04 August, 2025
"टुवर्ड्स रेसिलिएंट एंड प्रोस्पेरोउस सिटीज इन इंडिया"
Wed 23 Jul, 2025
संदर्भ :
- विश्व बैंक ने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सहयोग से "टुवर्ड्स रेसिलिएंट एंड प्रोस्पेरोउस सिटीज इन इंडिया" (भारत में समुत्थानशील और समृद्ध शहरों की ओर) नामक रिपोर्ट जुलाई 2025 में जारी की है।
प्रमुख निष्कर्ष:
- भारत की शहरी आबादी 2050 तक लगभग दोगुनी होकर 951 मिलियन (95.1 करोड़) हो जाएगी, जिसके लिए 2070 तक 144 मिलियन (14.4 करोड़) से अधिक नए घरों की आवश्यकता होगी।
- तेजी से हो रहे शहरी विकास की वजह से तापमान शहरों में आसपास के इलाकों के मुकाबले 3-4 डिग्री अधिक बढ़ रहा है (शहरी तप्त द्वीप प्रभाव) और बाढ़ की संभावना बढ़ रही है क्योंकि ज़मीन की तूफानी जल अवशोषण क्षमता कम हो रही है।
- चेन्नई, इंदौर, नई दिल्ली, लखनऊ, सूरत और तिरुवनंतपुरम सहित 24 शहरों का अध्ययन किया गया, जहां अनुकूलन उपायों से 2030 तक वार्षिक वर्षाजन्य बाढ़ से होने वाले 5 बिलियन डॉलर और 2070 तक 30 बिलियन डॉलर तक के भारी नुकसान को टाला जा सकता है।
- स्थिति अनुकूलन निवेश से 2050 तक 130,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती है।
- भारत को 2050 तक उच्चस्तरीय, कम कार्बन उत्सर्जन बुनियादी ढांचे के लिए 2.4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करना होगा। इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्त्वपूर्ण होगी।
- आवास, परिवहन, ठोस कचरा प्रबंधन और बाढ़-प्रतिरोधी शहरी सेवाओं हेतु इस निवेश का प्रयोग करना होगा।
प्रमुख सिफारिशें:
- अत्यधिक गर्मी और बाढ़ के प्रभाव कम करने के लिए ठंडी छतों, हरित पट्टियों, प्रभावी पूर्व चेतावनी प्रणालियों का विकास।
- ऊर्जा कुशल, स्थिति अनुकूलित बुनियादी ढांचे और समुत्थानशील आवासों में निवेश।
- बाढ़-प्रतिरोधी शहरी परिवहन प्रणालियों का निर्माण।
- निजी क्षेत्र की बढ़ी हुई भागीदारी से शहरी वित्तीय संसाधनों में सुधार।
उदाहरण:
- अहमदाबाद ने हीट एक्शन प्लान विकसित किया है जिससे तापमान प्रभाव में कमी एवं बाहरी श्रमिकों के लिए अनुकूल व्यवस्था हुई है।
- कोलकाता में बाढ़ पूर्वानुमान एवं चेतावनी प्रणाली, इंदौर में आधुनिक ठोस कचरा प्रबंधन और चेन्नई में जलवायु कार्य योजना लागू है
विश्व बैंक
- इसे अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के रूप में भी जाना जाता है
- एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठन है जो विकासशील देशों को ऋण, वित्तीय सलाह और तकनीकी सहायता प्रदान करता है
- इसमें पांच संस्थाएं शामिल हैं जो गरीबी उन्मूलन और साझा समृद्धि के निर्माण के लिए काम करती हैं
- स्थापना: 1944
- मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी
- वर्तमान अध्यक्ष : अजय बंगा
- उद्देश्य: विकासशील देशों में गरीबी कम करना और सतत विकास को बढ़ावा देना
- कार्य: विकास परियोजनाओं को वित्तपोषण, तकनीकी सहायता और नीतिगत सलाह प्रदान करना
- नारा (Motto): "Working for a World Free of Poverty" ("गरीबी मुक्त विश्व के लिए कार्य")
पांच संस्थाएं शामिल हैं:
- IBRD (अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक): मध्यम आय वाले और ऋण योग्य निम्न आय वाले देशों को ऋण और वित्तीय सलाह प्रदान करता है
- IDA (अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ): विश्व के सबसे गरीब देशों को ब्याज मुक्त ऋण, अनुदान और तकनीकी सहायता प्रदान करता है
- IFC (अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम): निजी क्षेत्र के विकास में निवेश करता है और निजी कंपनियों को वित्तीय सलाह प्रदान करता है
- MIGA (बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी): विकासशील देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देता है
- ICSID (अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटान केंद्र): निवेश विवादों का निपटान करता है
प्रकाशित प्रमुख रिपोर्टें :
रिपोर्ट का नाम | विवरण (संक्षेप में) |
विश्व विकास रिपोर्ट (World Development Report) | प्रत्येक वर्ष एक विशिष्ट विकास विषय (जैसे गरीबी, शिक्षा, श्रम बाजार) पर आधारित व्यापक विश्लेषण। |
ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (Ease of Doing Business Report) | विभिन्न देशों में व्यापार शुरू करने और संचालन की सुगमता पर रैंकिंग और विश्लेषण (2021 में बंद)। |
गरीबी और समानता संक्षिप्त रिपोर्ट (Poverty and Equity Brief) | गरीबी, असमानता और सामाजिक विकास से संबंधित आंकड़े और विश्लेषण। |
वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट (Global Economic Prospects) | वैश्विक और क्षेत्रीय आर्थिक विकास का पूर्वानुमान और विश्लेषण। |
देश जलवायु और विकास रिपोर्ट (Country Climate and Development Report - CCDR) | देश विशेष के जलवायु परिवर्तन और विकास के बीच संबंधों का अध्ययन। |
लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (Logistics Performance Index - LPI) | विश्व भर के देशों के लॉजिस्टिक्स (ढुलाई, व्यापार आपूर्ति) प्रदर्शन का आकलन। |
रचनात्मक वित्त रिपोर्ट (Innovative Finance Reports) | विकास परियोजनाओं के लिए वैकल्पिक और अभिनव वित्तीय साधनों का विश्लेषण। |
आर्थिक अद्यतन रिपोर्ट्स (Country-specific Economic Updates) |
किसी विशेष देश की आर्थिक स्थिति और चुनौतियों का विश्लेषण। (जैसे: India Development Update) |