23 June, 2025
51वां G7 शिखर सम्मेलन
Wed 18 Jun, 2025
संदर्भ:
- 51वें G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन 15 से 17 जून 2025 तक कनाडा के मेजबानी में अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस (Kananaskis) में आयोजित किया गया।
मुख्य बिन्दु :
- स्थान और तिथि: 15-17 जून 2025, कनानास्किस, अल्बर्टा, कनाडा
- मेजबान: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी
- प्रतिभागी: G7 देश (कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका), यूरोपीय संघ, और आमंत्रित देश (भारत, ब्राजील, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया)
- महत्व: यह शिखर सम्मेलन G7 की 50वीं वर्षगांठ का प्रतीक था, जो 1975 में शुरू हुआ था। यह पहला G7 शिखर सम्मेलन था जिसमें ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (2019 के बाद पहली बार) ने भाग लिया।
मुख्य प्रतिभागी एवं आमंत्रित देश :
- स्थायी सदस्य: कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, यूरोपीय संघ
- आमंत्रित देश: ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, यूक्रेन
- विशेष संगठन: NATO, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक के अध्यक्ष भी आमंत्रित थे।
प्रमुख एजेंडा :
- वैश्विक आर्थिक स्थिरता और वृद्धि : मुद्रास्फीति, आर्थिक मंदी की आशंका, वैश्विक व्यापार में असंतुलन, आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा
- ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल संक्रमण : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिटिकल मिनरल्स, नेट-ज़ीरो लक्ष्य : ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए नवीकरणीय स्रोतों और हरित हाइड्रोजन पर बल
- शांति और सुरक्षा : इज़राइल–ईरान संघर्ष, यूक्रेन–रूस युद्ध, आतंकवाद उन्मूलन, साइबर सुरक्षा
- अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता और शरणार्थियों के संरक्षण पर चर्चा
वैश्विक व्यापार और टैरिफ:
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों, विशेष रूप से ऑटो, स्टील, और एल्यूमीनियम पर, ने चर्चा को प्रभावित किया। कनाडा और यूके ने ट्रंप से टैरिफ कम करने की मांग की।
- AUKUS रक्षा समझौते पर ऑस्ट्रेलिया, यूके, और अमेरिका के बीच चर्चा।
भारत की भूमिका
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी: भारत, G7 का सदस्य न होने के बावजूद, छठी बार आउटरीच पार्टनर के रूप में शामिल हुआ। पीएम मोदी ने साइप्रस यात्रा के बाद कनाडा पहुंचकर शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
- द्विपक्षीय बैठकें: पीएम मोदी ने कनाडा के पीएम मार्क कार्नी, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबॉम, जर्मनी, और इटली के नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चाएं कीं। ट्रंप के साथ मुलाकात नहीं हुई, क्योंकि वे समय से पहले वाशिंगटन लौट गए।
- भारत-कनाडा संबंध: हाल के तनावों (विशेष रूप से 2023 में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद) के बाद, यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने का एक महत्वपूर्ण कदम थी। कार्नी के निमंत्रण को भारत-कनाडा संबंधों में नई शुरुआत के रूप में देखा गया।
- ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व: पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं, जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक स्थिरता, और प्रौद्योगिकी तक पहुंच, को उजागर किया। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (3.57 ट्रिलियन USD GDP) और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में इसकी भूमिका ने इसे G7 के लिए महत्वपूर्ण बनाया।
- ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ: भारत द्वारा अप्रैल 2025 में पहलगाम हमलों के जवाब में पाकिस्तान और PoK में आतंकी ढांचों पर की गई कार्रवाई ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा को प्रभावित किया।
G7 समूह (Group of Seven) :
- वर्ष: 1975
- पहली बैठक: फ्रांस के रामबुइलेट (Rambouillet) में हुई थी।
- स्थापना का उद्देश्य: वैश्विक आर्थिक संकटों का समाधान और समन्वित आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देना।
- वर्तमान जी7 सदस्य -कनाडा, फ्रांस, इटली, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका
- 1998 में रूस को शामिल कर G7 को G8 बना दिया गया था।
- लेकिन 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया के विलय के बाद रूस को निलंबित कर दिया गया और समूह फिर से G7 रह गया।