21 July, 2025
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
Wed 16 Jul, 2025
संदर्भ :
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) ने 15 जुलाई 2025 को 10 वर्ष पूरा किया।
मुख्य बिन्दु :
- भारत सरकार की एक प्रमुख कौशल विकास पहल है।
- शुरुआत : 15 जुलाई 2015, विश्व युवा कौशल दिवस पर
- मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं, विशेष रूप से कम पढ़े-लिखे या स्कूल/कॉलेज छोड़ चुके युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे रोजगार या स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें
- कार्यान्वित : कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा
शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग (Short Term Training - STT):
- लक्ष्य समूह: बेरोजगार युवा, स्कूल/कॉलेज छोड़ने वाले, कम पढ़े-लिखे लोग
- अवधि: लगभग 3 महीने (150-300 घंटे), कुछ कोर्स 6 महीने या 1 साल तक भी हो सकते हैं
- प्रशिक्षण क्षेत्र: IT, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थकेयर, ऑटोमोटिव, कंस्ट्रक्शन, टेलीकॉम, हॉस्पिटैलिटी आदि लगभग 40+ सेक्टरों में
- शामिल विषय: तकनीकी कौशल, सॉफ्ट स्किल, कार्य नैतिकता, स्वच्छता, पर्सनल ग्रूमिंग, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता
- लाभ: प्रशिक्षण पश्चात रोजगार, स्वरोजगार एवं प्रमाणन
पूर्व शिक्षा की मान्यता (Recognition of Prior Learning - RPL):
- लक्ष्य समूह: वे व्यक्ति जिनके पास पूर्व से ही कार्य–अनुभव या कौशल मौजूद है और प्रमाणन पाना चाहते हैं
- प्रक्रिया: उनका कौशल आकलन (assessment) और सफल प्रतिभागियों को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट दिया जाता है
- अवधि: सामान्यतः 5-12 दिन का ब्रिज कोर्स/रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी जाती है
- उद्देश्य: कुशल या अर्द्धकुशल श्रमिकों को औपचारिक दर्जा और पहचान देना, जिससे उनके रोजगार के अवसर बेहतर हों
विशेष परियोजनाएँ (Special Projects - SP) :
- लक्ष्य समूह: वे युवा जो विशिष्ट परिस्थितियों वाले सेक्टर्स या कॉरपोरेट/गवर्नमेंट परियोजनाओं में काम करना चाहते हैं, जैसे रक्षा, रेलवे, विभिन्न औद्योगिक प्रोजेक्ट
- प्रशिक्षण: ऐसे काम जिनका नेशनल ऑक्यूपेशनल स्टैंडर्ड (NOS) में अलग से उल्लेख नहीं है या जिनके लिए अलग–अलग स्थान/वर्ग के अनुसार अनुकूल ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है
- लाभ: सरकारी, कॉर्पोरेट अथवा औद्योगिक क्षेत्र में विशिष्ट कौशल वाले रोजगार के अवसर
PMKVY के प्रमुख चरण :
PMKVY को चार चरणों में लागू किया गया है, प्रत्येक चरण में विशिष्ट लक्ष्य और रणनीतियाँ निर्धारित की गई हैं:
PMKVY 1.0 (2015-2016):
- लक्ष्य: पहले वर्ष में 24 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना।
- परिणाम: 19.85 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया।
- विशेषताएँ: शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग (STT), रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (RPL), और विशेष परियोजनाओं पर ध्यान। औसतन प्रत्येक प्रशिक्षु को ₹8,000 की वित्तीय सहायता और प्रमाणन प्रदान किया गया।
- प्रभाव: इस चरण ने देश में कौशल विकास के लिए एक मानकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रखी।
PMKVY 2.0 (2016-2020):
- लक्ष्य: 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करना।
- परिणाम: 1.2 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित और रोजगार-उन्मुख बनाया गया।
- विशेषताएँ: केंद्र प्रायोजित राज्य प्रबंधित (CSSM) घटक के तहत 25% वित्तपोषण और भौतिक लक्ष्यों को राज्य कौशल विकास मिशनों (SSDMs) को सौंपा गया। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और स्वच्छ भारत जैसे अन्य मिशनों के साथ एकीकरण।
- प्रभाव: इस चरण में प्रशिक्षण की गुणवत्ता और उद्योग प्रासंगिकता पर जोर दिया गया। 2021-22 में 3 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया।
PMKVY 3.0 (2020-2022):
- लक्ष्य: 8 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना।
- परिणाम: 1.24 लाख से अधिक आवेदनों के साथ, कई युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया, विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में।
- विशेषताएँ: शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग, RPL, और विशेष परियोजनाओं पर ध्यान। 425 जिलों में 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षण।
- प्रभाव: कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रशिक्षण पर जोर।
PMKVY 4.0 (2023-2025):
- लक्ष्य: उभरते क्षेत्रों जैसे डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और हरित ऊर्जा में प्रशिक्षण।
- विशेषताएँ: ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण, उद्योग 4.0 के लिए कौशल, और स्वरोजगार को बढ़ावा।
- परिणाम: 2025 तक 1.64 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
- प्रभाव: यह चरण डिजिटल और उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित है, जो भविष्य की नौकरी मांगों के अनुरूप है।
प्रमुख उपलब्धियाँ :
प्रशिक्षण और प्रमाणन:
- 2015 से 2025 तक, PMKVY ने 1.64 करोड़ से अधिक युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों जैसे मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, हेल्थकेयर, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, और रिटेल में प्रशिक्षित किया।
- 1.37 करोड़ से अधिक युवाओं को स्किल्ड किया गया, जिसमें विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग शामिल हैं।
- प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, जो पूरे देश में मान्य हैं और रोजगार प्राप्त करने में सहायक हैं।
- कौशल विकास को सशक्त बनाने वाली अन्य योजनाएँ :
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना :
- 17 सितंबर, 2023 को शुरू की गई
- उद्देश्य : अपने हाथों और औज़ारों से काम करने वाले 18 व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना
- 13 जुलाई, 2025 तक पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 2.7 करोड़ से अधिक आवेदन प्रस्तुत किए जा चुके हैं, जिनमें से 29 लाख से अधिक आवेदन सफलतापूर्वक पंजीकृत हो चुके हैं
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) :
- 25 सितम्बर 2014 को शुरू की गई
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का एक हिस्सा है, जिसका दोहरा उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों की आय में विविधता लाना और ग्रामीण युवाओं की कैरियर संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करना है।
- इस योजना के तहत, 65% उम्मीदवारों को प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लाभकारी रोज़गार मिल चुका है। वित्त वर्ष 2014-15 से अब तक कुल 16,90,046 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है और नवंबर 2024 तक 10,97,265 उम्मीदवारों को नौकरी मिल चुकी है।
ग्रामीण स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) :
- जनवरी 2009 में शुरू की गई
- इस योजना में ग्रामीण युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु प्रशिक्षुओं को निरंतर प्रेरित करने हेतु उच्च गुणवत्ता वाले आवासीय निःशुल्क प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के बाद ऋण लिंकेज के साथ अनुवर्ती कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की गई है।
- 30 जून, 2025 तक, वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 56,69,369 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 22,89,739 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया था।