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डिजिटल इंडिया पहल (DII) : 10 वर्ष पूरे

Tue 01 Jul, 2025

संदर्भ :

  • माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल (Digital India Initiative : DII) ने 1 जुलाई 2025 को अपनी स्थापना के 10 वर्ष पूरे किए।

मुख्‍य बिन्‍दु :

डिजिटल इंडिया पहल (Digital India Initiative) – सामान्य जानकारी :

  • भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है
  • शुरूआत : 1 जुलाई 2015
  • शुभारंभकर्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • नोडल मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
  • उद्देश्य : देश को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना
  • एक व्यापक कार्यक्रम है जो विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों तथा राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की अनेक परियोजनाओं को कवर करता है

मुख्य उद्देश्य (Key Objectives):

  • डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास
  • सेवाओं की डिलीवरी को आसान और पारदर्शी बनाना
  • नागरिकों को डिजिटल सशक्त बनाना

डिजिटल इंडिया के 9 स्तंभ (Nine Pillars):

  1. ब्रॉडबैंड हाइवे (Broadband Highways)
  2. सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम
  3. ई-गवर्नेंस – सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार
  4. ई-क्रांति – इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी ऑफ सर्विसेस
  5. सूचना के लिए यूनिवर्सल एक्सेस
  6. इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
  7. आईटी फॉर जॉब्स (IT for Jobs)
  8. अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम
  9. डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy)

डिजिटल इंडिया के अंतर्गत प्रमुख फोकस क्षेत्र और सेवाएं :

  • डिजिटल इंडिया ने पूरे देश में मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है।
  • मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार लगभग हर गांव तक हो चुका है। सार्वजनिक इंटरनेट केंद्रों ने सभी के लिए पहुँच खोल दी है।
  • डिजिटल सेवाओं ने शासन को तेज़ और अधिक पारदर्शी बना दिया है। इन प्रयासों ने वास्तव में कनेक्टेड इंडिया की नींव रखी है।
  • दूरसंचार और इंटरनेट प्रवेश :
  • भारत में कुल टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 में 93.3 करोड़ से बढ़कर अप्रैल 2025 में 120 करोड़ से अधिक हो जाएंगे , तथा टेली-घनत्व अक्टूबर 2024 तक 75.23% से बढ़कर 84.49% हो जाएगा।
  • मार्च 2014 और अक्टूबर 2024 के बीच शहरी कनेक्शन 555.23 मिलियन से बढ़कर 661.36 मिलियन हो गए , और ग्रामीण कनेक्शन 377.78 मिलियन से बढ़कर 527.34 मिलियन हो गए।

इंटरनेट और ब्रॉडबैंड :

  • इंटरनेट : मार्च 2014 में 25.15 करोड़ से बढ़कर जून 2024 में 96.96 करोड़, जो 285.53% की वृद्धि है
  • ब्रॉडबैंड कनेक्शन : मार्च, 2014 में 6.1 करोड़ से बढ़कर अगस्त, 2024 में 94.92 करोड़, जो 1452% की वृद्धि है
  • दिसंबर 2024 तक देश के 6,44,131 गांवों में से 6,15,836 गांवों में 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी होगी

5G और कनेक्टिविटी :

  • अक्टूबर 2022 में 5G लॉन्च हुआ
  • 22 महीनों में, भारत ने 4.74 लाख 5G टावर स्थापित किए, जो 99.6% जिलों को कवर करता है।
  • 2023-24 में, 2.95 लाख टावर जोड़े गए
  • यह मजबूत मोबाइल नेटवर्क 2025 में 116 करोड़ उपयोगकर्ताओं को सपोर्ट करेगा
  • 11 सालों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में 285% की वृद्धि हुई है।
  • 2014 में डेटा की लागत ₹308 प्रति जीबी से घटकर 2022 में सिर्फ़ ₹9.34 रह गई है, जिससे इंटरनेट सभी के लिए ज़्यादा किफ़ायती हो गया है

भारतनेट: गांवों को इंटरनेट से जोड़ना :

  • लान्‍च : अक्टूबर 2011 (NOFN के रूप में), 2015 (BharatNet के रूप में), चरण 1 पूरा: दिसम्बर 2017
  • जनवरी 2025 तक भारतनेट ने 2.18 लाख से ज़्यादा ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ दिया है।
  • करीब 6.92 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है, जिससे कई गांवों तक इंटरनेट पहुंच गया है।

डिजिटल वित्त और समावेशन:

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) :

  • शुरुआत: 11 अप्रैल 2016
  • विकासकर्ता संस्था: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI - National Payments Corporation of India)
  • नियामक संस्था: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
  • उद्देश्य: मोबाइल प्लेटफॉर्म पर तत्काल, सुरक्षित और एकीकृत बैंकिंग लेनदेन की सुविधा प्रदान करना
  • लगभग 460 मिलियन लोग और 65 मिलियन व्यापारी UPI का उपयोग करते हैं।
  • अप्रैल 2025 में, एक महीने में ₹ 24.77 लाख करोड़ मूल्य के 1,867.7 करोड़ से अधिक UPI लेनदेन किया गया

आधार:

  • शुरुआत: आधार परियोजना की शुरुआत 2009 में हुई थी।
  • नोडल एजेंसी: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)
  • संचालन: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
  • पहला आधार जारी: 29 सितंबर 2010, महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में
  • अप्रैल 2025 तक [1] 142 करोड़ आधार आईडी तैयार किए जा चुके हैं।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT):

  • शुभारंभ : जनवरी 2013
  • शुरुआत: 43 जिलों में पायलट परियोजना के रूप में
  • उद्देश्य (Objectives): सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता बढ़ाना, नकली लाभार्थियों को समाप्त करना, समय पर और सही व्यक्ति को भुगतान सुनिश्चित करना, प्रशासनिक लागत में कमी
  • सरकार को 2015 से मार्च 2023 के बीच ₹ 3.48 लाख करोड़ से अधिक की बचत कराई
  • मई 2025 तक, डीबीटी के माध्यम से ₹ 44 लाख करोड़ हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
  • 5.87 करोड़ से अधिक अयोग्य राशन कार्ड और 4.23 करोड़ डुप्लिकेट एलपीजी कनेक्शन रद्द किए गए

डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC):

  • पायलट चरण: अप्रैल 2022
  • राष्ट्रीय स्तर पर रोलआउट: 2023 से
  • विकासकर्ता: भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India - QCI)
  • उद्देश्य (Objectives): डिजिटल कॉमर्स को एक ओपन नेटवर्क के रूप में विकसित करना, छोटे व्यवसायों और किराना दुकानों को ऑनलाइन लाना, डिजिटल मार्केटप्लेस में एकाधिकार (monopoly) को तोड़ना, ग्राहकों को अधिक विकल्प और बेहतर कीमत देना
  • जनवरी 2025 तक, यह 616+ शहरों को कवर करेगा और 7.64 लाख से ज़्यादा विक्रेता और सेवा प्रदाता पंजीकृत होंगे।

सरकारी ई-बाज़ार (GeM):

  • भारत सरकार का एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है, जो सरकारी विभागों, मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) को सामान और सेवाएं खरीदने और बेचने की सुविधा देता
  • शुभारंभ : अगस्त 2016
  • नोडल मंत्रालय: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
  • प्रबंधन: GeM SPV (Special Purpose Vehicle) द्वारा
  • जनवरी 2025 तक वित्त वर्ष 2024-25 के सिर्फ़ 10 महीनों में ₹ 4.09 लाख करोड़ का सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 50% की वृद्धि दर्शाता है
  • इसमें 1.6 लाख से ज़्यादा सरकारी खरीदार और 22.5 लाख से ज़्यादा विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं।

इंडियाएआई मिशन:

  • उद्देश्य : देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और समावेशी विकास के लिए AI का उपयोग बढ़ाना
  • घोषणा: बजट 2023-24 में
  • मंज़ूरी: मार्च 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा
  • क्रियान्वयन एजेंसी: डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (MeitY के अंतर्गत)
  • नोडल मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
  • लक्ष्य : पांच वर्षों में ₹10,371.92 करोड़ के बजट के साथ एक मजबूत और समावेशी एआई पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना
  • 30 मई 2025 तक, भारत की राष्ट्रीय कंप्यूटिंग शक्ति 34,000 GPU को पार कर गई

इंडियाएआई मिशन के प्रमुख स्तंभ:

  • इंडियाएआई इनोवेशन सेंटर : स्वदेशी बड़े मल्टीमॉडल मॉडल और डोमेन-विशिष्ट आधारभूत मॉडल विकसित और तैनात करता है
  • इंडियाएआई अनुप्रयोग विकास पहल : बड़े पैमाने पर सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के लिए स्केलेबल एआई समाधान को बढ़ावा देती है
  • AIKosh प्लेटफ़ॉर्म : डेटासेट, मॉडल, AI सैंडबॉक्स वातावरण और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उपकरणों के लिए एक एकीकृत केंद्र
  • इंडियाएआई कंप्यूट क्षमता : सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से 10,000 से अधिक जीपीयू के साथ एक स्केलेबल इकोसिस्टम का निर्माण करता है (अब 34,000 जीपीयू को पार कर गया है)
  • इंडियाएआई स्टार्टअप फाइनेंसिंग : नवीन परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण तक पहुंच में सुधार करके डीप-टेक एआई स्टार्टअप को गति प्रदान करता है
  • इंडियाएआई फ्यूचरस्किल्स : सभी स्तरों पर एआई शिक्षा का विस्तार करता है और टियर 2 और टियर 3 शहरों में डेटा और एआई लैब स्थापित करता है
  • सुरक्षित और विश्वसनीय एआई : उपकरण, चेकलिस्ट और शासन ढांचे के माध्यम से जिम्मेदार और नैतिक एआई विकास सुनिश्चित करता है।

भारत सेमीकंडक्टर मिशन:

  • उद्देश्य : एक मजबूत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम का निर्माण करना
  • घोषणा: दिसंबर 2021
  • मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
  • क्रियान्वयन निकाय: डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के तहत एक विशेष स्वतंत्र व्यवसायिक डिवीज
  • 14 मई 2025 तक ₹ 1.55 लाख करोड़ की छह सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी
  • वीनतम परियोजना HCLऔर फॉक्सकॉन के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो उत्तर प्रदेश के जेवर हवाई अड्डे के पास एक डिस्प्ले चिप इकाई का निर्माण करेगी।

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