02 July, 2025
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025
Thu 26 Jun, 2025
ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) 2025, जिसे इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा प्रकाशित किया गया है, दुनिया के 163 देशों और क्षेत्रों को उनकी शांति के स्तर के आधार पर रैंक करता है। यह सूचकांक 23 संकेतकों पर आधारित है जिन्हें तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष की स्थिति
- सामाजिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था
- सैन्यीकरण (Militarisation)
ग्लोबल रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ
पैरामीटर | विवरण |
सबसे शांतिपूर्ण देश | आइसलैंड (लगातार 17वें वर्ष पहले स्थान पर) |
सबसे अशांत देश | अफगानिस्तान (163वां स्थान) |
वैश्विक शांति की प्रवृत्ति | कुल मिलाकर 0.56% की गिरावट, लगातार गिरावट की प्रवृत्ति जारी |
सबसे बेहतर सुधार वाला देश | यूक्रेन (संघर्ष विराम और मृत्यु में गिरावट के कारण) |
सबसे अधिक खराब प्रदर्शन वाला | सूडान (गृहयुद्ध और मानवीय संकट के कारण) |
भारत का प्रदर्शन (India's Performance)
पैरामीटर | 2024 | 2025 |
रैंक (163 देशों में) | 126वां | 115वां |
स्कोर | 2.242 | 2.229 |
सुधार | — | 0.58% सुधार |
मुख्य बिंदु:
- भारत ने 11 स्थानों का सुधार किया है, जो पिछले 10 वर्षों में सर्वश्रेष्ठ है।
- अपराध दर, राजनीतिक स्थिरता, और सीमा विवाद में कमी के संकेत मिले हैं।
- हालांकि, भारत अभी भी पाकिस्तान को छोड़कर सभी SAARC देशों से नीचे है।
भूराजनीतिक परिप्रेक्ष्य (Geopolitical Context)
विश्व संकट और सैन्य खर्च में वृद्धि
- रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-गाज़ा संघर्ष, और रेड सी क्षेत्र में तनाव के कारण शांति सूचकांक प्रभावित हुआ है।
- वैश्विक सैन्य खर्च इतिहास में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच चुका है।
शांति में सुधार के कारक
- इथियोपिया, यमन, और कोलंबिया में संघर्ष विराम से शांति में सुधार हुआ है।
- अफ्रीका और पश्चिम एशिया में संयुक्त राष्ट्र की शांति मिशनों ने मदद की है।
क्षेत्रीय तुलना तालिका (Regional Comparison)
क्षेत्र | सबसे शांतिपूर्ण देश | सबसे अशांत देश |
दक्षिण एशिया | भूटान | अफगानिस्तान |
एशिया-पैसिफिक | न्यूजीलैंड | उत्तर कोरिया |
यूरोप | आइसलैंड | यूक्रेन |
पश्चिम एशिया | क़तर | सीरिया |
अफ्रीका | मॉरीशस | सूडान |
भारत के सुधार के मायने
- आंतरिक सुरक्षा में मजबूती, विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा में कमी।
- सीमा सुरक्षा और आतंक विरोधी उपायों में बढ़ोतरी।
- डिजिटल पुलिसिंग और आंतरिक सुधार जैसे अभियानों का प्रभाव।
- भारत की भूमिका संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सक्रिय रही है।
हालांकि, कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं:
- सांप्रदायिक तनाव, सीमा विवाद, और राजनीतिक ध्रुवीकरण।
निष्कर्ष
- ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025 ने यह दर्शाया है कि वैश्विक स्तर पर शांति की स्थिति में गिरावट जारी है, लेकिन भारत का 115वां स्थान एक सकारात्मक संकेत है। यदि भारत को 'विश्वगुरु' बनना है, तो सतत आंतरिक और क्षेत्रीय शांति इसकी प्राथमिक नीति होनी चाहिए।