04 August, 2025
TRACERS: NASA का युग्म उपग्रह मिशन
Wed 30 Jul, 2025
हाल ही में NASA ने TRACERS (Tandem Reconnection and Cusp Electrodynamics Reconnaissance Satellites) नामक दो उपग्रहों का एक युग्म मिशन लॉन्च किया है। यह मिशन चुंबकीय पुनः संयोजन और इसके पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष मौसम को बेहतर तरीके से समझना और पृथ्वी की तकनीकी प्रणालियों की सुरक्षा करना है।
क्या है चुंबकीय पुनः संयोजन (Magnetic Reconnection)?
- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्लाज़्मा (आयनित कणों का समूह) में मौजूद चुंबकीय रेखाएं पुनः विन्यासित होती हैं और बड़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त करती हैं।
- यह प्रक्रिया सौर ज्वालाओं (Solar Flares), ऑरोरा (Aurora), और भू-चुंबकीय तूफानों (Geomagnetic Storms) के लिए जिम्मेदार होती है।
- यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetosphere) और सौर पवन (Solar Wind) के बीच की परस्पर क्रिया को प्रभावित करती है।
TRACERS मिशन का महत्व
- TRACERS उपग्रह पृथ्वी के Polar Cusps नामक क्षेत्रों में अध्ययन करेंगे, जो चुंबकीय क्षेत्र में स्थित ऐसे मार्ग होते हैं जहाँ से सौर कण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं। यह मिशन Low Earth Orbit (LEO) में संचालित होगा।
मुख्य विवरण
विषय | विवरण |
मिशन नाम | TRACERS (Tandem Reconnection and Cusp Electrodynamics Reconnaissance Satellites) |
उद्देश्य | चुंबकीय पुनः संयोजन और अंतरिक्ष मौसम का अध्ययन |
कक्षा | पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) |
लॉन्च वर्ष | 2025 |
अध्ययन क्षेत्र | Solar Wind, Polar Cusps, Plasma Interactions |
लाभ | अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी में सुधार, उपग्रह सुरक्षा, संचार प्रणाली संरक्षण |
TRACERS क्या अध्ययन करेगा?
1. सौर पवन की गतिकी (Solar Wind Dynamics)
o यह उपग्रह सौर पवन और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के बीच की क्रिया को मापेंगे।
2. कस्प इलेक्ट्रोडायनामिक्स (Cusp Electrodynamics)
o चुंबकीय रेखाओं के पुनः संयोजन और उससे उत्पन्न विद्युत धारा का अध्ययन।
3. प्लाज़्मा प्रवाह और धारा (Plasma Currents)
o अंतरिक्ष में विद्युत धाराओं की प्रकृति को समझना, जो उपग्रहों को प्रभावित करती हैं।
TRACERS मिशन के लाभ
लाभ | विवरण |
तकनीकी सुरक्षा | उपग्रहों, विद्युत ग्रिडों, GPS और संचार प्रणालियों की रक्षा करता है। |
संचार और नेविगेशन | हवाई और समुद्री संचार पर अंतरिक्ष मौसम के प्रभाव को कम करता है। |
वैज्ञानिक शोध | खगोलीय प्लाज़्मा की समझ को विस्तारित करता है। |
राष्ट्रीय सुरक्षा |
निगरानी और सैन्य संचार में विश्वसनीयता बढ़ाता है। |
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता
- पृथ्वी की तकनीकी निर्भरता लगातार बढ़ रही है — उपग्रहों, संचार और रक्षा प्रणालियों पर।
- 2025–2026 में सौर गतिविधियों के चरम पर पहुँचने की संभावना है (Solar Cycle 25)।
- TRACERS मिशन इन जोखिमों को समझने और कम करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।