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वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Global Energy Transition Index - ETI) 2025

Sun 22 Jun, 2025

संदर्भ :

  • विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum - WEF) ने वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Global Energy Transition Index - ETI) 2025 जारी किया है, जो 118 देशों के ऊर्जा प्रणालियों के प्रदर्शन और ऊर्जा संक्रमण की तैयारी का मूल्यांकन करता है।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • रिर्पोट का उद्देश्य : ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी), और समानता (इक्विटी) के तीन मुख्य स्तंभों के आधार पर देशों की रैंकिंग करना ।

प्रमुख आयाम:

  • ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security): ऊर्जा आपूर्ति की विश्वसनीयता और आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता।
  • स्थिरता (Sustainability): नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने की दर और कार्बन उत्सर्जन में कमी।
  • समानता (Equity): किफायती और सभी के लिए सुलभ ऊर्जा पहुंच।

तत्परता कारक:

  • राजनीतिक प्रतिबद्धता
  • निवेश और वित्तपोषण
  • नवाचार और प्रौद्योगिकी
  • अवसंरचना विकास
  • मानव पूंजी और कौशल विकास

प्रमुख तथ्य और वैश्विक रैंकिंग :

  • भारत की स्थिति: भारत इस वर्ष 71वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष के 63वें स्थान से 8 स्थान नीचे गिरा है।
  • शीर्ष देश: स्वीडन (1), फिनलैंड (2), डेनमार्क (3), नॉर्वे (4), और स्विट्ज़रलैंड (5) शीर्ष 5 में हैं।
  • अन्य उल्लेखनीय देश: चीन 12वें, अमेरिका 17वें, पाकिस्तान 101वें, और कांगो अंतिम स्थान पर है।
  • सुधार: भारत ने ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा निवेश क्षमता, मीथेन उत्सर्जन में कमी, और ऊर्जा पहुंच में उल्लेखनीय सुधार किया है।

वैश्विक परिदृश्य और चुनौतियाँ :

  • स्वच्छ ऊर्जा निवेश: 2024 में विश्व स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा में लगभग 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ।
  • कार्बन उत्सर्जन: इसके बावजूद, वैश्विक कार्बन उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर 37.8 बिलियन टन पर पहुंच गया।
  • ऊर्जा मांग: ऊर्जा की मांग में 2.2% की वृद्धि हुई, मुख्यतः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा सेंटर्स और शीतलन आवश्यकताओं के कारण।
  • भूराजनीतिक तनाव: ऊर्जा संक्रमण की गति पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।
  • समान प्रगति: केवल 28% देशों ने ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और समानता के सभी तीन आयामों में सुधार किया है।

ऊर्जा मांग में अभूतपूर्व वृद्धि :

  • 2024 में वैश्विक ऊर्जा मांग 2.2% बढ़ी, जो पिछले कई वर्षों में सबसे तेज वृद्धि है।

वृद्धि के प्रमुख कारण:

  • अत्यधिक गर्मी और शीतलन की बढ़ती जरूरतें
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित डेटा सेंटरों की ऊर्जा खपत
  • इलेक्ट्रिफिकेशन की तेज़ी

 अनुमान है कि 2030 तक वैश्विक बिजली मांग में वृद्धि का लगभग 10% हिस्सा केवल AI डेटा सेंटरों से आएगा।

स्वच्छ ऊर्जा निवेश और उत्सर्जन :

  • स्वच्छ ऊर्जा में निवेश 2024 में $2 ट्रिलियन से अधिक रहा, जो 2020 की तुलना में दोगुना है।
  • बावजूद इसके, ऊर्जा से संबंधित कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर 37.8 बिलियन टन पर पहुंच गया।
  • नेट-ज़ीरो लक्ष्यों के अनुरूप 2030 तक प्रति वर्ष $5.6 ट्रिलियन की आवश्यकता है, जो वर्तमान निवेश से बहुत अधिक है।
  • स्वच्छ ऊर्जा निवेश की वृद्धि दर धीमी होकर केवल 11% रह गई है, जो पिछले वर्षों की 24-29% वार्षिक वृद्धि से कम है।

ऊर्जा संक्रमण की असमान प्रगति :

  • ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (ETI) 2025 में वैश्विक स्कोर में केवल 1.1% की मामूली वृद्धि हुई।
  • केवल 28% देशों ने ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और समानता के तीनों आयामों में एक साथ सुधार किया है।
  • कई देश भूराजनीतिक तनाव, पूंजी की कमी और आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

भूराजनीतिक तनाव और आर्थिक दबाव :

  • यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में संघर्षों ने ऊर्जा आपूर्ति और सुरक्षा को प्रभावित किया।
  • मौद्रिक सख्ती और मुद्रास्फीति के कारण पूंजी की लागत बढ़ी, विशेषकर उभरते बाजारों में।
  • उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ऊर्जा मांग में 80% से अधिक वृद्धि हुई, लेकिन स्वच्छ ऊर्जा निवेश का 90% से अधिक हिस्सा उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और चीन में गया।

ऊर्जा सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की चुनौतियाँ :

  • ऊर्जा सुरक्षा स्थिर रही, लेकिन उच्च आयात निर्भरता, ग्रिड की अस्थिरता और सीमित विविधीकरण बाधक बने हुए हैं।
  • डिजिटल बुनियादी ढांचे और अक्षय ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती हिस्सेदारी से ग्रिड पर दबाव बढ़ा है।
  • लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी जैसे ऊर्जा संसाधनों के नियंत्रण को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।

विश्व आर्थिक मंच ( WEF) :

  • स्थापना: 1971
  • संस्थापक: क्लॉस श्वाब (Klaus Schwab)
  • मुख्यालय: कोलॉनी, जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
  • प्रकृति: अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन
  • उद्देश्य: वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक मुद्दों पर सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देना
  • प्रसिद्ध आयोजन: वार्षिक बैठक - दावोस, स्विट्ज़रलैंड

प्रमुख प्रकाशन:

  • वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट (Global Competitiveness Report)
  • वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट (Global Gender Gap Report)
  • वैश्विक जोखिम रिपोर्ट (Global Risks Report)
  • ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Energy Transition Index)

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