक देरी के कारण प्रगति सीमित रही, लेकिन शून्य मसौदे में अतिरिक्त पाठ जोड़ा गया।
2024
- अप्रैल: INC-4 ओटावा, कनाडा में आयोजित हुई। समस्याग्रस्त और परिहार्य प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध पर चर्चा हुई, लेकिन उत्पादन और उपभोग को कम करने पर सहमति नहीं बनी। अध्यक्ष को नया शून्य मसौदा तैयार करने और INC-4 व INC-5 के बीच मध्यस्थता कार्य का अधिकार दिया गया।
- नवंबर: INC-5 बुसान, दक्षिण कोरिया में हुई। हालांकि, प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति नहीं बनी, जिसके कारण INC-5.2 का आयोजन जिनेवा में तय हुआ।
2025
- अगस्त: INC-5.2 जिनेवा, स्विट्जरलैंड में 5-14 अगस्त को आयोजित हो रहा है। यह संधि को अंतिम रूप देने का अंतिम प्रयास माना जा रहा है।