02 July, 2025
समुद्री क्षेत्र के लिए प्रथम भारतीय NBFC : सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड
Sat 28 Jun, 2025
संदर्भ :
- केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के द्वारा प्रथम भारतीय गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company : NBFC) सागरमाला वित्त निगम लिमिटेड (Sagarmala Finance Corporation Limited : SMFCL) का उद्घाटन किया गया।
मुख्य बिन्दु :
- उद्घाटन में शामिल प्रमुख व्यक्तित्व : केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर और जल संसाधन सचिव टीके रामचंद्रन
- यह पहल ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य और समुद्री अमृत काल विजन 2047 की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
- SMFCL को भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 जून 2025 को आधिकारिक रूप से NBFC के रूप में पंजीकृत किया है और इसे मिनी रत्न, श्रेणी-I, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम का दर्जा प्राप्त है।
उद्देश्य और कार्यक्षेत्र :
- SMFCL का मुख्य उद्देश्य भारत के समुद्री क्षेत्र में वित्तीय अंतर को पाटना और क्षेत्र-विशिष्ट वित्तीय समाधान उपलब्ध कराना है।
- यह पोर्ट अथॉरिटीज, शिपिंग कंपनियों, MSME, स्टार्टअप्स, जहाज निर्माण, लॉजिस्टिक्स, क्रूज़ टूरिज्म, नवीकरणीय ऊर्जा, मत्स्य पालन, और समुद्री शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों को लघु, मध्यम और दीर्घकालिक ऋण प्रदान करेगी।
- SMFCL द्वारा दिए जाने वाले वित्तीय उत्पादों में कस्टमाइज्ड शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म फंडिंग शामिल है, जिससे समुद्री क्षेत्र की विविध आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।
सागरमाला वित्त निगम लिमिटेड (SMFCL) :
- स्थापना : अगस्त 2016(कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत)
- पूर्व नाम: सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (SDCL)
- वर्तमान नाम: सागरमाला वित्त निगम लिमिटेड (SMFCL)
- NBFC के रूप में पंजीकृत : 19 जून 2025, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा
- दर्जा : मिनी रत्न, श्रेणी-I, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम
- प्रशासनिक नियंत्रण : बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय
- प्रबंधन: प्रमुख प्रबंधक और निदेशक मंडल में Ports विभाग के सदस्य शामिल हैं
- अध्यक्ष : टी के रामचंद्रन, सचिव, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय
सागरमाला कार्यक्रम :
- केंद्रीय पत्तन, पोत-परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है
- शुरूआत : मार्च 2015
- उद्देश्य : भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तट रेखा और लगभग 14,500 किलोमीटर नौवहन-योग्य जलमार्ग क्षमता का उपयोग करके देश में आर्थिक विकास को गति प्रदान करना
- लक्ष्य : घरेलू परिवहन तथा आयात-निर्यात कार्गो की लॉजिस्टिक्स लागत को भी कम करना
प्रमुख घटक/स्तंभ:
- बंदरगाह आधुनिकीकरण एवं विकास: मौजूदा बंदरगाहों का उन्नयन, मशीनीकरण और नए ग्रीनफील्ड बंदरगाहों का विकास।
- बंदरगाह कनेक्टिविटी में सुधार: सड़क, रेल, अंतर्देशीय जलमार्ग और मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स के माध्यम से बेहतर संपर्क
- बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण: बंदरगाहों के पास औद्योगिक क्लस्टर और तटीय आर्थिक क्षेत्र विकसित करना
- तटीय समुदायों का विकास: कौशल विकास, मत्स्य पालन, पर्यटन और आजीविका के अवसर बढ़ाना
- तटीय नौवहन एवं अंतर्देशीय जल परिवहन: पर्यावरण-अनुकूल जल परिवहन को बढ़ावा देना
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) :
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) वह कंपनी है जो कंपनी अधिनियम, 1956 या 2013 के तहत पंजीकृत होती है और जिसका मुख्य कार्य ऋण और अग्रिम देना, विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों (जैसे शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर आदि) में निवेश करना, पट्टा (लीजिंग), किराया-खरीद (हायर-पर्चेज), बीमा, चिट फंड आदि वित्तीय सेवाएं प्रदान करना होता है, लेकिन यह बैंक नहीं होती।
NBFC और बैंक के बीच अंतर:
बिंदु | बैंक | NBFC |
लाइसेंस | बैंकिंग लाइसेंस आवश्यक | बैंकिंग लाइसेंस नहीं |
डिमांड डिपॉजिट | स्वीकार कर सकते हैं | स्वीकार नहीं कर सकते |
चेक जारी करने की सुविधा | होती है | नहीं होती |
RBI विनियमन | सीधे RBI अधिनियम के तहत | RBI द्वारा NBFC संबंधी प्रावधानों के तहत |
- नियंत्रित और विनियमित : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा
भारत में NBFC के प्रकार:
- Loan Companies (LC) : ऋण देने वाली कंपनियाँ
- Investment Companies (IC) : निवेश आधारित
- Asset Finance Companies (AFC) : वाहन, मशीनरी आदि की फाइनेंसिंग
- Infrastructure Finance Companies (IFC)
- Micro Finance Institutions (MFI) : छोटे ऋण देने वाली
- Core Investment Companies (CIC) : होल्डिंग कंपनियाँ
- Housing Finance Companies (HFC) : गृह ऋण
NBFCs से संबंधित उदाहरण:
- बजाज फाइनेंस लिमिटेड
- महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज
- मणप्पुरम फाइनेंस
- Shriram Transport Finance