04 August, 2025
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PMKSY के लिए अतिरिक्त परिव्यय को स्वीकृति प्रदान की
Fri 01 Aug, 2025
संदर्भ :
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान चल रही केंद्रीय क्षेत्र योजना "प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना" (PMKSY) के लिए कुल 6,520 करोड़ रुपये के परिव्यय को स्वीकृति प्रदान की, जिसमें 1,920 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन भी शामिल है।
अतिरिक्त बजट निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा:
- एकीकृत शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्धन अवसंरचना (ICCVAI): 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों की स्थापना के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। ये इकाइयाँ खाद्य उत्पादों की शेल्फ लाइफ को बढ़ाने और प्रति वर्ष 20-30 लाख मीट्रिक टन की संरक्षण क्षमता सृजित करने में सक्षम होंगी।
- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना (FSQAI): निजी क्षेत्र में 100 NABL-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना किया जाऐगा। ये प्रयोगशालाएँ खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने और उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों की उपलब्धता को बढ़ाने में मदद करेंगी।
- अन्य परियोजनाएँ: विभिन्न घटक योजनाओं के तहत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए 920 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ये परियोजनाएँ मांग-आधारित होंगी, और पात्र संस्थाओं से अभिरुचि पत्र (EOI) के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)
- शुरूआत : 2017
- प्रारभं में नाम : संपदा/SAMPADA (कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टरों के विकास के लिए योजना) बाद में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY)’ के नाम से लागू किया गया
उद्देश्य:
- कृषि और प्रसंस्करण को जोड़कर कृषि अपशिष्ट को मूल्यवर्धित उत्पादों में परिवर्तित करना
- किसानों की आय में वृद्धि, बर्बादी में कमी, और रोजगार सृजन
- कार्यान्वित : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) द्वारा
प्रमुख घटक योजनाएँ:
वर्तमान में PMKSY में छह उप-घटक शामिल हैं-
- एकीकृत शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्धन अवसंरचना (ICCVAI): भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाएँ
- मेगा फूड पार्क: बड़े पैमाने पर प्रसंस्करण इकाइयाँ
- कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर: छोटे और मध्यम इकाइयों को समर्थन
- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना (FSQAI): खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएँ
- बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज: आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना
- मानव संसाधन और संस्थान: प्रशिक्षण और अनुसंधान
लाभ:
- रोजगार सृजन: 2025-26 तक लगभग 5.44 लाख रोजगार।
- निवेश: 11,095 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षण।
- किसान लाभ: 28.50 लाख किसानों को लाभ।
- खाद्य संरक्षण: प्रति वर्ष 20-30 लाख मीट्रिक टन की क्षमता।
किसानों से संबंधित प्रमुख केंद्रीय योजनाएं
योजना / नीति | शुरुआत (वर्ष) | उद्देश्य/मुख्य घटक |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) | 2007-08 | चावल, गेहूं, दाल, मोटे अनाज, तिलहन व पोषक-अनाजों (कदन्न) के उत्पादन व उत्पादकता में टिकाऊ वृद्धि; बेहतर कृषि विस्तार, तकनीक हस्तांतरण, क्षेत्र विस्तार, आय संवर्धन |
प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना | 2015 | सिंचाई कवरेज बढ़ाना ("हर खेत को पानी"); जल उपयोग दक्षता पर जोर ("प्रति बूंद अधिक फसल"); व्यापक सिंचाई अवसंरचना विकास व जल संचयन. |
पीएम-किसान योजना | 2019 | पात्र किसानों को वार्षिक ₹6,000 की प्रत्यक्ष आय सहायता, तीन किस्तों में; किसानों की न्यूनतम आय सुरक्षा एवं कृषि निवेश में बढ़ोत्तरी. |
कृषि अवसंरचना निधि | 2020-21 | फसल कटाई के बाद के प्रबंधन (post-harvest) व सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों में निवेश हेतु मध्यम/दीर्घकालिक ऋण की सुविधा; भंडारण, लॉजिस्टिक्स व मूल्य संवर्धन. |
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वृद्धि | 2018-19 | खरीद केंद्रों पर प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, ताकि किसानों को उत्पादन लागत पर कम से कम 50% लाभ मिले (A2+FL लागत का 1.5x)[बाक़ायदा सरकारी मापदंड के अनुसार] |
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना | 1998 (विस्तार: 2019) | फसली ऋण पर आसान व सस्ता वित्त (working capital); 2019 में पशुपालन, डेयरी व मछली पालन को भी KCC के दायरे में लाया गया. |
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना | 2016 | प्राकृतिक आपदा, कीट, रोग आदि से फसल नुकसान की स्थिति में बीमा सुरक्षा, किसानों की आय व निवेश सुरक्षा; प्रीमियम में सब्सिडी, व्यापक जोखिम कवर. |
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) नीति | 2010 | नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटाश (K) व सल्फर आदि पर पौष्टिक तत्व आधारित सब्सिडी; संतुलित उर्वरक प्रयोग व मृदा स्वास्थ्य सुधार. |