23 June, 2025
B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर
Mon 23 Jun, 2025
हाल ही में अमेरिकी वायुसेना ने B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर की एक दुर्लभ सार्वजनिक उड़ान यूरोपीय आकाश में की, जो NATO सैन्य अभ्यास का हिस्सा थी। इस उड़ान ने वैश्विक रणनीतिक हलकों का ध्यान आकर्षित किया है, विशेषकर रूस-यूक्रेन संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में।
B-2 स्पिरिट क्या है?
- B-2 स्पिरिट अमेरिका द्वारा विकसित एक दीर्घ-मार्गी (Long Range), स्टील्थ रणनीतिक बॉम्बर है, जिसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन (Northrop Grumman) द्वारा डिजाइन किया गया था। यह 1989 में पहली बार प्रदर्शित हुआ और 1997 में संचालन में आया।
- इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह शत्रु के रडार को चकमा देकर परमाणु और पारंपरिक बमों को लक्ष्य तक पहुंचा सकता है, वह भी अत्यंत गोपनीयता के साथ।
मुख्य विशेषताएँ:
विशेषता | विवरण |
स्टील्थ तकनीक | रडार अवशोषित करने वाली सामग्री और फ्लाइंग विंग डिज़ाइन का प्रयोग |
पेलोड क्षमता | अधिकतम 40,000 पाउंड हथियार ले जाने में सक्षम |
मार्ग क्षमता |
बिना ईंधन भराए 11,000 किमी तक उड़ान, ईंधन भराई के साथ असीमित |
क्रू | दो सदस्यीय चालक दल |
गति |
लगभग 900 किमी/घंटा, सबसोनिक स्पीड |
रणनीतिक महत्त्व:
1. बल प्रक्षेपण (Force Projection):
बिना किसी विदेशी आधार पर निर्भर हुए, B-2 किसी भी देश की सीमा में घुसकर हमला कर सकता है।
2. परमाणु प्रतिरोधक शक्ति:
यह अमेरिका के न्यूक्लियर ट्रायड (ICBM, SLBM और एयरबेस्ड बॉम्बर) का तीसरा और महत्वपूर्ण हिस्सा है।
3. सटीक हमले की क्षमता:
इसमें लगे आधुनिक टारगेटिंग सिस्टम से न्यूनतम कोलैटरल डैमेज के साथ सटीक हमला संभव है।
4. कूटनीतिक संदेशवाहक:
NATO अभ्यासों में इसकी भागीदारी रूस और चीन जैसे विरोधियों को रणनीतिक चेतावनी का संकेत देती है।
हाल की घटनाएँ:
- 2024–25 में NATO अभ्यास के दौरान, अमेरिका ने B-2 की उड़ान को सार्वजनिक किया।
- इसके उन्नयन हेतु 'ब्लॉक 30 मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम' चलाया जा रहा है जिसमें नई एवियोनिक्स, सॉफ्टवेयर और डिफेंसिव सिस्टम जोड़े जा रहे हैं।
- भविष्य में इसे आंशिक रूप से B-21 रेडर से प्रतिस्थापित किया जाएगा, जो 2027 तक संचालन में आ सकता है।
भारत के लिए प्रासंगिकता:
- भारत के पास B-2 जैसा कोई रणनीतिक बॉम्बर नहीं है, लेकिन चीन की क्षमताओं को देखते हुए ऐसे प्लेटफॉर्म्स की समझ भारत के लिए जरूरी है।
- भारत का AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट स्टील्थ तकनीक के विकास में प्रेरणा ले सकता है।
- भारत अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भागीदारी करता है जहाँ स्टील्थ और रणनीतिक हवाई ताकत की समझ जरूरी हो जाती है।