01 June, 2025
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट 2025
Thu 12 Jun, 2025
संदर्भ :
- प्यू रिसर्च सेंटर की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2020 के दशक में विश्व की धार्मिक आबादी में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय कारकों का परिणाम हैं।
प्रमुख निष्कर्ष:
1. वैश्विक जनसंख्या वृद्धि और धार्मिक समूहों का विकास :
- वैश्विक जनसंख्या वृद्धि: 2010 से 2020 तक विश्व की जनसंख्या 5.9 अरब से बढ़कर लगभग 6.9 अरब हो गई। इस दौरान अधिकांश धार्मिक समूहों की आबादी में भी वृद्धि हुई, लेकिन वृद्धि की दर और पैटर्न अलग-अलग रहे।
ईसाई (Christians):
- 2010 में 2.2 अरब (30.6%) से बढ़कर 2020 में 2.3 अरब (28.8%) हो गए।
- वैश्विक जनसंख्या की तुलना में ईसाइयों का हिस्सा 1.8% कम हुआ, मुख्य रूप से पश्चिमी यूरोप में धर्मत्याग (disaffiliation) और अन्य क्षेत्रों में गैर-ईसाइयों की तेज जनसंख्या वृद्धि के कारण।
- उप-सहारा अफ्रीका में ईसाइयों की हिस्सेदारी 24.8% से बढ़कर 30.7% हो गई, जो अब विश्व के ईसाइयों का सबसे बड़ा क्षेत्र है। यूरोप में यह हिस्सा 25.8% से घटकर 16% रह गया।
मुस्लिम (Muslims):
- मुस्लिम आबादी में सबसे तेज वृद्धि देखी गई, जो 2010 में 1.6 अरब (23.9%) से बढ़कर 2020 में 2.0 अरब (25.6%) हो गई, यानी 34.7 करोड़ की वृद्धि।
- यह वृद्धि उच्च प्रजनन दर (2.9 बच्चे प्रति महिला), युवा जनसंख्या (औसत आयु 24 वर्ष), और कम धर्मत्याग दर के कारण हुई।
- धार्मिक रूप से असंबद्ध (Religiously Unaffiliated/Nones):
- धार्मिक रूप से असंबद्ध लोगों की संख्या 27 करोड़ बढ़कर 1.3 अरब हो गई, जो वैश्विक जनसंख्या का 24.2% है।
- यह वृद्धि मुख्य रूप से ईसाई धर्म छोड़ने वालों के कारण हुई, विशेष रूप से विकसित देशों में जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और चीन।
हिंदू (Hindus):
- हिंदुओं की संख्या 1.0 अरब से बढ़कर 1.1 अरब हो गई, जो वैश्विक जनसंख्या का 14.9% है।
- भारत में हिंदुओं की हिस्सेदारी 80% से थोड़ा कम होकर 79.4% हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी 14.3% से बढ़कर 15.2% हो गई।
बौद्ध (Buddhists):
- बौद्ध आबादी एकमात्र प्रमुख धार्मिक समूह है जिसकी संख्या 2010 में 34.3 करोड़ से घटकर 2020 में 32.4 करोड़ हो गई।
- यह कमी मुख्य रूप से पूर्वी एशिया (विशेष रूप से चीन और जापान) में धर्मत्याग और कम प्रजनन दर (1.6 बच्चे प्रति महिला) के कारण हुई।
यहूदी (Jews):
- यहूदी आबादी 1.4 करोड़ से बढ़कर 1.5 करोड़ हो गई, जो वैश्विक जनसंख्या का 0.2% है।
- 45.9% यहूदी इज़राइल में रहते हैं।
अन्य धर्म (Other Religions):
- अन्य छोटे धर्मों के अनुयायियों की संख्या 15.4 करोड़ से बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई, लेकिन वैश्विक जनसंख्या में उनका हिस्सा 2% पर स्थिर रहा।
2. वृद्धि के प्रमुख कारक
जनसांख्यिकीय कारक:
- प्रजनन दर: मुस्लिमों में सबसे अधिक प्रजनन दर (3.1 बच्चे प्रति महिला) थी, इसके बाद ईसाई (2.7), हिंदू (2.3), और धार्मिक रूप से असंबद्ध (1.7)। बौद्धों की प्रजनन दर सबसे कम (1.6) थी।
- आयु संरचना: मुस्लिम आबादी सबसे युवा थी (औसत आयु 24 वर्ष), जबकि गैर-मुस्लिमों की औसत आयु 33 वर्ष थी। यह युवा आबादी मुस्लिमों की तेज वृद्धि का एक प्रमुख कारण है।
धर्म परिवर्तन (Religious Switching):
- 117 देशों में धर्म परिवर्तन का विश्लेषण किया गया, जो 2010 की वैश्विक जनसंख्या का 92% कवर करता है।
- ईसाई धर्म से धर्मत्याग (विशेष रूप से पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में) धार्मिक रूप से असंबद्ध समूह की वृद्धि का प्रमुख कारण रहा। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में 35% वयस्क अपनी बचपन की धार्मिक पहचान छोड़ चुके हैं।
- मुस्लिमों में धर्मत्याग की दर अपेक्षाकृत कम थी, जिसने उनकी आबादी वृद्धि को और बढ़ावा दिया।
प्रवास (Migration):
- प्रवास ने उत्तरी अमेरिका और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों में मुस्लिम और हिंदू आबादी की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उत्तरी अमेरिका में मुस्लिम आबादी 1.6% (2020) तक बढ़ी, मुख्य रूप से दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व-उत्तरी अफ्रीका से प्रवास के कारण।
- GCC देशों में गैर-मुस्लिम (मुख्य रूप से ईसाई और हिंदू) आबादी में वृद्धि देखी गई, विशेष रूप से ओमान में जहां गैर-मुस्लिम 19% हो गए।
3. क्षेत्रीय रुझान
उप-सहारा अफ्रीका:
- ईसाई आबादी का सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया, जिसमें वैश्विक ईसाइयों का 30.7% हिस्सा है।
- मुस्लिम आबादी भी 33% के साथ महत्वपूर्ण है।
यूरोप:
- धार्मिक रूप से असंबद्ध लोगों की हिस्सेदारी 17% तक बढ़ी, जो धर्मनिरपेक्षता (secularization) के बढ़ते रुझान को दर्शाता है।
- मुस्लिम आबादी 6% तक बढ़ी, मुख्य रूप से प्रवास के कारण।
उत्तरी अमेरिका:
- धार्मिक रूप से असंबद्ध लोगों की हिस्सेदारी 13% बढ़कर 30.2% हो गई।
- मुस्लिम और हिंदू आबादी में क्रमशः 55% और 62% की वृद्धि देखी गई, मुख्य रूप से प्रवास के कारण।
एशिया-प्रशांत:
- सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र, जहां 16.2% वृद्धि दर्ज की गई।
- धार्मिक रूप से असंबद्ध लोगों की सबसे बड़ी आबादी (78%) इस क्षेत्र में, विशेष रूप से चीन में (67%)।
मध्य पूर्व-उत्तरी अफ्रीका:
- मुस्लिम आबादी 94.2% के साथ प्रभुत्व में रही।
- हिंदू आबादी में 62% की वृद्धि, मुख्य रूप से प्रवास के कारण।