04 August, 2025
ULPGM-V3 मिसाइल का सफल परीक्षण
Mon 28 Jul, 2025
संदर्भ :
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में UAV-प्रक्षेपित सटीक निर्देशित मिसाइल (ULPGM)-V3 का सफल उड़ान परीक्षण किया।
मुख्य बिन्दु :
- यह उपलब्धि भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और आधुनिक युद्ध में ड्रोन-आधारित सटीक हथियारों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
परीक्षण का विवरण :
- स्थान और तिथि: 25 जुलाई 2025, NOAR, कुरनूल, आंध्र प्रदेश। NOAR एक 2,200 एकड़ का इलेक्ट्रॉनिक युद्ध परीक्षण केंद्र है।
- मिसाइल और यूएवी: ULPGM-V3 को न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज (बेंगलुरु) के स्वदेशी यूएवी से प्रक्षेपित किया गया। यह ULPGM-V2 का उन्नत संस्करण है।
- उद्योग सहभागिता: अडानी डिफेंस, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), और 30 MSMEs/स्टार्टअप्स ने योगदान दिया।
तकनीकी विशेषताएँ:
- हाई-डेफिनिशन डुअल-चैनल सीकर: इमेजिंग इन्फ्रारेड (IIR) और S-बैंड RF सीकर, दिन-रात संचालन के लिए।
- रेंज: दिन में 4 किमी, रात में 2.5 किमी
- प्रणोदन: डुअल-थ्रस्ट सॉलिड प्रणोदन इकाई।
- वॉरहेड विकल्प:
- एंटी-आर्मर: RHA और ERA से लैस वाहनों के लिए
- पेनेट्रेशन-कम-ब्लास्ट: बंकर-रोधी।
- प्री-फ्रैगमेंटेशन: उच्च घातकता क्षेत्र
- टू-वे डेटालिंक: प्रक्षेपण के बाद लक्ष्य अपडेट
- हल्का डिज़ाइन: 12.5 किग्रा, टपस-बीएच और आर्चर एनजी के साथ संगत
रणनीतिक महत्व :
- आधुनिक युद्ध: ड्रोन मिसाइल उपयोग में 300% वृद्धि (RUSI, 2023)। ULPGM-V3 कम ऊंचाई पर सटीक हमलों को सक्षम बनाता है।
- जोखिम में कमी: सैनिकों को जोखिम भरे क्षेत्रों में तैनात किए बिना हमले।
- लागत-प्रभावी: स्वदेशी, 'फायर-एंड-फॉरगेट' हथियार
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) :
विषय | विवरण |
गठन वर्ष | 1958 |
उद्देश्य | भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भरता एवं आधुनिकिकरण |
कार्य क्षेत्र | आयुध, मिसाइल, वैमानिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, जीवन विज्ञान इत्यादि |
प्रमुख उपलब्धियां | मिसाइलें, लड़ाकू विमान, रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ आदि |
स्थापना दिवस | 1 जनवरी |
वर्तमान अध्यक्ष | डॉ. समीर वी. कामत |