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‘तलाश’/TALASH पहल की शुरुआत

Fri 11 Jul, 2025

संदर्भ :

  • नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (NESTS) ने यूनिसेफ इंडिया के सहयोग से जनजातीय छात्रों के लिए "तलाश" (TALASH- Tribal Aptitude, Life Skills and Self-Esteem Hub/आदिवासी योग्यता, जीवन कौशल और आत्म-सम्मान केंद्र) पहल की शुरूआत की है।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • ‘तलाश’ (आदिवासी योग्यता, जीवन कौशल और आत्म-सम्मान केंद्र) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो आदिवासी छात्रों को उनकी व्यक्तिगत और शैक्षणिक क्षमताओं की खोज, कैरियर नियोजन, और जीवन कौशल विकास के लिए सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • यह पहल 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के 1,38,336 से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखती है।

मुख्य उद्देश्य:

  • आत्म-जागरूकता: छात्रों को उनकी रुचियों, क्षमताओं और ताकत को समझने में मदद करना।
  • कैरियर मार्गदर्शन: सूचित कैरियर निर्णय लेने के लिए संसाधन और परामर्श प्रदान करना।
  • जीवन कौशल विकास: संचार, समस्या समाधान, और भावनात्मक प्रबंधन जैसे कौशल विकसित करना।
  • शिक्षक सशक्तिकरण: शिक्षकों को प्रशिक्षण और संसाधनों के माध्यम से छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन करने में सक्षम बनाना।
  • समावेशी शिक्षा: एनईपी 2020 के अनुरूप, आदिवासी समुदायों के लिए समान शैक्षिक अवसर सुनिश्चित करना।

तलाश की प्रमुख विशेषताएं :

  • साइकोमेट्रिक मूल्यांकन
  • विशेषता: एनसीईआरटी की ‘तमन्ना’ पहल से प्रेरित, यह मूल्यांकन छात्रों की रुचियों, योग्यताओं, और व्यक्तित्व लक्षणों का विश्लेषण करता है।
  • प्रभाव: यह छात्रों को उनकी ताकत और रुचियों के आधार पर व्यक्तिगत कैरियर मार्ग सुझाता है, जिससे वे अपनी क्षमताओं के अनुरूप निर्णय ले सकते हैं। यह विशेष रूप से आदिवासी छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें अक्सर कैरियर मार्गदर्शन की कमी का सामना करना पड़ता है।
  • महत्व: यह डेटा-आधारित दृष्टिकोण छात्रों को आत्म-जागरूकता और आत्मविश्वास प्रदान करता है, जो उनके भविष्य के लिए एक मजबूत आधार बनाता है।

कैरियर परामर्श

  • विशेषता: डिजिटल मंच के माध्यम से कैरियर कार्ड और परामर्श सत्र उपलब्ध कराए जाते हैं, जो छात्रों को उनकी योग्यताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कैरियर विकल्प चुनने में मदद करते हैं।
  • प्रभाव: यह सुविधा आदिवासी छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा और रोजगार के अवसरों से जोड़ती है, जो उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान दे सकती है।
  • महत्व: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी छात्रों के लिए, जहां परामर्श सेवाएं सीमित हैं, यह एक क्रांतिकारी कदम है।

जीवन कौशल और आत्म-सम्मान मॉड्यूल

  • विशेषता: संचार, समस्या समाधान, भावनात्मक प्रबंधन, और आत्मविश्वास निर्माण पर केंद्रित मॉड्यूल।
  • प्रभाव: ये मॉड्यूल छात्रों को न केवल शैक्षणिक रूप से, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाते हैं। यह विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएं आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती हैं।
  • महत्व: जीवन कौशल का विकास 21वीं सदी की प्रतिस्पर्धी दुनिया में सफलता के लिए आवश्यक है। यह छात्रों को आत्मनिर्भर और लचीला बनाता है।

शिक्षकों के लिए ई-लर्निंग पोर्टल

  • विशेषता: शिक्षकों को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करने के लिए एक समर्पित पोर्टल।
  • प्रभाव: 189 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जो अब अपने स्कूलों में प्रशिक्षण सत्रों का नेतृत्व कर रहे हैं। यह शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाता है और छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन सुनिश्चित करता है।
  • महत्व: शिक्षक सशक्तिकरण ‘तलाश’ की सफलता का एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि वे छात्रों के लिए प्राथमिक मार्गदर्शक हैं।

कार्यान्वयन रणनीति

‘तलाश’ का कार्यान्वयन चरणबद्ध और समावेशी दृष्टिकोण पर आधारित है:

  • चरणबद्ध रोलआउट: चुनिंदा शहरों में शुरूआत के बाद, 2025 के अंत तक सभी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में इसे लागू करने का लक्ष्य है।
  • शिक्षक प्रशिक्षण: 75 स्कूलों में 189 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, जो स्थानीय स्तर पर पहल को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग: डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संसाधनों और प्रशिक्षण को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाया जा रहा है, जो समावेशिता को बढ़ावा देता है।
  • निरंतर सुधार: फीडबैक और नियमित मूल्यांकन के आधार पर मंच को अपडेट किया जाएगा, ताकि यह छात्रों की बदलती जरूरतों के अनुरूप रहे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) :

परिचय :

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित की गई थी।
  • यह नीति 1986 में जारी हुई पिछली शिक्षा नीति के बाद पहली बार व्यापक बदलाव लेकर आई है।
  • नीति का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना और शिक्षा को समावेशी, समग्र, लचीला तथा 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।

मुख्य उद्देश्य :

  • 2030 तक 100% सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio) प्राप्त करना।
  • शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6% तक सार्वजनिक व्यय सुनिश्चित करना।
  • गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और समान शिक्षा सबके लिए उपलब्ध कराना।
  • छात्रों के सर्वांगीण विकास (शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक) पर बल देना।
  • तकनीकी, व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना।

प्रमुख विशेषताएँ :

 

क्षेत्र विशेषताएँ
स्कूली शिक्षा
  • 5+3+3+4 संरचना (3-18 वर्ष की आयु के लिए)
  • कक्षा 5 तक मातृभाषा/स्थानीय भाषा में शिक्षा पर बल
  • प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ECCE) पर ज़ोर
  • ड्रॉपआउट दर कम करना और सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करना
उच्च शिक्षा
  • मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम
  • स्नातक कोर्स 3 या 4 वर्ष के, बीच में छोड़ने पर सर्टिफिकेट/डिप्लोमा
  • भारतीय उच्च शिक्षा परिषद (HECI) के तहत एकल नियामक निकाय
  • रिसर्च और नवाचार को बढ़ावा
भाषा नीति
  • तीन-भाषा फॉर्मूला
  • कम-से-कम दो भारतीय भाषाएँ अनिवार्य
  • मातृभाषा को प्राथमिकता
शिक्षक प्रशिक्षण
  • शिक्षकों के लिए बेहतर प्रशिक्षण और मूल्यांकन व्यवस्था
  • शिक्षकों की योग्यता और क्षमता विकास पर ज़ोर
अन्य पहलें
  • डिजिटल शिक्षा, वर्चुअल लैब्स, टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन
  • व्यावसायिक शिक्षा का स्कूली स्तर से समावेश
  • समावेशी और समान शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

संरचना (5+3+3+4) :

  • 5 वर्ष: फाउंडेशनल स्टेज (3 साल प्री-प्राइमरी + कक्षा 1-2)
  • 3 वर्ष: प्रिपरेटरी स्टेज (कक्षा 3-5)
  • 3 वर्ष: मिडिल स्टेज (कक्षा 6-8)
  • 4 वर्ष: सेकेंडरी स्टेज (कक्षा 9-12)

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) :

  • भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को कक्षा 6वीं से 12वीं तक नि:शुल्क, गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान करना है।
  • शुरुआत: EMRS योजना की शुरुआत वर्ष 1997-98 में हुई थी और इसे जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाता है।
  • प्रशासन: इन विद्यालयों का संचालन राष्ट्रीय जनजातीय छात्र शिक्षा समिति (NESTS) द्वारा किया जाता है, जो जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है।

स्थापना और विस्तार:

  • 2018-19 में योजना का पुनर्गठन हुआ, जिसके बाद अब ये स्कूल उन ब्लॉकों में खोले जा रहे हैं, जहाँ 50% से अधिक ST आबादी और कम-से-कम 20,000 जनजातीय व्यक्ति रहते हैं।
  • 2026 तक 728 EMRS स्थापित करने का लक्ष्य है।
  • अनुदान: इन विद्यालयों की स्थापना संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान देकर की जाती है।

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