02 July, 2025
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय का उद्घाटन
Sun 29 Jun, 2025
संदर्भ :
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जून 2025 को तेलंगाना के निज़ामाबाद में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय का उद्घाटन का उद्घाटन किया।
मुख्य बिन्दु :
- राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board - NTB) का गठन भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा हल्दी के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, अनुसंधान और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
- इसकी स्थापना की अधिसूचना 4 अक्टूबर 2023 को जारी की गई, एवं इसका उद्घाटन 14 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा किया गया।
- इससे पहले हल्दी को मसाला बोर्ड में रखा गया था।
- राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने उत्पाद-समर्पित बोर्डों की संख्या छह कर दी है।
- इससे पहले मंत्रालय के अंतर्गत केवल पाँच प्रमुख उत्पादों—चाय, कॉफी, रबर, मसाले और तंबाकू—के लिए बोर्ड थे
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन का मुख्य उद्देश्य और कार्य :
- हल्दी से संबंधित मामलों में नेतृत्व प्रदान करना और विकास एवं विस्तार के प्रयासों को बढ़ावा देना
- हल्दी के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, विपणन, अनुसंधान और निर्यात को बढ़ावा देना
- हल्दी किसानों की आय में वृद्धि करना और उनकी आजीविका को सशक्त बनाना
- स्पाइसेस बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना
- हल्दी के नए उत्पादों का विकास और वैश्विक बाजार में भारतीय हल्दी की हिस्सेदारी बढ़ाना
- हल्दी के स्वास्थ्य और कल्याण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना
संरचना:
- अध्यक्ष : केन्द्र सरकार नियुक्त
सदस्य :
- आयुष मंत्रालय के प्रतिनिधि (फार्मास्युटिकल विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग, वाणिज्य और उद्योग विभाग)
- तीन हल्दी उत्पादक राज्यों (जैसे -महाराष्ट्र, तेलंगाना, मेघालय) के वरिष्ठ राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन आधार पर)
- अनुसंधान में शामिल राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय संस्थानों के विशेषज्ञ
- हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधि
- वाणिज्य विभाग द्वारा नियुक्त एक सचिव (बोर्ड की प्रशासनिक गतिविधियों की देखरेख करता है)
नोडल मंत्रालय:
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
हल्दी/गोल्डन स्पाइस - सामान्य जानकारी :
- यह एक प्राकृतिक संकेतक है, जो विलयन के pH के अनुसार रंग बदलता है
- एक राइजोम (भूमिगत तना) है
- मृदा: अच्छी जल निकासी वाली बलुई या चिकनी दोमट मिट्टी
- वैज्ञानिक नाम: करकुमा लोंगा (Curcuma longa)
- परिवार: Zingiberaceae (अदरक कुल)
- प्राकृतिक रूप: भूमिगत तना (राइजोम)
- उपनाम: "गोल्डन स्पाइस" / "Golden Spice"
- मुख्य घटक: कर्क्यूमिन (Curcumin) – पीले रंग का रासायनिक यौगिक जो इसके औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार होता है।
- करक्यूमिनॉयड्स : हल्दी में पाए जाने वाले प्राकृतिक फेनोलिक यौगिकों का एक वर्ग
कृषि और पर्यावरण:
- मृदा: बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी, जिसमें जल निकासी अच्छी हो
- जलवायु: गर्म और आर्द्र (उष्णकटिबंधीय क्षेत्र)
- बुवाई का समय: जून–जुलाई (मानसून)
- कटाई का समय: फरवरी–मार्च
- प्रमुख उत्पादन : महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु
- भारत के हल्दी उत्पादन में तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश का योगदान लगभग 63.4% है
- भारत विश्व स्तर पर हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है
- प्रमुख निर्यात : बाज़ारों में बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया
- भारत की वैश्विक हल्दी व्यापार में 62% की हिस्सेदारी है।
- लक्ष्य: केंद्र सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत के हल्दी निर्यात को एक अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है
- GI टैग प्राप्त भारतीय हल्दी : लाकाडोंग हल्दी (मेघालय), कंधमाल हल्दी (ओडिशा), इरोड हल्दी (तमिलनाडु), अरमूर हल्दी (निज़ामाबाद, तेलंगाना)